भारत ने बुधवार को सोशल मीडिया के अग्रणी मंच फेसबुक और उसके सी ई ओ मार्क जुकरबर्ग को कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए डेटा का दुरुपयोग करने को लेकर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
बीजेपी नेता, केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भारत के कानून मंत्री के रूप में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम प्रेस की आजादी, भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया पर विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान का पूरा समर्थन करते हैं।''
उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन फेसबुक समेत सोशल मीडिया द्वारा अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अवांछित साधनों के जरिए भारत की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास की न तो सराहना की जाएगी और न ही उसे बर्दाश्त किया जाएगा।''
कानून मंत्री ने कहा, ''फेसबुक बिल्कुल स्पष्ट तौर पर यह जान ले कि अगर जरूरी हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''
यह चेतावनी उन खबरों के बीच दी गई है, जिनमें बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम के साथ कार्य कर रही डेटा विश्लेषक कंपनियों ने कथित तौर अमेरिकी मतदाताओं की लाखों फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग उनके मतदान की पसंद को प्रभावित करने के लिए किया है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून की याद दिलाते हुए कहा, ''अच्छा होगा कि आप भारत के आई टी मंत्री के कथनों पर ध्यान दें।''
उन्होंने कहा, ''अगर किसी भी भारतीय का डेटा फेसबुक की मिलीभगत से लीक होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आई टी कानून में जरूरी शक्ति प्राप्त है, जिसके तहत आपको भारत में तलब भी किया जा सकता है।'' रविशंकर ने कहा कि भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजता के साथ छेड़छाड़ का आकलन करने के लिए सरकार अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन और न्याय विभाग के संपर्क में है।
उन्होंने चेतावनी दी, ''हम भारतीय यूजर्स के डेटा की चोरी का आकलन करने के लिए कंपनी और फेसबुक को तलब करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे।''
फेसबुक ने कहा है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप डाउनलोड किया और उन्होंने उस पर अपनी निजी जानकारी साझा की। लेकिन कंपनी ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया और कहा कि कंपनी डेटा हासिल करने और उसके इस्तेमाल में सही प्रक्रियाओं का पालन करती है।