विज्ञान और टेक्नोलॉजी

व्हाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन एक्टन ने यूजर्स से कहा, यह फेसबुक को डिलीट करने का समय है

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक उपभोक्ताओं के कथित डेटा लीक की खबरों के बीच व्हाट्सएप के सह-संस्थापक ब्रायन एक्टन ने मंगलवार को उपभोक्ताओं से सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक को डिलीट करने के लिए कहा।

ब्रायन एक्टन ने ट्वीट कर अपने 23,000 से ज्यादा फालोवर्स से कहा, ''यह फेसबुक को हटाने का समय है।''

फेसबुक ने 2014 में व्हाट्स एप का अधिग्रहण किया था। राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक के पांच करोड़ उपभोक्ताओं के डेटा तक बिना अनुमति के पहुंचने की रपट सामने आने के बाद फेसबुक कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है।

कंपनी ने उपभोक्ताओं के डेटा एक फेसबुक एप से सालों पहले हासिल किए थे, जिसे कथित तौर पर मनोवैज्ञानिक उपकरण होने की बात कही गई थी। हालांकि, कंपनी उस जानकारी के लिए अधिकृत नहीं थी।

इससे पहले मंगलवार को ब्रिटेन की डेटा संरक्षण वॉचडाग ने राजनीतिक डेटा विश्लेषक और परामर्शदाता के लंदन मुख्यालय की तलाशी के लिए अदालती वारंट की मांग की। इस परामर्शदाता ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनावी टीम के साथ काम किया है और कथित तौर पर मतदान को प्रभावित करने के लिए अमेरिकी मतदाताओं के फेसबुक प्रोफाइल का इस्तेमाल किया।

यू के इंफार्मेशन कमिश्नर ने कैंब्रिज एनालिटिका के मुख्यालय का दौरा करते समय फेसबुक द्वारा नियुक्त किए गए लेखापरीक्षकों को नीचे खड़े रहने का भी आदेश दिया था।

इस बीच अमेरिका व ब्रिटेन के सांसदों ने फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा लीक की रपट के बाद कार्रवाई की मांग की है। मार्क जुकरबर्ग के फेसबुक ने व्हाट्स एप को 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था, लेकिन एक्टन 2018 की शुरुआत में 'सिंगल फाउंडेशन' शुरू करने से पहले कंपनी के साथ कई साल बने रहे। बीते महीने उन्होंने 'सिंगल' में पांच करोड़ डालर का निवेश किया, जो बेहद लोकप्रिय व्हाट्स एप के लिए एक स्वतंत्र विकल्प है। एक अन्य व्हाट्स एप के सह-संस्थापक जान कोउम अब भी कंपनी की अगुवाई कर रहे हैं और फेसबुक के बोर्ड में हैं।

चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं होगा: केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री

भारत ने बुधवार को सोशल मीडिया के अग्रणी मंच फेसबुक और उसके सी ई ओ मार्क जुकरबर्ग को कथित तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए डेटा का दुरुपयोग करने को लेकर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

बीजेपी नेता, केंद्रीय कानून और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''भारत के कानून मंत्री के रूप में मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम प्रेस की आजादी, भाषण व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सोशल मीडिया पर विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान का पूरा समर्थन करते हैं।''

उन्होंने आगे कहा, ''लेकिन फेसबुक समेत सोशल मीडिया द्वारा अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अवांछित साधनों के जरिए भारत की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास की न तो सराहना की जाएगी और न ही उसे बर्दाश्त किया जाएगा।''

कानून मंत्री ने कहा, ''फेसबुक बिल्कुल स्पष्ट तौर पर यह जान ले कि अगर जरूरी हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।''

यह चेतावनी उन खबरों के बीच दी गई है, जिनमें बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टीम के साथ कार्य कर रही डेटा विश्लेषक कंपनियों ने कथित तौर अमेरिकी मतदाताओं की लाखों फेसबुक प्रोफाइल का उपयोग उनके मतदान की पसंद को प्रभावित करने के लिए किया है।

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने जुकरबर्ग को भारत के सूचना प्रौद्योगिकी कानून की याद दिलाते हुए कहा, ''अच्छा होगा कि आप भारत के आई टी मंत्री के कथनों पर ध्यान दें।''

उन्होंने कहा, ''अगर किसी भी भारतीय का डेटा फेसबुक की मिलीभगत से लीक होगा तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमें आई टी कानून में जरूरी शक्ति प्राप्त है, जिसके तहत आपको भारत में तलब भी किया जा सकता है।'' रविशंकर ने कहा कि भारतीय फेसबुक यूजर्स की निजता के साथ छेड़छाड़ का आकलन करने के लिए सरकार अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमीशन और न्याय विभाग के संपर्क में है।

उन्होंने चेतावनी दी, ''हम भारतीय यूजर्स के डेटा की चोरी का आकलन करने के लिए कंपनी और फेसबुक को तलब करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे।''

फेसबुक ने कहा है कि करीब 2,70,000 लोगों ने एप डाउनलोड किया और उन्होंने उस पर अपनी निजी जानकारी साझा की। लेकिन कंपनी ने किसी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया और कहा कि कंपनी डेटा हासिल करने और उसके इस्तेमाल में सही प्रक्रियाओं का पालन करती है।

ब्रह्मांड का रहस्य खोलने वाले दिग्‍गज वैज्ञानिक स्‍टीफन हॉकिंग का निधन

महान भौतिक वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग नहीं रहे। बुधवार (14 मार्च) को उनका निधन हो गया। वह 76 साल के थे। हॉकिंग के निधन की जानकारी उनके परिवार ने दी है। स्टीफन हॉकिंग ने अपनी अंतिम सांस घर में ली। उनके बच्चों लूसी, रॉबर्ट और टिम ने इस बारे में आधिकारिक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ''हम पिता के जाने से बेहद दुखी हैं। वह महान वैज्ञानिक थे और असाधारण इंसान थे, जिनका काम और विरासत आने वाले सालों में भी जाना जाएगा।''

हॉकिंग ने बिग बैंग सिद्धांत और ब्लैक होल को समझने में खास योगदान दिया है। यही कारण है कि उन्हें अमेरिका के सबसे उच्च नागरिक सम्मान से नवाजा जा चुका है। उनकी ब्रह्मांड के रहस्यों पर किताब 'ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम' भी दुनिया भर में काफी मशहूर हुई थी।

हॉकिंग मूल रूप से ब्रिटेन के रहने वाले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वह मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। हॉकिंग का जन्म इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में आठ जनवरी 1942 में हुआ था। सेंट एल्बन में वह और उनके छोटे भाई-बहन पले-बढ़े। स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर शरीर के बाकी अंग काम नहीं करते थे। वह व्हीलचेयर पर रहते थे। फिर भी विज्ञान की दुनिया में वह अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब रहे। एलबर्ट आइंस्टीन के बाद हॉकिंग दुनिया के सबसे महान सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी बने।

रोचक बात है कि जिस दिन हॉकिंग पैदा हुए, उसी दिन महान वैज्ञानिक गैलीलियो ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। स्टीफन ने एक बार अपनी जान लेने की कोशिश भी की थी। वह तब 38 साल के थे और यह कदम उन्होंने अपनी बीमारी से परेशान होकर उठाया था।

स्कूल में स्टीफन हॉकिंग का पढ़ाई में खासा मन नहीं लगता था। सेंट एल्बन स्कूल में हॉकिंग का ज्यादातर वक्त बोर्ड गेम्स और कंप्यूटर्स के साथ बीता। लेकिन फिर भी उन्होंने आगे चलकर प्रख्यात ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दाखिला पाया, जहां से उनके पिता ने भी पढ़ाई की थी। हॉकिंग, 17 साल की उम्र में यहां के छात्र बने थे। भौतिक विज्ञान की राह चुनने से पहले उनका मन गणित या औषधि क्षेत्र में पढ़ाई करने का था। हालांकि, कॉलेज में वह कम ही लेक्चर लेते थे। उन्होंने कहा था, ''मैंने ऑक्सफोर्ड में बिताए तीन सालों में महज एक हजार घंटे ही पढ़ाई पर बिताए होंगे।''

रोचक बात है कि कम क्लास लेने और किताबी कीड़ा बन कर न पढ़ने के बावजूद भी उनका दिमाग तेज था। कॉलेज में हॉकिंग ने जब अपनी थीसिस जमा की, जो प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के बीच की ग्रेड में रखा गया। ऐसे में उन्हें एक मौखिक परीक्षा से गुजरना पड़ा। तब उन्होंने शिक्षकों से कहा था, ''अगर आप मुझे प्रथम श्रेणी देंगे तो मैं कैंब्रिज जाऊंगा। अगर द्वितीय श्रेणी में रखेंगे तो मैं यहीं रह जाऊंगा। ऐसे में मैं आपसे पहली श्रेणी की उम्मीद करता हूं।''

1962 में उन्होंने कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में अपना नाम लिखाया, जहां वह भौतिक विज्ञानी डेनिस स्कीमा और नामी खगोल विज्ञानी फ्रेड हॉयल सरीखे नामों के अंतर्गत थे। यहीं, उनकी रुचि ब्लैक होल्स और विलक्षणता के तत्कालीन प्रारंभिक अध्ययन में दिखने लगी थी। कॉस्मोलॉजी में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने के बाद वह कैम्ब्रिज में ही रुके। यहां उन्होंने ब्रह्मांड के ढांचे से जुड़े जरूरी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया। कैम्ब्रिज में हॉकिंग वाइल्ड से मिले थे, जो लंदन के वेस्टफील्ड कॉलेज में आधुनिक भाषाओं की पढ़ाई कर रही थी। मगर दोनों की डेटिंग से पहले ही हॉकिंग को आइस स्केटिंग बीमारी हो गए। वह डॉक्टर के पास गए, जहां उन्होंने आशंका जताई कि हॉकिंग के पास कम वक्त बचा है।

चीनी कंपनी हुआवेई और एयरटेल ने भारत में 5जी का सफल परीक्षण किया

चीनी प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवेई और दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने शुक्रवार को भारत में 5जी नेटवर्क के सफल परीक्षण की घोषणा की। कंपनियों ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण एयरटेल के मानेसर (गुरुग्राम) स्थित नेटवर्क एक्सपीरिएंस केंद्र में किया गया।

भारती एयरटेल के निदेशक (नेटवर्क्‍स) अभय सावरगांवकर ने कहा, ''हम 5जी इंटर-ऑपेराबिलिटी और विकास परीक्षण (Inter-Operability Developmental Testing) और भागीदारी की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। हम भारत में एक मजबूत 5जी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करने की आशा करते हैं।''

कंपनी ने बताया कि परीक्षण के दौरान 3 जी बी पी एस से अधिक की स्पीड दर्ज की गई। यह 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर 100 मेगाहट्र्ज बैंडविथ के साथ प्राप्त की गई अधिकतम स्पीड है जिसकी एंड-टू-एंड नेटवर्क लेटेंसी करीब एक मिलीसेकेंड रही।

हुआवेई एच क्यू के निदेशक (वायरलेस मार्केटिंग) इमैनुएल एल्व्स ने कहा, ''हम 5जी पारिस्थितिक तंत्र की तैनाती पर ध्यान दे रहे हैं और भारती एयरटेल के साथ 3.5 गीगाहट्ज बैंड पर 5जी की क्षमता का प्रदर्शन इसे शानदार ढंग से दर्शाता है।''

दूसरी तरफ, 'मेरा पहला स्मार्टफोन' पहल के तहत दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल ने मोटोरोला और लेनोवो के चुनिंदा 4जी स्मार्टफोन्स पर 2,000 रुपए के कैशबैक ऑफर की घोषणा की है। मोटोरोला के दो प्रसिद्ध स्मार्टफोन्स - मोटो सी, मोटो ई4 और लेनोलो का के8 नोट इस ऑफर के साथ उपलब्ध है। इस ऑफर के तहत, मोटो सी 3,999 रुपये में, मोटो ई4  6,499 रुपये में तथा लेनोवो के8 नोट 10,999 रुपये में उपलब्ध है।

भारती एयरटेल के मुख्य विपणन अधिकारी ने एक बयान में कहा, ''हम अधिक से अधिक ग्राहकों की पहुंच के भीतर स्मार्टफोन लाने के लिए मोटोरोला के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'' मोटोरोला मोबिलिटी इंडिया और लेनोवो एम बी जी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुधीन माथुर ने कहा, ''यह एयरटेल के ग्राहकों के लिए 4जी में अपग्रेड करने तथा मोटोरोला और लेनोवो स्मार्टफोन के सार्थक अनुभवों का आनंद उठाने का एक बढ़िया अवसर है।''

चैट सिम ने अनलिमिटेड इंटरनेट और मेसेजिंग वाला सिम लॉन्‍च किया

सिम कार्ड मुहैया कराने वाली कंपनी चैट सिम ने गुरुवार को इटली के मिलान में अपने सबसे नए सिम कार्ड चैट सिम 2 को लॉन्च किया। कंपनी के इस सिम कार्ड को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें यूजर्स अनलिमिटेड इंटरनेट सर्फिंग और मैसेजिंग कर सकेंगे। खास बात है कि इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा और न ही इसके लिए किसी प्रकार की सीमा होगी। चैट सिम के वार्षिक प्लान के तहत यूजर्स के पास तकरीबन 165 देशों में मैसेज भेजने की सुविधा होगी।

चैट सिम 2 बार्सिलोना में 26 फरवरी से एक मार्च तक चलने वाले 'मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2018' में पेश किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इसी कार्यक्रम में चैट सिम के बाकी फीचर्स से पर्दा उठेगा। चैट सिम 2 में अनलिमिटेड पैक्स जीरो रेटिंग कॉन्सेप्ट पर चलते हैं।

बता दें कि इससे पहले कंपनी ने चैट सिम लॉन्च किया था, जिसमें कुछ बंदिशें थीं। यूजर्स को इसमें फोटो, वीडियो भेजने और वॉइस कॉलिंग करने के लिए कुछ मल्टीमीडिया क्रेडिट्स खरीदने पड़ते थे। हालांकि, चैट सिम 2 को लेकर कंपनी का दावा है कि यूजर मूल प्लान के अंतर्गत ही इंटरनेट सर्फिंग और बाकी मोबाइल एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कर सकेंगे।

कंपनी के अनुसार, चैट सिम 2 दुनिया भर के तकरीबन 250 टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ काम करेगा, जिसकी पहुंच 165 से अधिक देशों तक है। सिम कार्ड के साथ आने वाले प्लान में लोग कुछ चुनिंद एप्लीकेंशस के जरिए अनलिमिटेड चैट कर सकेंगे, जिनमें वॉट्सएप, फेसबुक मैसेंजर, वी चैट, टेलीग्राम, लाइन और हाइक सरीखी एप्स शामिल हैं। यह सिम आईफोन ऑपरेटिंग सिस्टम, एंड्रायड और विंडो फोन व टैबलेट्स पर काम करेगा। फिलहाल भारत में इसकी कीमत क्या होगी, इसके बारे में अभी तक किसी प्रकार की जानकारी सामने नहीं आई है।

डिजिटल इंडिया: भारत में 4जी स्पीड सबसे धीमी है

डिजिटल इंडिया बनाने की लगातार कोशिश की जा रही हैं, लेकिन भारत को डिजिटल बनाने के लिए बुनियादी चीजों में सुधार किए बिना ऐसा संभव नहीं है। डिजिटलाइजेशन के लिए सबसे जरूरी है बेहतर इंटरनेट। भारत इंटरनेट के मामले में बहुत पीछे है।

भारत 4G इंटरनेट की स्पीड के मामले में दुनिया भर के 88 देशों से पीछे है। इस मामले में तो पाकिस्तान भी भारत से काफी आगे है। भारत में 4G इंटरनेट की एवरेज डाउनलोड स्पीड 6Mbps की है। वहीं पाकिस्तान में 4G इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 14Mbps की है। ओपन सिगनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगापुर में इंटरनेट की स्पीड 44Mbps की है। नॉर्थलैंड में स्पीड 42Mbps की है। नॉर्वे में स्पीड 41Mbps की है। साउथ कोरिया में स्पीड 40Mbps की है। हंगरी में स्पीड 39Mbps की है।

वहीं कुछ और देशों की बात करें तो यूएई में स्पीड 28Mbps की है। जापान में 4G इंटरनेट की स्पीड 25Mbps की है। यूके में डाउनलोड स्पीड 23Mbps की है। अमेरिका में 4G इंटरनेट की स्पीड 16Mbps की है। वहीं रूस में 4G इंटरनेट की स्पीड 15Mbps की है। वहीं अल्जीरिया में भी 4G इंटरनेट की स्पीड 9Mbps की है। ओपन सिगनल के मुताबिक, यह डेटा 1 अक्टूबर 2017 से लेकर 29 दिसंबर 2017 तक का है।

इस रिपोर्ट में धीमी स्पीड के लिए नेटवर्क की क्षमता को जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके अलावा भारत में बड़ा 4G नेटवर्क भी इसका कारण है। हालांकि भारत में 4G लगभग 86% लोगों के लिए उपलब्ध है।

दूरसंचार सचिव अरुण सुंदरराजन ने कहा है कि भारत के कई हिस्सों में इंटरनेट यूजर्स को इंटरनेट की स्पीड धीमी मिल रही है, इसके बारे में सरकार ध्यान दे रही है। जियो पूरे भारत में अपनी 4G सर्विस के साथ लॉन्च हुआ था। एयरटेल भी अब पूरे भारत में अपनी 4G सर्विस दे रही है। वहीं आइडिया दिल्ली और कोलकाता को छोड़कर पूरे देश में अपनी 4G सर्विस दे रही है। वहीं वोडाफोन अभी अपने 17 सर्किलों में 4G सर्विस दे रही है।

डॉक्टर वेद समाज को एक नई दिशा देना चाहते हैं

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली ने डॉक्टर वेद श्रीवास्तव को Top Docter 2015  का अवार्ड दिया था। डॉक्टर वेद डॉक्टर होने के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी करते रहते हैं। पिछले 2 साल से ग़रीब लड़कियाँ का विवाह हो या ग़रीबों को आर्थिक मदद हो या ग़रीब बच्चों को पढ़ाई में मदद वेद इन जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभा रहे है।

आईबीटीएन मीडिया नेटवर्क ग्रुप की हमेशा से यही कोशिश रही है कि हम आपको ऐसे शख्सियत से रूबरू करवाये जो युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन सके और जिससे युवा प्रेरणा लेकर अपने ज़िन्दगी में कामयाबी हासिल कर सके।

आइये मिलिए डॉक्टर वेद श्रीवास्तव से और जानिए उनके बारे में, जिससे आप युवा भी उनके जैसा इंसान बन सके, फिर एक अच्छा डॉक्टर।

एक डॉक्टर का एक अच्छा इंसान होना बेहद जरूरी है। एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा डॉक्टर हो सकता है। वेद श्रीवास्तव एक बेहद अच्छे इंसान हैं, परिणामस्वरूप वे एक बेहद अच्छे डॉक्टर भी हैं।

डॉक्टर वेद श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली से ही 'मास्टर इन न्यूरोसर्जरी' कर रहे हैं और यही जेआर के रूप में काम कर रहे हैं।

डॉक्टर वेद चिकित्सा के अलावा सामाजिक कार्य में हमेशा आगे आकर हिस्सा लेते हैं। पिछले 2 साल से ग़रीब लड़कियाँ का विवाह हो या ग़रीबों को आर्थिक मदद हो या ग़रीब बच्चों को पढ़ाई में मदद वेद इन जिम्मेदारियों को बख़ूबी निभा रहे है।

गौरतलब है कि डॉक्टर वेद श्रीवास्तव का जन्म वाराणसी में हुआ। डॉक्टर वेद श्रीवास्तव बचपन से ही पढ़ने में काफी कुशाग्र थे, परिणामस्वरूप वे प्रथम प्रयास में ही ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में एमबीबीएस में एडमिशन लेने में कामयाब रहे।

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में एमबीबीएस में एडमिशन होना आसान नहीं होता। लाखों छात्रों में से कुछ छात्र ही एआईआईएमएस, नई दिल्ली में एडिमिशन लेने में कामयाब होते हैं। प्रथम प्रयास में ही डॉक्टर वेद श्रीवास्तव का एआईआईएमएस, नई दिल्ली में एडमिशन होना उनके टैलेंट को दिखाता है।

बचपन से ही उनका रूझान समाज सेवा की ओर रहा है। वह स्कूल के ज़माने से ही समाज सेवा करते रहे हैं। ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली में एमबीबीएस की पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने समाज सेवा में सक्रिय रूप से भाग लिया और मेडिकल कैंप में सक्रिय रूप से अपना योगदान दिया।

वह एक अच्छे इंसान के साथ-साथ एक अच्छे डॉक्टर भी हैं। उनके दिल में हमेशा गरीबों के प्रति हमदर्दी रही है। इसी का परिणाम है कि वह गरीबों के लिए लगने वाले मेडिकल कैंप में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं और गरीबों के इलाज के लिए सदा तत्पर रहते हैं।

डॉक्टर वेद समाज को एक नई दिशा देना चाहते हैं। जिस उम्र में लोग आमतौर पर आराम के बारे में सोचते हैं। डॉक्टर वेद उस उम्र में सामाजिक कार्य में लगे हुए हैं।

भारत ने सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया

भारत ने गुरुवार को सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ऐसा करने वाला वह दुनिया का चौथा देश बन गया है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, भारत ने अंतरिक्ष युद्ध की परिकल्पना जैसी उप प्रणाली का सफल परीक्षण किया, जिसमें दुश्मन की मिसाइल को अपनी मिसाइल के जरिए हमला करने के पहले ही तबाह कर दिया जाता है।

भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित 'एडवांस्ड एअर डिफेंस' सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का ओडिशा के व्हीलर आइलैंड से गुरुवार को सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल बेहद कम ऊंचाई से आने वाली किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल को बीच में ही मार गिराने में सक्षम है। इस साल किया गया यह तीसरा सुपरसोनिक इंटरसेप्टर परीक्षण है, जिसमें सामने से आ रही बैलिस्टिक मिसाइल को धरती के वातावरण के 30 किलोमीटर की ऊंचाई के दायरे में सफलतापूर्वक निशाना बनाकर उसे नष्ट कर दिया गया।

ट्रैकिंग रडारों पर सिग्नल मिलने के बाद बंगाल की खाड़ी में अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) पर तैनात इंटरसेप्टर मिसाइल हवा में दुश्मन मिसाइल को नष्ट करने के लिए आगे बढ़ी और सफलतापूर्वक निशाना लगाया। 7.5 मीटर लंबी एकल चरण ठोस रॉकेट प्रणोदन निर्देशित यह मिसाइल हाई-टेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो-मेकैनिकल एक्टीवेटर वाली दिशा निर्देशन प्रणाली से लैस है।

इस अत्याधुनिक मिसाइल का अपना खुद का मोबाइल लांचर है और यह दुश्मन मिसाइल को निशाना बनाने के लिए सुरक्षित डेटा लिंक, आधुनिक राडार और अन्य तकनीकी व प्रौद्योगिकी विशिष्टताओं से लैस है।

परीक्षण के बाद रक्षा मंत्रालय ने कहा, ''यह एक सीधा निशाना था और यह बड़ी सफलता है। इससे पहले 11 फरवरी और एक मार्च 2017 को दो परीक्षण किए जा चुके हैं। ये बहुस्तरीय बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं।''

सूत्रों ने कहा, गुरुवार का परीक्षण उड़ान के दौरान इंटरसेप्टर के विभिन्न मानकों के सत्यापन के लिए किया गया और सभी सफल रहे। चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आइटीआर) के प्रक्षेपण परिसर तीन से टारगेट मिसाइल (पृथ्वी मिसाइल) दागी गई।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दूसरा चंद्रयान अगले वर्ष मार्च तक प्रक्षेपित करेगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले साल की पहली तिमाही में चन्द्रयान-द्वितीय प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने ट्वीटर पर कहा कि इसका प्रक्षेपण अगले साल की पहली तिमाही में किया जाएगा।

इसरो के अध्यक्ष डॉ. किरन कुमार ने पुणे में पत्रकारों से बातचीत के दौरान इसकी पुष्टि की है।

भारत का यह दूसरा चन्द्र अभियान होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के गौरवशाली इतिहास में एक और नया अध्‍याय जुड़ने जा रहा है। इसरो अगले वर्ष की शुरूआत में अपने चंद्रयान-2 प्रक्षेपित करेगा। चंद्रयान-2 में एक आरबिटर होगा जो चंद्रमा की 100 किलोमीटर की दायरे में चक्‍कर लगायेगा। इस अभि‍यान में एक रोबर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। यह रोबर महत्‍वपूर्ण आंकडे एकत्रित करके पृथ्‍वी पर भेजेगा।

कुड्डनकुलम परमाणु संयंत्र ने दो हजार मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन कर नया रिकॉर्ड बनाया

तमिलनाडु में कुड्डनकुलम परमाणु संयंत्र ने दो हजार मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन कर नया रिकॉर्ड बनाया।

भारत के तमिलनाडु में कुड्डनकुलम परमाणु संयंत्र ने दो हजार मेगावॉट बिजली का उत्‍पादन कर देश में परमाणु बिजली उत्‍पादन के क्षेत्र में नया रिकॉर्ड बनाया है।

संयंत्र के निदेशक ने कहा है कि कुड्डनकुलम परमाणु संयंत्र की दो इकाईयों ने आज सवेरे साढ़े तीन बजे यह महत्‍वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।