मनोरंजन

बिहार में पद्मावती के रिलीज पर प्रतिबन्ध

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिल्म पद्मावती के खिलाफ उतर आए हैं। इस पर ताज्जुब नहीं करनी चाहिए क्योंकि बीजेपी फिल्म पद्मावती का खिलाफ कर रही है। आखिरकार नीतीश को बीजेपी के समर्थन में उतरना ही था।

फिल्म पर जारी घमासान के बीच उन्होंने कहा है कि निर्देशक संजय लीला भंसाली इस पर अपना रुख साफ करें, वरना इसे तब तक राज्य में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।

जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश पांचवें सीएम हैं, जो फिल्म की रिलीज के खिलाफ मुखर होकर बोले हैं। उनसे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे (सभी भाजपा शासित राज्य) इस मसले पर अपनी राय खुल कर रख चुके हैं।

बता दें कि फिल्म की रिलीज के लिए पहले एक दिसंबर की तारीख तय की गई थी, जो कि फिलहाल के लिए स्थगित कर दी गई है। गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह कहते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया गया कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।

नीतीश का इस बारे में कहना है, ''पद्मावती पर कई लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। फिल्म के निर्देशक को इस पर अपना रुख साफ करना चाहिए। तब तक के लिए फिल्म बिहार में नहीं दिखाई जाएगी।'' नीतीश ने आगे यह भी कहा, ''रानी पद्मावती (दीपिका पादुकोण) को इसमें नाचते हुए नहीं दिखाया जाना चाहिए था।''

नीतीश के इस बयान का बिहार के कला, संस्कृति, खेल और युवा मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ''फिल्म से जब तक आपत्तिजनक सींस नहीं हटा लिए जाते, तब कर हम इसे राज्य में रिलीज होने की अनुमति नहीं देंगे।''

17 साल बाद भारत की मानुषी बनीं मिस वर्ल्ड

चीन में हो रहे मिस वर्ल्ड 2017 के ग्रैंड फिनाले में भारत की मानुषी छिल्लर ने बाजी मारी है। भारत की मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड 2017 का खिताब जीत लिया है।

आपको बता दें कि 21 साल की मानुषी हरियाणा से हैं। इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर मिस मेक्सिको और तीसरे नंबर मिस इंग्लैंड रही।

प्रतियोगिता में मिस इंडिया मानुषी से सवाल पूछा गया था कि किस प्रोफेशन को सबसे ज्यादा तनख्वाह मिलनी चाहिए और क्यों? उनका जवाब था कि एक मां को सबसे ज्यादा इज्जत मिलनी चाहिए और जहां तक सैलरी की बात है, तो इसका मतलब रुपयों से नहीं बल्कि सम्मान और प्यार से।

अब 12 जनवरी को रिलीज होगी पद्मावती

बॉलीवुड फिल्म 'पद्मावती' पर लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए फिल्म की रिलीज में अब देरी हो सकती है।

खबर है कि फिल्म अब 12 जनवरी 2018 को रिलीज होगी।

पद्मावती को एक दिसंबर तक सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट मिलना मुश्किल लग रहा है।

अभी तक सीबीएफसी की स्कीनिंग समिति ने फिल्म नहीं देखी है। नियमों के मुताबिक, सर्टिफिकेट मिलने में 61 दिन लग जाते हैं। खबर है कि फिल्म के निर्माताओं की ओर से सेंसर को भेजे गए डॉक्युमेंट में कई तरह की कमियों की बात कही जा रही है।

बताया जा रहा है कि पद्मावती के मेकर्स की ओर से सेंसर को जो ओरिजिनल डॉक्युमेंट भेजे गए हैं, वो अधूरे हैं।

फिल्म की शुरुआत में भी अपेक्षित डिस्क्लेमर नहीं है। पद्मावती के मेकर्स ने करणी सेना को रिलीज से पहले फिल्म दिखाने के लिए भी सेंसर बोर्ड से अनुमति मांगी है। इसके लिए सेंसर बोर्ड को पद्मावती के निर्माताओं की ओर से स्पेशल स्क्रीनिंग के किए चिट्ठी लिखी गई है।

'द ग्रेट वान्टेड बाबा मुस्तकीम' में पुलिस अधिकारी के रोल में नज़र आएंगे फ़िरोज़ मार्शल

हर रास्ता आपके कदमों से होकर गुजरता है। फिरोज मार्शल बॉलीवुड की दुनिया में सिलवर स्क्रिन पर जल्द ही  एक दमदार करैक्टर में नजर आएंगे।

फिरोज मार्शल से हुई बातचीत के दौरान कई रोचक बातें उनकी जिन्दगी से जुड़ी मालूम हुई।

फिरोज मार्शल का कहना है कि इंसान को बस सोचने की जरूरत है कि उसको करना क्या है। पहले भी बहुत से कलाकारों के साथ किसी ना किसी तरह कहीं कास्टिंग तो कभी डायरेक्शन तो कभी बैक ग्राऊंड में काम करता रहा हूँ। बहुत पहले लोग मेरा मजाक भी बनाते थे, मगर ये सब मुझे हरा नही सके बल्कि लोगों ने मुझे हौंसला दिया मुझे खुद को साबित करने का और एक शख्स ने मुझे यहाँ तक लाने में बहुत मदद की। मैंने मार्शल आर्ट तो कभी कोई और फिल्ड में किस्मत को आजमाता रहा, हारता रहा, मगर हिम्मत नही हारी। बॉलीवुड में काम करना बहुत मुश्किल ही नही, आसान भी है। मैं फिल्म 'द ग्रेट वान्टेड बाबा मुस्तकीम' में एक पुलिस अधिकारी का रोल कर रहा हूँ।

फिरोज मार्शल ने कहा कि इस फिल्म में बॉलीवुड के मंझे हुए कलाकारों के बीच खुद को साबित करना तब बहुत मुश्किल है, जब आप खुद मुख्य पात्र हो, इस फिल्म में राजा खान, सनी लियोनी, मलाईका अरोड़ा, राखी सावंत, रजा़ मुराद, किरन कुमार, सीमा परिहार और भी कई स्टार हैं। इसलिए इस फिल्म में खुद को साबित करना बहुत कठिन काम है। इसके लिये मुझे चुना गया है। मैं वो कार्य पूरी ईमानदारी से कर रहा हूँ। भविष्य में  भी जब जब मौका मिलेगा, करता रहूँगा। मेरे पास कुछ और भी इस समय काम है, मगर पूरा ध्यान इस वक्त इस फिल्म पर ही है।

तमिल ऐक्टर विशाल ने बीजेपी नेता पर निशाना साधा था, अगले दिन जीएसटी इंटेलिजेंस के छापे पड़े

भारतीय जनता पार्टी के नेता एच राजा की आलोचना करने के एक दिन बाद ही तमिल फिल्म स्टार विशाल के प्रोडक्शन हाउस पर जीएसटी की इंटेलिजेंस टीम का छापा पड़ा है।

जीएसटी की इंटेलिजेंस टीम ने सोमवार की दोपहर को विशाल के चेन्नई स्थित ऑफिस में रेड मारी।

रेड मारने वाले अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि उन्हें रिकॉर्ड में अनियमितता की खबर मिली थी।

रेड मारने वाली टीम के अनुसार, एक फिल्म प्रोड्यूसर और वितरक होने के नाते विशाल के प्रोडक्शन हाउस के आबाकरी रिकॉर्ड की जांच की जा रही है।

रेड मारने वाले अधिकारियों ने ये भी कहा कि इससे पहले वो रजनीकांत की फिल्म 2.0 बनाने वाले लायका प्रोडक्शन के यहां भी छापा मार चुके हैं।

आपको बता दें कि विशाल तमिल फिल्म निर्माता परिषद के अध्यक्ष भी हैं।

तमिल फिल्म 'मर्सल' को लेकर उठे विवाद में विशाल ने बीजेपी नेता एच राजा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 'मर्सल' को ऑनलाइन देख पाइरेसी को प्रमोट किया है।

विशाल ने बीजेपी नेता को 'मर्सल' के फिल्म निर्माताओं से माफी मांगने की हिदायत भी दी थी।

हालांकि एच राजा ने अपनी सफाई में कहा था कि उनके पास इतना फालतू वक्त नहीं है कि वो हॉल में तीन घंटे बैठ कर फिल्म देखें।

राजा ने कहा कि मैंने 'मर्सल' फिल्म के सिर्फ विवादित क्लिप को अपने मोबाइल पर देखा था।

गौरतलब है कि 'मर्सल' के एक डायलॉग में जीएसटी का जिक्र किया गया है और इस कारण से यह फिल्म विवादों से घिर गई है। बीजेपी का कहना है कि फिल्म में सरकार की नीति को गलत तरह से पेश किया गया है।

बीजेपी 'मर्सल' से संवाद निकालने को कह रही है

जीएसटी एवं डिजीटल लेनदेन पर की गयी टिप्पणी के कारण विजय अभिनीत तमिल फिल्म 'मर्सल' विवाद में आ गयी है।

बीजेपी की तमिलनाडु इकाई की प्रमुख टी सुंदरराजन ने कहा, ''जीएसटी (वस्तु एवं सेवाकर) के बारे में 'मर्सल' में गलत संदर्भ दिया गया है। ... विख्यात हस्तियों को जनता के बीच गलत सूचनाएं दर्ज करवाने से परहेज करना चाहिए।''

तमिल फिल्म 'मर्सल' में जीएसटी पर टिप्पणी को लेकर बीजेपी इसका विरोध कर रही है। बीजेपी का आरोप है कि फिल्म में जीएसटी और नोटबंदी के बारे में गलत जानकारी दी गई है।

फिल्म में बताया गया है कि सरकार जीएसटी ले रही है, लेकिन लोगों को उसके बदलने कोई भी सुविधा नहीं मिल रही है।

साथ ही, फिल्म में भारत में मौजूद 'भ्रष्ट मेडिकल सिस्टम' का पर्दाफाश किया है।

भारतीय जनता पार्टी फिल्म के जिस सीन को हटाना चाह रही है, वह सीन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

फिल्म के इस सीन में अभिनेता विजय कहते हैं, ''सिंगापुर में लोग 7 फीसदी जीएसटी देते हैं और बदले में सरकार मुफ्त चिकित्सा सेवा दे रही है। भारत सरकार 28 फीसदी जीएसटी वसूल कर रही है। लेकिन सरकार मुफ्त में चिकित्सा सेवा क्यों नहीं दे सकती? क्यों?

दवाइयों के लिए हम 12 फीसदी टैक्स दे रहे हैं। लेकिन शराब पर कोई जीएसटी नहीं है। भारत में सरकारी अस्तपाल में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं हैं। यह जानना चाहता हूं कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने के पीछे क्या वजह थी? दो साल से अस्पताल के पास ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए देने को पैसे नहीं थे। एक अन्य सरकारी अस्पताल में डायलेसिस के दौरान बिजली चली जाती है। चार लोग मर गए। शर्मनाक, उनके पास पावर बैकअप नहीं था। आईसीयू में रखे गए बच्चे की चूहे द्वारा काटने से मौत हो जाती है। लोगों को सरकारी अस्पताल से डर लगता है।''

इस मुद्दे से उठे विवाद में शामिल होते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर तमिल गौरव का 'विमुद्रीकरण' नहीं करें।

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ''श्रीमान (नरेन्द्र) मोदी सिनेमा तमिल संस्कृति एवं भाषा की सशक्त अभिव्यक्ति है। 'मर्सल' में हस्तक्षेप कर तमिल गौरव का 'विमुद्रीकरण' मत करिये।''

कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी इस फिल्म को लेकर सरकार पर तंज किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''फिल्म निर्माताओं को नोटिस: कानून आने ही वाला है, आप केवल सरकार की नीतियों की सराहाना करने वाले वृत्त चित्र बना सकते हैं।'' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''बीजेपी 'मर्सल' में से संवाद निकालने को कह रही है। कल्पना करिए कि आज 'पराशक्ति' रिलीज हुई होती।''

संगीत सोम को कोई पढ़ाए 6ठी की किताब: जावेद अख्तर

दिग्गज लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने 'इतिहास की अज्ञानता' के लिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम की तीखी आलोचना की है। संगीत सोम ने विश्व के सात अजूबों में शामिल ताजमहल को 'भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा' करार दिया था, जिस पर जावेद ने उन्हें आड़े हाथों लिया।

सोशल मीडिया पर बुधवार को वायरल हुए एक वीडियो में सोम को एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान यह कहते हुए सुना जा रहा है कि 'ताजमहल भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा है, क्योंकि इसका निर्माण एक ऐसे शासक द्वारा किया गया है, जो हिंदुओं का नामोनिशान मिटाना चाहता था।'

इसकी प्रतिक्रिया में जावेद ने अपने एक ट्वीट में कहा, ''इतिहास के प्रति संगीत सोम की अज्ञानता सच में आश्चर्यजनक हद तक विशाल (मान्युमेंटल) है। कृपया कोई उन्हें छठी कक्षा वाली इतिहास की किताब दे। इसमें साफ बताया गया है कि जहांगीर के युग के दौरान भारत आए डॉ. थोमस रोए ने लिखा था कि एक भारतीय की औसत जीवनशैली का स्तर एक अंग्रेज की जीवनशैली से बेहतर है।''

उन्होंने लिखा, ''जो बात मुझे हैरत में डालती है, वह यह है कि अकबर से नफरत करने वालों को क्लाइव से समस्या नहीं है। जो जहांगीर से नफरत करते हैं, वे हेस्टिंग्स का जिक्र तक नहीं करते।''

विश्व के सात अजूबों में से एक माने जाने वाले ताजमहल की सुंदरता का दीदार करने हर साल लाखों भारतीय और विदेशी पर्यटक आते हैं। ताजमहल को लेकर उठे इस विवाद के निपटारे के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ''हमें सोम के बयान पर ध्यान नहीं देना चाहिए।''

मुख्यमंत्री के इस बयान से यह साफ नजर आया कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार खुद को विधायक के इस विवादास्पद बयान से अलग रखना चाहती है। आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार के लिए ताज बेहद जरूरी है, खासकर पर्यटन को ध्यान में रखते हुए। इसलिए, यहां पर्यटकों को सुविधाएं और सुरक्षा प्रदान करना उनकी सरकार की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को आगरा में ताजमहल, फतेहपुर सीकरी और अन्य ऐतिहासिक स्थलों का दौरा कर सकते हैं। एक अधिकारी ने आईएएनएस को इसकी जानकारी दी।

रि‍लेशनश‍िप पर ऋतिक रोशन ने उठाए सवाल

बॉलीवुड अभिनेता ऋतिक रोशन ने कंगना रनौत के साथ रिलेशनशिप में रहने के आरोपों पर 761 शब्दों की एक लंबी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी सफाई पेश की। इस पोस्ट के जरिए ऋतिक रोशन ने कंगना रनौत पर कई सवाल उठाए हैं।

हालांकि, उन्होंने इस पोस्ट में कंगना का नाम नहीं लिया है। ऋतिक रोशन ने सवाल उठाया है कि इतनी लंबी चली रिलेशनशिप का कोई सबूत नहीं है, ना ही कोई तस्वीर है।

इसके साथ ही ऋतिक रोशन ने कहा कि दूसरी पार्टी (कंगना) अपने गैजेट्स की जांच नहीं करवा रही है, जिससे ये साबित हो सके कि मुझे तीन हजार मेल किसने किए।

ऋतिक ने यह भी दावा किया कि उन्होंने कंगना के साथ कोई प्राइवेट में मुलाकात नहीं की।

हालांकि, उन्होंने साथ में काम जरूर किया है। इसके बाद कंगना की ओर से उनके वकील रिजवान सिद्दीकी ने इन सवालों के जवाब दिए हैं।
ऋतिक रोशन ने सवाल किया कि इतने साल चली कथित रिलेशनशिप का कोई सबूत, तस्वीर या गवाह क्यों नहीं है?

इस पर कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, ''मेरी क्लाइंट ऋतिक रोशन को डेट कर रही थी, जो कि उस वक्त शादीशुदा थे। सच्चाई ये है कि ऋतिक रोशन ने कभी भी कोई ऐसी तस्वीर क्लिक करने या डेटा नहीं रखने दिया, जिससे यह लगे कि वे दोनों रिलेशनशिप में हैं। इसकी एक सीधी वजह है कि वह अपनी छवि खराब नहीं करना चाहते थे।''

वहीं पोस्ट में ऋतिक ने दूसरा सवाल उठाया है कि जब मैंने साइबर क्राइम विभाग को जांच के लिए अपना लेपटॉप, फोन और अन्य गैजेट्स दे दिया तो दूसरी पार्टी क्यों नहीं दे रही है?

हिंदुस्तान टाइम्स ने ही अपनी दूसरी रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि कंगना ने पुलिस को बताया कि उनका फोन स्विमिंग पुल में गिर गया और लेपटॉप रिपेयर के लिए गया है। इस सवाल पर कंगना के वकील का कहना है कि मेरी क्लाइंट मामले की जांच में कानून का पूरा सहयोग कर रही है।

पोस्ट में ऋतिक रोशन ने लिखा है कि मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैंने उस महिला के साथ जनवरी 2014 में पेरिस में सगाई की थी। जबकि मेरे पासपोर्ट की डिटेल के मुताबिक, मैं जनवरी 2014 में देश से बाहर गया ही नहीं।

इस पर कंगना के वकील का कहना है कि मेरी क्लाइंट ने कभी भी मीडिया से ये नहीं कहा कि उन्हें पेरिस में प्रपोज किया गया। मेरी क्लाइंट या उनकी बहन ने कभी भी यह बयान नहीं दिया।

आर.के. फिल्मों की यादों और कॉस्ट्यूम्स की अपूरणीय क्षति सभी के लिए दुखद: ऋषि कपूर

बॉलीवुड के अभिनेता ऋषि कपूर ने शनिवार को मशहूर आर. के. फिल्म्स एंड स्टूडियोज में लगी आग के कारण स्टूडियो में बनी फिल्मों की यादों और कॉस्ट्यूम्स की अपूरणीय क्षति पर दुख प्रकट किया।

स्टूडियो के संस्थापक राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने ट्वीट कर कहा, ''स्टूडियो तो फिर से बनाया जा सकता है, लेकिन आर.के. फिल्मों की यादों और कॉस्ट्यूम्स की अपूरणीय क्षति सभी के लिए दुखद है। आग ने इसे छीन लिया।''

चेंबूर इलाके में स्थित मशहूर आर.के. फिल्म्स एंड स्टूडियोज में शनिवार दोपहर भीषण आग लग गई थी।

ऋषि ने ट्वीट कर कहा, ''हमने प्रतिष्ठित स्टेज-1 खो दिया है। शुक्र है कि कोई भी हताहत या घायल नहीं हुआ।''

आग में स्टूडियो के मुख्य शूटिंग स्थलों में से एक - डांस रियलिटी टीवी शो 'सुपर डांसर सीजन 2' का सेट जलकर खाक हो गया है। लेकिन सौभाग्य से उस वक्त शूटिंग नहीं चल रही थी।

आर.के फिल्म्स ने बॉलीवुड को 'बरसात' (1949),  'अवारा' (1951), 'बूट पॉलिश' (1954), 'श्री 420' (1955) और 'जागते रहो' (1956) जैसी शानदार फिल्में दी हैं। इसमें 'जिस देश में गंगा बहती है' (1960), 'मेरा नाम जोकर' (1970), ऋषि कपूर और डिंपल कपाडिया की पहली फिल्म 'बॉबी' (1973), 'सत्यम शिवम सुंदरम' (1978), 'प्रेम रोग' (1982), 'राम तेरी गंगा मैली' (1985) जैसी कई फिल्में बनाई गईं।

उड़ता पंजाब के रिलीज़ पर पहलाज निहलानी का सबसे बड़ा खुलासा

भारत में सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सी बी एफ सी) अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद पहलाज निहलानी ने बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान हैरान कर देना वाला खुलासा किया है। पूर्व सी बी एफ सी अध्यक्ष ने यूट्यूब चैनल लहरें टीवी को साक्षात्कार देते हुए कहा है कि पिछले साल (2016) रिलीज हुई फिल्म 'उड़ता पंजाब' को पास नहीं करने का सरकार की तरफ से उनके ऊपर दवाब था।

भारत में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने साफ कहा था कि फिल्म पास नहीं होनी चाहिए। पूरे इंटव्यू को यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया गया है। वीडियो में बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कह रहे हैं कि मंत्रालय ने उनसे 'उड़ता पंजाब' पास नहीं करने को कहा था।

उन्होंने आगे कहा, ''मुझ पर बहुत जगह से फिल्म को पास नहीं करने का दवाब था। मंत्रालय ने भी मुझसे फिल्म को पास नहीं करने के लिए कहा था। खुद पंजाब सरकार (अकाली दल और बीजेपी गठबंधन सरकार) से फिल्म को लेकर आदेश दिए गए कि फिल्म पास नहीं होनी चाहिए। सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष रहने का नाते मुझ पर जो चार्ज था उसके नियम-कायदों को देखते हुए फिल्म को पास किया।''

गौरतलब है कि पहलाज निहलानी ने सी बी एफ सी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद ये खुलासे किए हैं। इससे अब मौजूदा मोदी सरकार की छवि पर अब सवाल उठने लगे हैं।

बता दें कि बीते साल 'उड़ता पंजाब' को लेकर पंजाब में राजनीतिक घमासान पैदा हो गया था। अप्रत्यक्ष रूप से इसकी वजह 2016 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव थे।

इसकी वजह यह थी कि फिल्म में पंजाब में फैले ड्रग्स को लेकर दिखाया गया कंटेंट कहीं ना कहीं पंजाब के ड्रग्स नुमा चेहरे को बेनकाब कर रहा था। उस दौरान फिल्म को लेकर सूबे की सत्ता पक्ष अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की सरकार की भी नींद उड़ गई थी। फिल्म की वजह से पंजाब में वोट बैंक पर कोई आंच ना आए इसलिए इसे बैन करने के लिए भी खासा दवाब बनाया गया था।

खुद सूबे की अकाली दल और बीजेपी गठबंधन सरकार ने सी बी एफ सी से ये कहकर फिल्म को बैन करने की मांग की थी कि इसमें पंजाब की गलत छवि पेश की गई है।

हालांकि तब विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने अकाली दल पर फिल्म बैन करने की मांग पर निशाना साधा था। आम आदमी पार्टी ने भी आरोप लगया था पंजाब में चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए फिल्म को राजनीतिक कारणों से रिलीज नहीं होने दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि 2016 के चुनाव में कांग्रेस ने अकाली दल और बीजेपी गठबंधन को बुरी तरह से परास्त किया था।