विज्ञान और टेक्नोलॉजी

टीवी चैनल पर दिखने वाला एंकर असली है या नकली, पता करना मुश्किल होगा

चीन में यह पता लगाना मुश्किल होगा कि समाचार टीवी चैनल पर दिखाई देने वाला व्यक्ति असली है या फिर मशीन है। दरअसल चीन की सरकारी समाचार एजेंसी 'शिन्हुआ' में अब आभासी एंकर खबर पढ़ते नजर आएंगे। कंपनी ने दर्शकों के सामने गुरुवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित एक आभासी समाचार वाचक पेश किया।

रोचक बात यह है कि इसे देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह वास्तविक इंसान नहीं है। यह एंकर ठीक पेशेवर न्यूज एंकर की तरह खबरें पढ़ सकता है। माना जा रहा है कि हमारी जिंदगी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मौजूदगी का यह नया अध्याय है। अंग्रेजी बोलने वाला यह न्यूज रीडर अपनी पहली रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बोलता है, 'हैलो, आप देख रहे हैं इंग्लिश न्यूज कार्यक्रम।'

सोगो ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
शिन्हुआ के लिए इस तकनीक को विकसित करने के लिए चीनी सर्च इंजन 'सोगो' ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आभासी समाचार वाचक अपने पहले वीडियो में कहता है, ''मैं आपको सूचनाएं देने के लिए लगातार काम करूंगा क्योंकि मेरे सामने लगातार शब्द टाइप होते रहेंगे। मैं आपके सामने सूचनाओं को एक नए ढंग से प्रस्तुत करने वाला अनुभव लेकर आऊंगा।''

3डी मॉडल पर आधारित
विशेषज्ञों ने असली इंसान के 3डी मॉडल का इस्तेमाल करते हुए आभासी एंकर तैयार किया और इसके बाद एआई तकनीक के माध्यम से आवाज और हावभाव को तैयार किया गया। दिखने में यह हूबहू इंसानों जैसा लगे, इसके लिए काफी मेहनत की गई है। कपड़ों से लेकर होंठों के हिलने जैसी छोटी-छोटी बातों पर भी काफी ध्यान दिया गया है।

24 घंटे काम करने में सक्षम
यह आभासी एंकर बिना थके 24 घंटे काम करने में समक्ष है। इसे तैयार करने के पीछे कंपनी की मंशा भी समाचार वाचकों को कम कर पैसा बचाना है। जिस ढंग से यह एंकर समाचार पढ़ता है, उसे देखकर इसे समाचार वाचकों की नौकरी पर खतरा माना जा सकता है।

अफवाह वाले संदेशों के स्रोत की जानकारी देने से व्हॉट्सएप का इंकार

सोशल नेटवर्किंग एप व्हॉट्सएप ने अपने प्लेटफॉर्म पर संदेश के मूल स्रोत का पता लगाने और इसकी जानकारी भारत को देने से इनकार कर दिया है। भारत सरकार ने व्हाट्सएप पर अफवाह फैलने से हिंसा की बढ़ती घटनाओं के बाद कंपनी से ऐसा तंत्र विकसित करने को कहा था, जिससे संदेश के मूल स्रोत का पता लगाया जा सके।

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने से एक किनारे से दूसरे किनारे तक कूटभाषा प्रभावित होगी और व्हॉट्सएप की निजी प्रकृति पर भी असर पड़ेगा। साथ ही इसके दुरुपयोग की और ज्यादा संभावना पैदा होगी और हम निजता के संरक्षण को कमजोर करना नहीं चाहते हैं। लिहाजा कंपनी ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित नहीं कर सकती है। हमारा ध्यान भारत में दूसरों के साथ मिलकर काम करने और लोगों को गलत सूचना के बारे में शिक्षित करने पर है। इसके जरिये हम लोगों को सुरक्षित रखना चाहते हैं।

व्हाट्सएप के प्रमुख क्रिस डेनियल्स इसी सप्ताह भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद से मिले थे, जिसमें अफवाह वाले संदेशों को रोकने पर बातचीत हुई थी।

दुनियाभर में व्हाट्सएप के प्रयोगकर्ताओं की संख्या करीब डेढ़ अरब है। भारत कंपनी के लिए सबसे बड़ा बाजार है। भारत में इसका इस्तेमाल करने वालों की संख्या 20 करोड़ से अधिक है।

व्हाट्सएप की ओर से कहा गया कि संदेशों के मूल स्रोत का खुलासा होने से उपयोक्ताओं की निजता भंग हो जाएगी। लोग व्हॉट्सएप के जरिये सभी प्रकार की संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए निर्भर हैं। चाहे वह उनके चिकित्सक हों, बैंक या परिवार के सदस्य हों। ऐसे में अगर इनके स्रोतों का खुलासा होगा तो निजी जानकारी लीक हो सकती है।

भारत सरकार की मंशा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मसलन फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की है। पिछले कुछ माह में व्हाट्सएप के मंच से कई फर्जी सूचनाओं का प्रसार हुआ जिससे भारत में भीड़ की हिंसा के मामले बढ़ गए।

वायु प्रदूषण की वजह से डेढ़ साल कम हो रही है भारतीयों की उम्र

वायु प्रदूषण से एक आम भारतीय की उम्र डेढ़ साल तक कम हो जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हवा की बेहतर गुणवत्ता से दुनियाभर में मनुष्य की उम्र बढ़ सकती है।

यह पहली बार है जब वायु प्रदूषण और जीवन अवधि पर डाटा का एक साथ अध्ययन किया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें वैश्विक अंतर कैसे समग्र जीवन प्रत्याशा पर असर डालता है।

अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने वायुमंडल में पाए जाने वाले 2.5 माइक्रोन से छोटे कण (पी एम) से वायु प्रदूषण का अध्ययन किया। ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और इससे दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक्स, सांस संबंधी बीमारियां और कैंसर होने का खतरा होता है। पी एम 2.5 प्रदूषण बिजली संयंत्रों, कारों, ट्रकों, आग, खेती और औद्योगिक उत्सर्जन से होता है।

वैज्ञानिकों ने पाया कि वायु प्रदूषण से बांग्लादेश में 1.87 वर्ष, मिस्र में 1.85, पाकिस्तान में 1.56, सऊदी अरब में 1.48, नाइजीरिया में 1.28 और चीन में 1.25 वर्ष तक लोगों की उम्र कम होती है। अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण से भारत में व्यक्ति की औसत आयु 1.53 वर्ष तक कम होती है।

चंद्रयान-1 से मिली जानकारी ने चंद्रमा पर बर्फ की मौजूदगी की पुष्टि की : नासा

नासा ने आज कहा कि वैज्ञानिकों ने चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के अंधेरे और ठंडे हिस्सों में जमा हुआ पानी मिलने का दावा किया है। यह दावा चंद्रयान-1 से प्राप्त जानकारी के आधार पर किया गया है। चंद्रयान-1 का प्रक्षेपण भारत ने 10 वर्ष पहले किया था।

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, सतह पर कुछ मिलीमीटर तक बर्फ मिलने से यह संभावना बनती है कि उस पानी का इस्तेमाल भविष्य की चंद्र यात्राओं में संसाधन के रूप में किया जा सकता है।

जर्नल पीएनएएस में प्रकाशित शोध के मुताबिक, यह बर्फ कुछ-कुछ दूरी पर है और संभवत: बहुत पुरानी है।

सी-बबल : पानी में चलने वाली दुनिया की पहली कार लॉन्च

पानी में चलने वाली कार का अविष्कार पेरिस ने किया है। यह दुनिया की पहली वाटर कार है जिसे पेरिस ने लॉन्च किया है। अभी हाल ही में इसका टेस्ट वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है।

लॉन्चिंग से पहले इसका टेस्ट ड्राइव लिया गया जिसमें यह अपने मानकों पर खरी उतरी है। कार पानी की सतह से थोड़ा ऊपर उड़ते हुए चलती है। यह संभव हो पाया कार में लगे सी-बबल के जरिए। और सबसे दिलचस्प बात ये है कि इस टैक्सी का नाम सी-बबल रखा गया है।

कोलेस्ट्रॉल कम होने से कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है

कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में दिल की बीमारी का ख्याल आ जाता है। शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन यह हमेशा हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होता। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर की अनेक प्रक्रियाओं के संचालन के लिए बेहद जरूरी होता है। पोषक तत्वों के शरीर में अवशोषण से लेकर तमाम हार्मोन्स के प्रोडक्शन तक में कोलेस्ट्रॉल बेहद जरूरी है।

दरअसल कोलेस्ट्रॉल दो तरह के होते हैं - बैड कोलेस्ट्रॉल और गुड कोलेस्ट्रॉल। शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। सामान्यतः कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होना ज्यादा बेहतर माना जाता है। नियमित एक्सरसाइज और खान-पान की बदौलत कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है। लेकिन जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल में ज्यादा कमी आती है तो यह कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे बढ़ाती है।

कई तरह के कैंसर से लड़ने में बैड कोलेस्ट्रॉल अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में जब हमारे शरीर में इसकी ज्यादा कमी होती है तो कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा लो कोलेस्ट्रॉल आपको कैंसर से प्रभावी तरीके से लड़ने से रोकता है।

तमाम शोधों में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर गुस्सा बढ़ाने में मददगार होता है। इसके अलावा यह लोगों में हिंसक प्रवृत्ति को भी बढ़ावा दे सकता है।

कोलेस्ट्रॉल याद्दाश्त के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में कोलेस्ट्रॉल लेवल में कमी याद्दाश्त को कमजोर करने का काम करती है। कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं दिमाग की क्षमता को कम करने के लिए जानी जाती हैं।

2011 में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल का कम स्तर जल्दी मरने का खतरा बढ़ा देता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं हमारे संक्रमण से लड़ने की क्षमता को प्रभावित करती हैं। एक शोध में यह बताया गया है कि कोलेस्ट्रॉल टीबी के मरीजों के लिए मददगार हो सकता है।

दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में गिरा चीन का अनियंत्रित स्पेस स्टेशन

चीन का बेकाबू हो चुका स्पेस स्टेशन तियांगोंग-1 सोमवार को दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में धरती के वायुमंडल में पहुंचते ही नष्ट हो गया। चीनी स्पेस अथॉरिटी ने इसकी पुष्टि की।

वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यह यान सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर धरती के वायुमंडल में आया और इसका अधिकांश हिस्सा जलकर नष्ट हो गया।

हालांकि, इसके कुछ हिस्से अब धरती पर गिरेंगे, लेकिन पेइचिंग के मुताबिक, कोई भी हिस्सा ज्यादा बड़ा नहीं होगा।

चीन ने 10.4 मीटर लंबा यह स्पेसक्राफ्ट साल 2011 में लॉन्च किया था। चीन की स्पेस एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस ऐडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक तियांगोंग-1 से मार्च 2016 से संपर्क टूट चुका था। जिसके बाद से यह अंतरिक्ष में घूम रहा था।

बता दें कि साढ़े आठ टन वजन वाला यह स्पेस स्टेशन साल 2016 में ही अपना नियंत्रण खो चुका था और तब से ही यह धरती की तरफ गिर रहा है। वैज्ञानिकों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि इस स्पेसक्राफ्ट का अधिकतर हिस्सा गिरते समय जलकर खाक हो जाएगा, लेकिन 10 से 40 प्रतिशत हिस्सा मलबे के रूप में बचा रह सकता है और इसमें खतरनाक केमिकल्स हो सकते हैं।

अमेरिका में मध्यावधि चुनावों में दखल देने के लिये कोई फेसबुक के इस्तेमाल की कोशिश कर रहा है : मार्क जुकरबर्ग

अमेरिका में 2016 में हुए चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों के बीच मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि उन्हें पक्का विश्वास है कि नवंबर में होने वाले मध्यावधि चुनावों में दखल देने के लिये कोई फेसबुक के इस्तेमाल की कोशिश कर रहा है।

अभी चुनावों में दखल की संभावनाओं पर सी एन एन द्वारा पूछे जाने पर फेसबुक के सी ई ओ ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि कोई कोशिश कर रहा है।'' उन्होंने कहा, ''रूस का 2016 में जो भी प्रयास था। मुझे विश्वास है कि उसका वी2, या दूसरा संस्करण भी है, मुझे यकीन है कि वे उस पर काम कर रहे हैं। और इस बार कुछ अलग युक्ति अपनाई जाएगी जिसके बारे में हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम उसकी पहचान कर सकें और उसका मुकाबला कर सकें।''

उनका यह बयान कैंब्रिज एनालिटिका प्रकरण के सामने आने के बाद आया है जिसमें राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़ी ब्रिटिश डेटा कंपनी ने कथित तौर पर पांच करोड़ फेसबुक यूजर्स का आंकड़ा बिना उनकी जानकारी के हासिल और इस्तेमाल किया था।

जुकरबर्ग ने कहा कि फेसबुक कर्मचारियों को कुछ अलग चीज होने की भनक थी जिसे हमें सामने लाना होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारी तकनीक निर्माण कर रहे हैं और मानव समीक्षकों की सेवा ले रहे हैं जिससे दुष्प्रचार और दूसरे हमलों को रोका जा सके। उन्होंने कहा, ''इस साल हमने जो बड़ी प्रतिबद्धताएं व्यक्त की हैं, उनमें से कंपनी में सुरक्षा के लिये काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या दोगुनी करना शामिल है। सुरक्षा और कंटेंट की समीक्षा के लिये इस साल के अंत तक कंपनी में हम 20,000 लोगों के साथ काम करने जा रहे हैं।

व्हाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन ने यूजर्स से कहा, यह फेसबुक को डिलीट करने का समय है

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक उपभोक्ताओं के कथित डेटा लीक की खबरों के बीच व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने मंगलवार को उपभोक्ताओं से सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक को डिलीट करने के लिए कहा।

ब्रायन एक्टन ने ट्वीट कर अपने 23,000 से ज्यादा फालोवर्स से कहा, ''यह फेसबुक को हटाने का समय है।''

फेसबुक ने 2014 में व्हाट्स एप का अधिग्रहण किया था। राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक के पांच करोड़ उपभोक्ताओं के डेटा तक बिना अनुमति के पहुंचने की रपट सामने आने के बाद फेसबुक कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है।

कंपनी ने उपभोक्ताओं के डेटा एक फेसबुक एप से सालों पहले हासिल किए थे, जिसे कथित तौर पर मनोवैज्ञानिक उपकरण होने की बात कही गई थी। हालांकि, कंपनी उस जानकारी के लिए अधिकृत नहीं थी।

इससे पहले मंगलवार को ब्रिटेन की डेटा संरक्षण वॉचडाग ने राजनीतिक डेटा विश्लेषक और परामर्शदाता के लंदन मुख्यालय की तलाशी के लिए अदालती वारंट की मांग की। इस परामर्शदाता ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी टीम के साथ काम किया है और कथित तौर पर मतदान को प्रभावित करने के लिए अमेरिकी मतदाताओं के फेसबुक प्रोफाइल का इस्तेमाल किया।

यू के इंफार्मेशन कमिश्नर ने कैंब्रिज एनालिटिका के मुख्यालय का दौरा करते समय फेसबुक द्वारा नियुक्त किए गए लेखापरीक्षकों को नीचे खड़े रहने का भी आदेश दिया था।

इस बीच अमेरिका व ब्रिटेन के सांसदों ने फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा लीक की रपट के बाद कार्रवाई की मांग की है। मार्क जुकरबर्ग के फेसबुक ने व्हाट्स एप को 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था, लेकिन एक्टन 2018 की शुरुआत में 'सिंगल फाउंडेशन' शुरू करने से पहले कंपनी के साथ कई साल बने रहे। बीते महीने उन्होंने 'सिंगल' में पांच करोड़ डालर का निवेश किया, जो बेहद लोकप्रिय व्हाट्स एप के लिए एक स्वतंत्र विकल्प है। एक अन्य व्हाट्स एप के सह-संस्थापक जान कोउम अब भी कंपनी की अगुवाई कर रहे हैं और फेसबुक के बोर्ड में हैं।

चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा: केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री

भारत ने बुधवार को सोशल मीडिया के अग्रणी मंच फेसबुक और उसके सी ई ओ मार्क जुकरबर्ग को कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए डेटा का दुरुपयोग करने को लेकर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

बीजेपी नेता, केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भारत के कानून मंत्री के रूप में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम प्रेस की आजादी, भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया पर विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान का पूरा समर्थन करते हैं।''

उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन फेसबुक समेत सोशल मीडिया द्वारा अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अवांछित साधनों के जरिए भारत की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास की न तो सराहना की जाएगी और न ही उसे बर्दाश्त किया जाएगा।''

कानून मंत्री ने कहा, ''फेसबुक बिल्कुल स्पष्ट तौर पर यह जान ले कि अगर जरूरी हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''

यह चेतावनी उन खबरों के बीच दी गई है, जिनमें बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम के साथ कार्य कर रही डेटा विश्लेषक कंपनियों ने कथित तौर अमेरिकी मतदाताओं की लाखों फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग उनके मतदान की पसंद को प्रभावित करने के लिए किया है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून की याद दिलाते हुए कहा, ''अच्छा होगा कि आप भारत के आई टी मंत्री के कथनों पर ध्यान दें।''

उन्होंने कहा, ''अगर किसी भी भारतीय का डेटा फेसबुक की मिलीभगत से लीक होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आई टी कानून में जरूरी शक्ति प्राप्त है, जिसके तहत आपको भारत में तलब भी किया जा सकता है।'' रविशंकर ने कहा कि भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजता के साथ छेड़छाड़ का आकलन करने के लिए सरकार अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन और न्याय विभाग के संपर्क में है।

उन्होंने चेतावनी दी, ''हम भारतीय यूजर्स के डेटा की चोरी का आकलन करने के लिए कंपनी और फेसबुक को तलब करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे।''

फेसबुक ने कहा है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप डाउनलोड किया और उन्होंने उस पर अपनी निजी जानकारी साझा की। लेकिन कंपनी ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया और कहा कि कंपनी डेटा हासिल करने और उसके इस्तेमाल में सही प्रक्रियाओं का पालन करती है।