विज्ञान और टेक्नोलॉजी

बीएमडब्लू की उड़ने वाली होवर बाइक की शुरू हुई प्री-बुकिंग

उड़ने वाली कार की प्री बुकिंग शुरू हुए अभी कुछ ही दिन बीते थे कि आज जर्मन कंपनी बीएमडब्लू ने फ्लाइंग बाइक की प्री बुकिंग शुरू कर दी।

कंपनी बीएमडब्लू उड़ने वाली बाइक पर बड़ी तेजी से काम कर रही है। कंपनी बीएमडब्लू ने ऐसी बाइक का मॉडल तैयार कर लिया है जो उड़ने में सक्षम होगा।

बीएमडब्लू ने एक होवर बाइक का मॉडल तैयार किया है। होवर बाइक या होवर बोर्ड ऐसा उपकरण होता है जो जमीन से कुछ फीट की ऊंचाई पर चलता है। आसान भाषा में कहें तो ये उपकरण हवा में उड़ता है। बीएमडब्लू ने ऐसी ही एक बाइक का मॉडल तैयार कर लिया है।

कंपनी ने आर 1200 जीएस एडवेंचर मोटरसाइकिल के बेस पर इस मॉडल को तैयार किया है। दिखने में यह मॉडल एकदम किसी फ्यूचरिस्टिक बाइक की तरह ही लगता है। कुछ समय पहले टॉय मेकर कंपनी 'लेगो' ने बीएमडब्लू की एक बाइक का मॉडल तैयार किया था। यह कोई असली बाइक नहीं थी बल्कि उनके खिलौनों से तैयार की गई बाइक थी जिसे बनाने का काम 'लेगो' ने किया था।

प्लास्टिक से बनाई गई वह बाइक लोगों को काफी पंसद आई थी। उसी से प्रेरणा लेते हुए बीएमडब्लू ने खुद R 1200 GS बाइक का होवर मॉडल बनाया है। दिखने में यह मॉडल बेहद खूबसूरत है। इसे वाकई काफी अच्छी लुक्स दी गई हैं। बाइक की सीट, हैंडल, सस्पेंशन, इंजिन सब एकदम असली नजर आता है।

उड़ने वाली कार की बिक्री शुरू

रोड पर ट्रैफिक की बढ़ती समस्या से निजात दिलाने के लिए फ्लाइंग कार अब कांसेप्ट से जल्द ही रोड से दौड़ते हुए हवा में उड़ती नजर आएगी। डच कार कंपनी पैल-वी ने उड़ने वाली कार चलाने के सपने को हकीकत में बदल दिया है।

दुनिया की पहली कमर्शियल उड़ने वाली कार की बिक्री आम लोगों के लिए शुरू कर दी है। ग्राहक दो उड़ने वाली कारें, लिबर्टी स्पोर्ट और लिबर्टी पायनियर की प्री-बुकिंग शुरू कर सकते हैं।

मात्र 6.60 से 16.70 लाख रुपए देकर लिबर्टी स्पोर्ट और लिबर्टी पायनियर को बुक कर सकते हैं। कंपनी ने लिबर्टी स्पोर्ट की कीमत 2 करोड़ 70 लाख रुपए और लिबर्टी पायनियर की कीमत 4 करोड़ 1 लाख रुपए रखी है। कार की डिलेवरी यूरोप में 2018 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

इस कार को कॉपटर बनने में 10 मिनट लगता है। जमीन पर ये कार 161 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। हवा में 112 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकेंगी। एक लीटर इंधन में ये 11 किलोमीटर चलेंगी।

एक्स्ट्रा पैसे देने पर खरीदारों को ट्रेनिंग सेशन और सारे ही उपकरणों का डिस्प्ले देखने को मिलेगा। इन कारों में फोल्ड किए जा सकने वाले रोटर ब्लेड लगे हैं जो जमीन पर फोल्ड रहेंगे और उड़ने के लिए हेलीकॉप्टर की तरह घूमेंगे।

पैल-वी ने दो कार लिबर्टी स्पोर्ट और लिबर्टी पायनियर की बिक्री शुरू की है। लिबर्टी स्पोर्ट की कीमत 4 लाख डॉलर (2.70 करोड़ रुपए) और लिबर्टी पायनियर की कीमत 6 लाख डॉलर (4.1 करोड़ रुपए) तय की गई है। लिबर्टी स्पोर्ट को 6.60 लाख रुपए देकर बुक कर सकते हैं। लिबर्टी पायनियर को रिजर्व करने के लिए 16.70 लाख रुपए खर्च करने होंगे। बुकिंग के लिए दिए हुए पैसे नॉन रिफंडेबल है।

इसरो ने एक साथ 104 सैटेलाइट अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचा

आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक और कामयाबी हासिल कर ली। इसरो ने पीएसएलवी-सी37 से एक साथ 104 उपग्रह प्रक्षेपित कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।

इसरो का यह मिशन भारत की अंतरिक्ष में एक मजबूत मौजूदगी दर्ज करवाएगा। इसरो ने पीएसएलवी-सी 37 के जरिए सुबह 9 बजकर 28 मिनट पर 104 उपग्रहों को प्रक्षेपित किया।

अब तक रूस के पास एक साथ सबसे अधिक उपग्रह छोड़ने का रिकॉर्ड है। उसने 37 उपग्रहों को एक साथ प्रक्षेपित कर यह मुकाम हासिल किया था। इसरो भी जून 2015 में एक साथ 23 उपग्रह प्रक्षेपित कर अपनी काबलियत साबित कर चुका है।

इस मिशन में मुख्य उपग्रह 714 किलोग्राम वजन वाला कार्टोसेट-2 सीरीज उपग्रह है जो इसी सीरीज के पहले प्रक्षेपित अन्य उपग्रहों के समान है।

इसके अलावा इसरो के दो तथा 101 विदेशी अति सूक्ष्म (नैनो) उपग्रहों का भी प्रक्षेपण किया गया है जिनका कुल वजन 664 किलोग्राम है।

विदेशी उपग्रहों में 96 अमेरिका के तथा इजरायल, कजाखस्तान, नीदरलैंड, स्विटजरलैंड और संयुक्त अरब अमीरात के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।

इसरो के इस मिशन में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

भारत द्वारा ही विकसित ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान इसरो का सबसे विश्वस्त रॉकेट है। पीएसएलवी-सी 37 इस श्रेणी के रॉकेट का 39वां मिशन है।

अब तक पीएसएलवी की मदद से 38 मिशन को अंजाम दिया जा चुका है।

कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा। इसके अलावा दो नैनो उपग्रह आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी को भी कक्षा में स्थापित किया।

इसरो ने इस मिशन में सबसे भारी PSLV का इस्तेमाल किया है। PSLV-37 का वज़न 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है।

88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा।

इसरो का यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।

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