मनोरंजन

एर्टुगरुल गाजी उर्दू | एपिसोड 1 | सीजन 1

टीआरटी का हिट तुर्की ड्रामा शो, एर्टुगरुल गाजी, अब पीटीवी द्वारा डब किया गया उर्दू में उपलब्ध है पाकिस्तान टेलीविजन लिमिटेड।

तुर्की टीवी शो में लॉकडाउन के दौरान फिल्म बनाने के रचनात्मक तरीके मिले

कोरोनोवायरस कर्फ्यू के दौरान, तुर्की निर्माताओं ने दर्शकों के लिए मनोरंजक टीवी शो लाने के लिए फिल्मांकन रखने के लिए अनोखे तरीके खोजे थे।

शबाना आज़मी कार दुर्घटना में ज़ख्मी हुईं

बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री शबाना आज़मी मुंबई-पुणे हाइवे पर कार दुर्घटना में ज़ख़्मी हो गई हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार शबाना को नवी मुंबई के एमजीएम हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है।

यह हादसा मुंबई से 60 किलोमीटर दूर खलापुर के पास शनिवार शाम में चार बजे के आसपास हुआ। रायगढ़ के एसपी अनिल परासकर का कहना है कि इनकी कार की ट्रक से टक्कर हो गई थी। इस दुर्घटना में कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है।

शबाना आज़मी मुंबई लौट रही थीं तभी उनकी कार ट्रक से भिड़ गई।  महाराष्ट्र ट्रैफ़िक पुलिस के अनुसार यह हादसा खलापुर टोल बूथ से दो किलोमीटर पहले शाम में चार बजे के क़रीब हुआ। पुलिस के अनुसार शबाना के चेहरे, गर्दन और आँख के पास चोट लगी है। वो ड्राइवर की बगल वाली सीट पर बैठी थीं।

पुलिस का कहना है कि जावेद अख़्तर पीछे से दूसरी कार में थे और उनकी कार इस टक्कर में शामिल नहीं थी। हिन्दुस्तान टाइम्स से खलापुर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर विश्वजीत काइन्जादे ने कहा है, ''शबाना की सफ़ारी गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था और पीछे से जावेद अख़्तर की आउडी कार थी। ड्राइवर ओवरटेक की कोशिश कर रहा था और इसी में आगे जाने के दौरान शबाना की कार एक ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई।''

साहित्य नोबेल पुरस्कार 2018 और 2019 की घोषणा

पोलिश लेखिका ओल्गा टोकार्चुक और ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार पीटर हैंडके को साहित्य का नोबेल पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

इनमें से ओल्गा टोकार्चुक को 2018 के लिए जबकि पीटर हैंडके को 2019 के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। 2018 नोबेल साहित्य पुरस्कार की घोषणा पिछले साल साहित्य का नोबेल की घोषणा नहीं किए जाने के कारण की गई है।

प्रतिष्ठित पुरस्कार देने वाली स्वीडिश एकेडमी ​ने पिछले साल एक यौन उत्पीड़न कांड के कारण पुरस्कार की घोषणा नहीं की थी।

ओल्गा टोकार्चुक को पिछले साल मैन बुकर इंटरनेशनल पुरस्कार भी दिया गया था। ओल्गा टोकार्चुक को 2018 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इस साल का नोबेल हैंडके को दिया गया।

एकेडमी ने एक बयान में बताया है कि 76 वर्षीय ऑस्ट्रियाई उपन्यासकार और नाटककार हैंडके को भाषाई सरलता के साथ मानवीय अनुभवों की विशेषता और परिधि के बाहर एक प्रभावशाली काम करने के लिए साहित्य का नोबेल ​दिया गया है।

वहीं, अपनी पीढ़ी के व्यवसायिक रूप से सबसे अधिक सफल लेखकों में से एक 57 साल की पोलिश लेखिका ओल्गा टोकार्चुक को जीवन की परिधियों से परे एक कथात्मक परिकल्पना करने के लिए पुरस्कार दिया गया है।

एकेडमी की सदस्य कटरीना फ्रॉस्टेंसन के पति ज़्यां क्लॉ अरनॉ के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते पिछले साल साहित्य का पुरस्कार स्थगित कर दिया गया था। बलात्कार के मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद अक्तूबर में उन्हें दो साल जेल की सज़ा सुनाई गई थी।

पुरस्कार प्रदान करने वाले संगठन के मुताबिक, फ्रॉस्टेंसन के हटने और हितों के टकराव और नोबेल विजेताओं के नाम लीक होने के आरोपों के कारण समारोह विवादों के दायरे में आ गया था। यह सब एकेडमी में जनता का विश्वास कम होने के कारण हुआ।

सभी ​पुरस्कार विजेताओं को 90 लाख स्वीडिश क्रोनर (£740,000) के अलावा एक मेडल और एक डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।

मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को ख़त लिखने वालों पर देशद्रोह का मामला दर्ज

भारत में बढ़ रहीं मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाली करीब 50 मशहूर हस्तियों पर बिहार के मुज़फ़्फरपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई है।

इस एफ़आईआर में देशद्रोह, उपद्रव, धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने और शांति में बाधा डालने से संबंधित अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जिन लोगों के ख़िलाफ़ यह एफ़आईआर की गई है उनमें मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फ़िल्म निर्देशक मणि रत्नम, अनुराग कश्यप और अभिनेत्री अपर्णा सेन समेत करीब 50 लोग शामिल हैं।

ख़बर के मुताबिक स्थानीय वकील सुधीर कुमार ओझा की ओर से दो महीने पहले दायर की गई एक याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) सूर्य कांत तिवारी के आदेश के बाद यह प्राथमिकी दर्ज हुई है।  ओझा ने कहा कि सीजेएम ने 20 अगस्त को उनकी याचिका स्वीकार कर ली थी।

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फ़िल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन का नाम भी इस एफ़आईआर में दर्ज है। उन्होंने इस पर चिंता जताई है और कहा है कि सिर्फ इस बात से कोई देशद्रोही नहीं हो जाता कि वो सत्तापक्ष से सहमत नही है।

स्मार्ट शहरों पर रणदीप सिंह सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

स्मार्ट शहरों पर रणदीप सिंह सुरजेवाला, मिलिंद देवड़ा और संजय निरुपम द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

कादर खान का 81 साल की उम्र में निधन, कनाडा में अंतिम संस्कार होगा

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता एवं लेखक कादर खान का 31 दिसम्बर को निधन हो गया। 81 वर्षीय कादर खान लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कादर खान कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे ने बताया कि अभिनेता का अंतिम संस्कार भी वहीं किया जाएगा।

कादर खान के बेटे सरफराज ने पीटीआई और भाषा से कहा, ''मेरे पिता हमें छोड़कर चले गए। लंबी बीमारी के बाद 31 दिसम्बर शाम छह बजे (कनाडाई समय) उनका निधन हो गया। वह दोपहर को कोमा में चले गए थे। वह पिछले 16-17 हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।''

उन्होंने कहा, ''उनका अंतिम संस्कार कनाडा में ही किया जाएगा। हमारा सारा परिवार यहीं है और हम यहीं रहते हैं, इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं।''

सरफराज ने कहा, ''हम दुआओं और प्रार्थना के लिए सभी का शुक्रिया अदा करते हैं। अभिनेता के निधन से एक दिन पहले भी उनके निधन की खबर आई थी, लेकिन उनके बेटे ने उन खबरों को खारिज किया था।''

कादर खान को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और डॉक्टर उन्हें नियमित वेंटीलेटर तथा बीपीएपी वेंटीलेटर पर रखे हुए थे। सुपर न्यूक्लियर पाल्सी बीमारी के कारण उन्हें चलने में भी दिक्कत आ रही थी और याददाश्त भी कमजोर हो गई थी।

काबुल में जन्मे कादर खान ने 1973 में राजेश खन्ना के साथ फिल्म 'दाग' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद वह 300 से अधिक फिल्मों में नजर आए।

अभिनेता बनने से पहले कादर खान ने रणधीर कपूर, जया बच्चन की फिल्म 'जवानी दीवानी' के लिए संवाद लिखे थे। उन्होंने 250 से अधिक फिल्मों के लिए संवाद लिखे। पटकथा लेखक के तौर पर उन्होंने मनमोहन देसाई और प्रकाश मेहरा के साथ कई फिल्मों में काम किया। अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, मनोज बाजपेयी और अर्जुन कपूर ने कादर खान के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

अमिताभ बच्चन ने ट्विटर पर लिखा, ''कादर खान का निधन हो गया। दुखद खबर। मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं। बेहतरीन मंच कलाकार, सबसे करुणामय और फिल्मों के सबसे प्रतिभाशाली।'' उन्होंने लिखा, ''मेरी अधिकतर सफल फिल्मों के प्रख्यात लेखक। बेहतरीन साथी और एक गणितज्ञ।''

अमिताभ बच्चन और कादर खान ने 'दो और दो पांच', 'मुकद्दर का सिकन्दर', 'मिस्टर नटवरलाल', 'सुहाग', 'कुली' और 'शहंशाह' जैसी फिल्मों में एक साथ काम किया। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वाजपेयी ने लिखा, ''ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें कादर खान साहब।

अनुपम खेर ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक वीडियो संदेश ट्विटर पर साझा किया। उन्होंने कहा, ''कादर खान साहब हमारे देश के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक थे। उनके साथ काम करने का अनुभव खुशियों भरा और सीखने वाला रहा।''

अर्जुन कपूर ने भी उनके निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ''एक पीढ़ी को परिभाषित करने वाले एक अभिनेता और एक लेखक ... आपके जाने से फिल्म उद्योग में एक खालीपन आ गया है जिसे भरा नहीं जा सकता। भगवान आपकी आत्मा को शांति दें कादर खान। उनके परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूँ।''

फिल्मकार मधुर भंडारकर, निर्देशक अनीस बज़्मी, अभिनेता एवं कॉमेडियन वीर दास, फिल्मकार मिलाप ज़वेरी ने भी कादर खान के निधन पर शोक व्यक्त किया। भारतीय राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय (एनएफएआई) ने भी अभिनेता को श्रद्धांजलि दी।

अपनी पसंद का चैनल चुनने के लिए ट्राई ने उपभोक्ताओं को 31 जनवरी तक का समय दिया

भारत में टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी (TRAI) ने नये टैरिफ नियम के तहत ग्राहकों को अपनी पसंद का चैनल चुनने के लिए 31 जनवरी तक का समय दे दिया है। ट्राई ने कहा है कि ग्राहक 31 जनवरी तक अपनी पसंद के चैनल चुन सकते हैं। ट्राई ने सभी मल्टी सर्विस ऑपरेटर्स (MSOs) और लोकल केबल ऑपरेटर्स (LCOs) को पहले 29 दिसंबर से नया टैरिफ सिस्टम लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन अब ट्राई ने इस समयसीमा को बढ़ाकर 31 जनवरी कर दिया है।

ट्राई के सचिव एस के गुप्ता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, ''हमने आज (गुरुवार) ब्रॉडकास्टर्स, डीटीएच ऑपरेटरों और एमएसओ (मल्टी-सिस्टम ऑपरेटरों) के साथ एक बैठक की। सभी ने नए नियमों को लागू करने की अपनी तत्परता दिखाई। हालांकि, उन्होंने अनुरोध किया कि ग्राहकों को कुछ और समय दिया जाए ताकि वे अपनी पसंद के हिसाब से चैनल चुन सकें जिससे आगे उन्हें परेशानी न हो।''

इस मांग के मद्देनजर डिस्ट्रिब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटर (डीपीओ) को ग्राहकों से उनकी पसंद के चैनलों की लिस्ट मांगने के लिए 31 जनवरी तक समय दे दिया गया है और 1 फरवरी से ग्राहकों को उनके द्वारा चुने गए चैनल मुहैया करा दिए जाएंगे।

कुछ दिन पहले ट्राई ने कहा था कि 29 दिसंबर से टीवी ब्लैकआउट नहीं होगा और नई स्कीम पर पूरी तरह से शिफ्ट होने के लिए उपभोक्ताओं को समय दिया जाएगा।

नया नियम क्या है?
ट्राई के केवल और डीटीएच ऑपरेटर्स के लिए लागू हो रहे नए नियम में कहा गया है कि वह उपभोक्ताओं पर टीवी चैनल थोप नहीं सकता है, बल्कि उपभोक्ता के पास टीवी चैनलों को चुनने की आजादी होगी, जिन्हें वे देखना चाहते हैं। उपभोक्ता अपनी मनपसंद के ही चैनल के लिए भुगतान करेंगे। इसके लिए सभी ब्रॉडकास्टर्स को अपने चैनल को बुके के रूप में उपलब्ध करना होगा, जिन्हें उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार चुन सकता है। टीवी स्क्रीन पर हर चैनल की अधिकतम मूल्य लिखी होगी। कोई भी केवल या डीटीएच ऑपरेटर ब्रॉडकास्टर की ओर से तय कीमत से अधिक नहीं ले सकता है।

ट्राई के नए नियम के तहत ग्राहकों को हर महीने 100 चैनलों के लिए अधिकतम 130 रुपये देना होगा। जीएसटी अलग से होगा। ऐसे में अगर आप 100 से अधिक चैनल देखते हैं तो अगले 25 चैनलों के लिए 20 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। इसके अलावा आप जो पे चैनल्स चुनेंगे, उनकी तय कीमतें जुड़ जाएंगी। यानी अगर आप बहुत सारे पे चैनल देखने के लिए सब्सक्राइब करते हैं तो हो सकता है कि आपको अधिक भुगतान करने पड़े। ट्राई ने बार्क के रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि टीवी दर्शकों के पैटर्न के अनुसार 80 प्रतिशत उपभोक्ता या तो 40 या उससे कम चैनलों को देखते या खंगालते हैं। यदि कोई उपभोक्ता सावधानीपूर्वक अपने परिवार की पूरी आवश्यकता के लिए चैनल चुनता है तो उसे हर महीने मौजूदा कीमत से कम भुगतान करना होगा।

ट्राई ने सभी केबल और डीटीएच ऑपरेटर्स से कहा है कि वह टीवी दर्शकों को अपने वेबसाइट के जरिए चैनल चुनने और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं। वेबसाइट पर चैनलों की सूची कीमत के साथ उपलब्ध होगी। इसके अलावा उपभोक्ता कॉल सेंटर के जरिए भी चैनल चुन पाएंगे।

नए नियम लागू होने के बाद कोई भी केबल या डीटीएच ऑपरेटर्स चैनलों के लिए अलग-अलग चार्ज नहीं ले पाएंगे। सभी प्लेटफॉर्म पर चैनलों की समान कीमत होगी। अगर दो अलग- अलग सर्विस प्रोवाइडर्स के उपभोक्ता एक जैसे चैनल देख रहे हैं तो उनका भुगतान भी एक जैसा ही होगा।

प्रियंका चोपड़ा के 'भारत' छोड़ने से नाराज सलमान खान

अमेरिकी ब्वॉयफ्रेंड निक जोनस से शादी की खातिर सलमान खान की फिल्म 'भारत' छोड़ने वाली प्रियंका चोपड़ा ने ये कभी नहीं सोचा होगा कि उसका ये फैसला उसे जिंदगीभर का नुकसान दे जाएगा। प्रियंका चोपड़ा के फिल्म छोड़ने के बाद सलमान खान उससे बेहद नाराज है और इसी नाराजगी में सलमान ने एक बड़ा फैसला भी ले लिया है।

सलमान के करीबी सूत्रों के मुताबिक, सलमान ने ये फैसला लिया है कि वो प्रियंका के साथ दोबारा कभी काम नहीं करेंगे। हालांकि, ऐसा फैसला लेने से पहले प्रियंका चोपड़ा को यह पता होगा कि उसे सलमान खान के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा। क्योंकि बॉलीवुड में हर कोई सलमान के गुस्से के बारे में अच्छे से जानता है।

खबरों की माने तो प्रियंका चोपड़ा और सलमान खान के रिश्ते कभी भी बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। प्रियंका चोपड़ा और सलमान खान ने एक साथ कुछ फिल्मों में काम जरूर किया है, लेकिन इनके बीच हमेशा कोल्ड वॉर चलती रही है।

बताया जाता है कि फिल्म 'भारत' में भी प्रियंका चोपड़ा को सलमान की बहन अर्पिता की वजह से लिया गया था। दरअसल, प्रियंका और अर्पिता की बॉन्डिंग बेहद स्ट्रॉन्ग हैं।  दोनों बहुत अच्छा रिश्ता शेयर करती है। ऐसे में जब अर्पिता ने सलमान को 'भारत' के लिए प्रियंका के नाम का सुझाव दिया तो वो खुद भी इंकार नहीं कर पाए, साथ ही सलमान खान खुद भी सारी चीजें भुलाकर नई शुरूआत करना चाहते थे।

हालांकि, प्रियंका चोपड़ा ने जिस तरह से ऐन मौके पर सलमान की फिल्म को छोड़ा है, उसके बाद ऐसा नहीं लगता है कि सलमान खान प्रियंका को कभी माफ करेंगे।

मिमोह की शादी: मिथुन के चेहरे पर दिखी परेशानी

रेप केस में आरोपी मिथुन चक्रवर्ती के बेटे मिमोह चक्रवर्ती ने अपनी खास दोस्त मदालसा शर्मा के साथ शादी कर ली है। दोनों की शादी पहले 7 जुलाई को होने वाली थी, लेकिन मिमोह पर लगे आरोपों के चलते इसे आगे बढ़ा दिया गया था। इस समय मिमोह जमानत पर बाहर हैं और आज ही उन्होंने अपने पिता के ऊटी स्थित होटल में शादी रचा ली। दोनों की शादी की कई फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिनमें आप पूरा वेडिंग एल्बम देख सकते हैं। लेकिन खास बात ये है कि इनमें से एक फोटो में मिथुन परेशान नजर आ रहे हैं।

इस फोटो में दूल्हा-दुल्हन और बाकी परिवारवाले बेहद खुश नजर आ रहे हैं। लेकिन मिथुन के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही है। उनका लुक भी काफी सिंपल है। सफेद कुर्ते-पजामे के साथ उन्होंने सर पर काली टोपी लगाई हुई है।

इस दौरान मिमोह और मदालसा के चेहरे पर खुशी नजर आई। दोनों की फोटोज देखकर ये लग ही नहीं रहा था कि पुलिस केस को लेकर उन्हें किसी तरह की परेशानी या तनाव है। बल्कि वो शादी की हर रस्म को पूरी तरह एन्जॉय कर रहे थे और एक-दूसरे के साथ मस्ती भी कर रहे थे। मिमोह और मदालसा ने जब शादी रचाई तो वहां केवल उनके खास दोस्त और परिवारवाले ही मौजूद थे। जब मीडिया में इनकी शादी की खबरें आई थीं तब बताया गया था कि दोनों सिर्फ परिवारवालों की मौजूदगी में ही सात फेरे लेंगे।

मिमोह की बात की जाए तो उन्हें महाअक्षय के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने साल 2008 में 'जिम्मी' नाम की एक फिल्म से बॉलीवुड में कदम रखा था, जो बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई थी। इसके बाद मिमोह का करियर भी थम गया। 'जिम्मी' के बाद मिमोह चक्रवर्ती 'हॉन्टेड' जैसी फिल्मों में दिखाई दिए थे, लेकिन वो दर्शकों के दिलों में अपने पापा जैसी खास जगह नहीं बना पाये। मदालसा बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में तो बहुत मशहूर नहीं रही हैं, लेकिन वो साउथ फिल्म इंडस्ट्री का एक जाना पहचाना नाम हैं। उन्होंने साउथ में कई सारी सफल फिल्में की हैं।