क्वाड के ज़रिए भारत के साथ अमेरिका के संबंध 2023 में और बेहतर हुए: अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन
गुरुवार, 21 सितम्बर 2023
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि क्वाड के ज़रिए भारत के साथ अमेरिका के संबंध 2023 में और बेहतर हुए।
एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि न केवल भारत बल्कि जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी अमेरिका के संबंध गहरे हुए हैं।
एंटनी ब्लिंकन बुधवार, 20 सितम्बर 2023 को वाशिंगटन के विदेश विभाग में आयोजित वर्षांत संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ''हमने भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत किया है। हमने क्वाड के ज़रिए भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग को और बेहतर बनाया है।
अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडन ने जून 2023 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की थी। उसके बाद नई दिल्ली में आयोजित जी20 की बैठक में भाग लेने बाइडन आए थे।
चीन के आक्रामक व्यवहार से निपटने के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में क्वाड की स्थापना की थी। यह 2007 में स्थापित 'क्वार्डिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (QSD) से ही विकसित हुई थी।
सर्दी-खांसी में बच्चों को दी जाने वाली एफडीसी दवा के इस्तेमाल पर भारत ने रोक लगाई
गुरुवार, 21 सितम्बर 2023
भारत की दवा नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने चार साल से छोटे बच्चों के लिए सर्दी-रोधी लोकप्रिय दवा के संयोजन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के इस हफ़्ते लिए गए फ़ैसले के अनुसार, फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (एफडीसी) का इस्तेमाल करने पर दवा कंपनियों को दवा के लेबल पर लिखना होगा कि "एफडीसी का उपयोग 4 साल से कम उम्र के बच्चों में नहीं किया जाना चाहिए।''
भारत सरकार का यह फ़ैसला कुछ महीने पहले कई देशों में कफ़ सीरप पीने से 100 से अधिक बच्चों की मौत होने के बाद आया है।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने कहा है कि बच्चों के लिए एक अस्वीकृत सर्दी-रोधी दवा फॉर्मूलेशन के प्रमोशन को लेकर चिंता जताई गई थी। अब चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए एफडीसी का इस्तेमाल न करने की सिफारिश की गई।
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के आदेश के अनुसार, फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन (एफडीसी) का उपयोग करने पर दवा कंपनियों को अपने उत्पादों पर चेतावनी के साथ लेबल लगाने की ज़रूरत होगी।
फिक्स्ड-ड्रग कॉम्बिनेशन में क्लोरफेनिरामाइन मैलेट और फिनाइलफ्राइन शामिल होते हैं। इसका उपयोग अक्सर सर्दी जुकाम के इलाज के लिए सिरप या गोलियों में किया जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन भी पांच साल से छोटे बच्चों में खांसी और सर्दी के इलाज के लिए बिना डॉक्टर की पर्ची के सिरप या अन्य दवाई के उपयोग की सिफ़ारिश नहीं करता।
धीरज प्रसाद साहू ने अपने घर से मिले 300 करोड़ रुपये के बारे में क्या कहा?
शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023
भारत में बीते दिनों आयकर विभाग को ओडिशा से कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू के घर से 300 करोड़ से अधिक कैश मिले थे धीरज प्रसाद साहू ने शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 को पूरे मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
धीरज प्रसाद साहू ने कहा, "मैं लगभग 30-35 सालों से सक्रिय राजनीति में हूं। मैं हमेशा चाहता था कि मेरे राजनीतिक जीवन में कभी विवाद न हो। लेकिन अब विवाद हुआ है तो मैं मजबूरन अपने और अपने परिवार के बारे में जानकारी देना चाहता हूं।''
धीरज प्रसाद साहू ने कहा, ''मैं स्वीकार करता हूं कि जो भी पैसा रिकवर किया गया है। वो मेरी ही फर्म का है। ये कैश मेरी शराब फर्मों से जुड़ा है। ये शराब बेचने से हुई कमाई है क्योंकि शराब एक ऐसा व्यवसाय है जो कि ज़्यादातर नकदी आधारित व्यवसाय है। इसका कांग्रेस और दूसरी पार्टियों से कोई लेना देना नहीं है, जैसा कि कहा जा रहा है। ये सारा पैसा मेरा भी नहीं है। ये मेरे परिवार और दूसरी फर्मों का है। अब आयकर विभाग ने छापा मार दिया है, मैं हर चीज़ का हिसाब दूंगा।
धीरज प्रसाद साहू कौन हैं?
भारतीय संसद के उच्च सदन राज्य सभा की वेबसाइट के अनुसार 23 नवंबर 1955 को रांची में जन्मे धीरज प्रसाद साहू के पिता का नाम राय साहब बलदेव साहू है और मां का नाम सुशीला देवी है।
धीरज प्रसाद साहू तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। धीरज प्रसाद साहू की अपनी वेबसाइट के अनुसार वो एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता राय साहब बलदेव साहू अविभाजित बिहार के छोटानागपुर से थे और उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में हिस्सा लिया था।
भारत के आज़ाद होने के वक्त से ही उनका परिवार कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा है। उन्होंने ख़ुद 1977 में राजनीति में क़दम रखा। वे लोहरदगा जिला यूथ कांग्रेस में शामिल रहे। उनके भाई शिव प्रसाद साहू भी रांची से दो बार कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा सांसद रह चुके हैं।
धीरज प्रसाद साहू ने रांची के मारवाड़ी कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की और झारखंड के लोहरदगा में रहते हैं।
2018 में राज्य सभा के लिए चुने जाने की प्रक्रिया में धीरज साहू ने जो हलफ़नामा दायर किया था। इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ बताई थी। उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था।
हलफ़नामे के अनुसार उनके ख़िलाफ़ कोई आपराधिक मामला नहीं था। हलफ़नामे के अनुसार उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है।
बीजेपी विधायक को बलात्कार केस में 25 साल जेल की सज़ा, 10 लाख रुपये का जुर्माना
शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में बीजेपी के स्थानीय विधायक रामदुलारे गोंड को एमपी/एमएलए कोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में 25 साल की सज़ा सुनाई है और दस लाख रुपये जुर्माना लगाया है।
12 दिसम्बर 2023 को दोषी क़रार दिए जाने के बाद ही रामदुलारे गोंड को हिरासत में ले लिया गया था।
सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "साल 2014 में सोनभद्र के मयूरपुर थाने में पोक्सो एक्ट के तहत रामदुलारे के ख़िलाफ़ मुक़दमा हुआ था। इसकी पूरी विवेचना थाना स्तर पर की गई और सबूत अदालत के समक्ष पेश किए गए। अब माननीय अदालत ने विधायक रामदुलारे गोंड को दोषी क़रार दिया है। उन्हें तीन दिन पहले ही हिरासत में ले लिया गया था।''
एमपी-एमएलए कोर्ट ने आईपीसी की धारा 376 व 201 के तहत विधायक रामदुलारे गोंड को 12 दिसम्बर 2023 को दोषी क़रार दिया था। इसी दिन उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था।
एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एहसानुल्लाह खां ने अर्थदंड की पूरी राशि पीड़िता को देने का आदेश भी दिया है। एमपी-एमएलए कोर्ट के इस फ़ैसले के बाद रामदुलारे गोंड की विधायकी जाना भी तय माना जा रहा है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने अमेरिका और कनाडा में सिख अलगाववादी नेताओं की हत्या की साज़िश की निष्पक्ष जांच की मांग की
शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023
मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने अमेरिका और कनाडा के सिख अलगाववादी नेताओं की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के आरोपों की विस्तार से और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की ओर से शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023 को जारी एक प्रेस रिलीज़ में आरोप लगाया गया है कि भारत सरकार विदेशों में रह रहे बुद्धिजीवियों और एक्टिविस्टों के ख़िलाफ़ पहले से ही दुष्प्रचार फैलाने में जुटी हुई है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लोगों को मारने और अधिकारों के उल्लंघन में शामिल सुरक्षा बलों को सज़ा दिलाने में नाकाम रहने का आरोप भारत सरकार पर लगाया है।
ह्यूमन राइट्स वॉच की एशिया डायरेक्टर ऐलेन पियर्सन ने कहा है कि अमेरिका और कनाडा में हत्या की साज़िश रचने में भारत की कथित संलिप्तता, ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से लोगों को मारने की प्रवृत्ति का ही विस्तार है।
सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कनाडा के नागरिक और अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था।
उसके बाद 29 नवंबर 2023 को अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया कि सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के प्रयास में एक भारतीय अधिकारी ने भारत के ही नागरिक निखिल गुप्ता को ज़िम्मेदारी सौंपी थी।
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सात दिसंबर 2023 को कहा था कि भारत ने अमेरिकी ज़मीन पर एक ख़ालिस्तानी नेता को मारने की कथित साजिश के मामले में जांच शुरू कर दी है। इस मामले में अमेरिका ने इनपुट उपलब्ध कराए थे और यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है।
साथ ही भारत के विदेश मंत्री ने ये साफ़ किया कि कनाडा के आरोपों पर 'इसी तरह की कार्रवाई' की संभावना नहीं है क्योंकि कनाडा ने कोई पुख्ता सबूत या इनपुट भारत को नहीं दिया है।
भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा में एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका और कनाडा की ओर से लगाए गए आरोपों को सामान तरीके से देखने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि एक देश (अमेरिका) ने भारत सरकार को इनपुट उपलब्ध कराए हैं, जबकि दूसरे (कनाडा) ने ऐसा नहीं किया था।
उन्होंने कहा, "जहां तक अमेरिका का सवाल है, अमेरिका के साथ हमारे सुरक्षा सहयोग के तहत हमें कुछ इनपुट दिए गए थे। वे इनपुट हमारे लिए चिंता का विषय थे क्योंकि वे संगठित अपराध, तस्करी से संबंधित थे। इनका हमारी अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ता है, इसलिए मामले की जांच करने का निर्णय लिया गया और एक जांच समिति का गठन किया गया है।''
"जहां तक कनाडा का सवाल है, हमें कोई विशिष्ट सबूत या इनपुट उपलब्ध नहीं कराया गया। इसलिए दो देशों, जिनमें से एक ने इनपुट दिए है और एक ने नहीं, उनके साथ एक जैसा न्यायसंगत व्यवहार करने का सवाल ही नहीं उठता है।''
अमेरिका ने जब ख़ालिस्तानी नेता की हत्या की कोशिश में भारत सरकार के अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया तो भारत ने उसे चिंताजनक बताते हुए उस पर जांच समिति गठित कर दी, लेकिन जब सितंबर 2023 में कनाडा ने ख़ालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाया था तो भारत ने इस आरोप को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया था।
भारतीय संसद की सुरक्षा में चूक का मामला, पुलिस ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया
गुरुवार, 14 दिसंबर 2023
बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को भारतीय संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और इस मामले में दिल्ली पुलिस ने यूएपीए की धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की है।
13 दिसंबर 2001 में भारतीय संसद में हुए हमले की सालगिरह पर लोकसभा में दो लोग विजिटर गैलरी से सांसदों के कक्ष में कूद गए। इन लोगों ने पीले रंग की गैस स्प्रे की और नारे लगाए।
जिस समय सदन के अंदर ये वाकया हुआ उस समय शून्यकाल चल रहा था।
लगभग इसी समय सदन के बाहर संसद के परिसर में एक पुरुष और एक महिला- अनमोल शिंदे और नीलम देवी- ने 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए छोटे से कनस्तरों से रंगीन गैस स्प्रे किया।
पुलिस का कहना है कि ये चारो छह लोगों के समूह का हिस्सा हैं जिन्होंने इसकी योजना बनायी। ये योजना इंस्टेंट मैसेजिंग एप पर बनायी गई और ये लोग भारत के राज्य हरियाणा के गुरुग्राम के एक फ़्लैट में रह रहे थे।
पुलिस ने बताया कि केस आईपीसी की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना) और 353 (हमला) के तहत दर्ज किया गया है। इसके साथ ही यूएपीए की धारा 16 और 18 भी लगायी गई है।
भारतीय संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सात लोग सस्पेंड
गुरुवार, 14 दिसंबर 2023
बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में हुई बड़ी चूक के मामले में लोकसभा सचिवालय ने कम से कम सात लोगों को सस्पेंड कर दिया है।
सस्पेंड होने वालों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र के रूप में की गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को हुए वाकये के बाद संसद और आसपास के इलाके में सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है। संसद परिसर के बाहर पुलिस के बैरिकेड लगा दिए गए है।
भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बुधवार, 13 दिसंबर 2023 को संसद पहुंचे हैं।
भारत के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमिटी बनायी है।
गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि जांच कमिटी संसद की सुरक्षा में हुई चूक और इसकी वजहों की पहचान करेगी और इसे बेहतर करने के लिए गृह मंत्रालय को जल्द रिपोर्ट सौंपेगी।
आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर ओआईसी के बयान पर भारत ने क्या कहा?
गुरुवार, 14 दिसंबर 2023
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र सरकार के फ़ैसले पर मुहर लगा दी है।
इस फ़ैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने चिंता जतायी और कहा था कि भारत को 5 अगस्त 2019 को किया गया फ़ैसला वापस लेना चाहिए क्योंकि कश्मीर मान्यता प्राप्त विवादित क्षेत्र है।
ओआईसी के इस बयान पर भारत ने अब कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारत ने ओआईसी के बयान को पूरी तरह से ख़ारिज करते हुए कहा कि ये बयान गलत सूचना और गलत मंशा पर आधारित हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन करने वाले और बिना किसी पछतावे के सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश की शह पर ओआईसी की ओर से की गई टिप्पणी उसके एक्शन को और संदिग्ध बनाती है।''
अरिंदम बागची ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन ये इशारा पाकिस्तान की ओर था।
अरिंदम बागची ने कहा, "भारत सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन की ओर से जारी बयान को खारिज करता है।''
ओआईसी महासचिवालय ने मंगलवार, 12 दिसंबर 2023 को एक बयान में जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता दिखायी थी। ओआईसी महासचिवालय ने 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार के फ़ैसले को "एकतरफा कार्रवाई" बताया।
ओआईसी के सचिवालय ने कहा था कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवादित जगह है और इसलिए भारत को अपना फ़ैसला वापस लेना चाहिए।
अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?
मंगलवार, 12 दिसंबर 2023
सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के केंद्र सरकार के फैसले के वैध ठहराया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का फ़ैसला सही था और ये अनुच्छेद एक अस्थायी प्रावधान था।
इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा है कि ये फ़ैसला ‘यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है'।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा - "अपने हालिया फ़ैसले से भारत ने साबित कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार उल्लंघन कर रहा है। विवादित क्षेत्र में ऐसे फैसले विश्वसनीयता की कमी दिखाते हैं।''
"5 अगस्त 2019 से भारत जो कर रहा है वो कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं की अनदेखी और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। न तो भारतीय संसद और न ही इसकी न्यायपालिका के पास यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों या अंतरराष्ट्रीय समझौतों में संशोधन करने का अधिकार है। वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र की नज़र में कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसके भविष्य का फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही होगा।''
सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा।
चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी।
आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
पाकिस्तान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर दिए गए फ़ैसले पर टिप्पणी की है।
विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है, ''अंतरराष्ट्रीय क़ानून, पांच अगस्त, 2019 को भारत की ओर से उठाया गया अवैध और एकतरफ़ा कदम स्वीकार नहीं करता है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मुद्दे पर दिए गए न्यायिक समर्थन का कोई क़ानूनी मूल्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत कश्मीरियों के पास आत्म निर्णय का अधिकार है।''
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
इसके बाद पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक विस्तृत बयान जारी किया है।
इस बयान में कहा गया है - ''पिछले सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के एजेंडे में शामिल रहा जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है। जम्मू-कश्मीर का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रावधानों और कश्मीरी अवाम के आकाँक्षाओं के अनुरूप किया जाना है। भारत को कश्मीरी अवाम और पाकिस्तान की इच्छा के विपरीत इस विवादित क्षेत्र की स्थिति के बारे में एकतरफ़ा फ़ैसले करने का अधिकार नहीं है।''
"पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं करता है। भारतीय संविधान के अधीन किसी भी प्रक्रिया का कोई क़ानून महत्व नहीं है। भारत अपने क़ानूनों और न्यायिक फ़ैसलों के दम पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे नहीं हट सकता।''
सुप्रीम कोर्ट के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले पर मोदी ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने को वैध ठहराने वाले सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले की तारीफ़ करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ये ऐतिहासिक फ़ैसला है।
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने लिखा, ''अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। कोर्ट ने 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद के लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखा है। यह जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है।''
उन्होंने कहा, ''कोर्ट ने अपने गहन ज्ञान से एकता के उस सार को मजबूत किया है जिसे हम भारतीय होने के नाते सबसे ऊपर रखते हैं।''
''मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है।''
मोदी ने कहा, ''हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि विकास का फ़ायदा न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका फ़ायदा हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण भेदभाव का शिकार थे।''
उन्होंने कहा, ''आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है, यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।''
आर्टिकल 370: सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या कहा?
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आर्टिकल 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा में जोड़ने का ऐतिहासिक काम किया है।
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर जेपी नड्डा ने लिखा, "माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा आर्टिकल 370 के विषय में दिये गये फ़ैसले का भारतीय जनता पार्टी स्वागत करती है। उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने आर्टिकल 370 और 35ए को हटाने के लिए दिए गये निर्णय, उसकी प्रक्रिया और उद्देश्य को सही ठहराया है।''
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से साबित हुआ कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था: अमित शाह
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के सोमवार को आए फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश साबित हो गया है कि आर्टिकल 370 को हटाने का फ़ैसला पूरी तरह संवैधानिक था।''
सोशल प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर अमित शाह ने लिखा, ''सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को हटाने के फ़ैसले को बरक़रार रखा है, मैं इसका स्वागत करता हूं।''
उन्होंने कहा, ''5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिकल 370 को हटाने का दूरदर्शी फ़ैसला किया। तब से जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हुई है।''
अमित शाह ने कहा, ''कभी हिंसा से बदहाल रही घाटी में तरक्की और विकास ने इंसानी ज़िंदगी को नए मायने दिए हैं। पर्यटन और कृषि के क्षेत्र में समृद्धि आई है जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की आय का स्तर बढ़ा है।''
आर्टिकल 370: बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी बनाने से
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से वो 'संतुष्ट नहीं' हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया है कि अब भारतीय जनता पार्टी को 'चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है'।
ओवैसी ने कहा है, ''आज जो फ़ैसला आया हम उससे मुतमईन नहीं हैं।''
उन्होंने कहा, ''मेरी नज़र में आर्टिकल 370 को जो हटाया गया है, ये संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है। बंटवारा और राज्य का दर्जा हटाना, ये बहुत बड़ा धोखा हुआ है, जो हमने कश्मीर की आवाम से वादा किया था।''
ओवैसी ने कहा, ''मैं पहले भी कह चुका हूं और आज भी कह रहा हूं कि अब ये कोर्ट से वैध ठहराया जा चुका है, कल बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) बनाने से।''
आर्टिकल 370: अखिलेश यादव का बीजेपी से सवाल, 370 हट गई लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए
सोमवार, 11 दिसंबर 2023
भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला सभी मानेंगे लेकिन भारतीय जनता पार्टी को सीमा सुरक्षा को लेकर सवालों के जवाब देने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया है। सभी उसको मानेंगे।
उन्होंने कहा, "सीमा सुरक्षा को लेकर भारतीय जनता पार्टी को देश को जानकारी देनी होगी। लद्दाख को लेकर जब सवाल खड़े हुए थे और चीन अंदर आ गया था, अभी वो वहीं बैठा है। वो पीछे नहीं हटा है। प्रदेश (जम्मू-कश्मीर) का बंटवारा हो गया। 370 हट गई। लेकिन चीन के लोग अंदर आ गए।''
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा, "समाजवादी पार्टी ने उस समय पूछा था कि जो सीटें (जम्मू-कश्मीर विधानसभा में) खाली हैं, वो कब भरी जाएंगी। क्योंकि पीओके आपका हिस्सा नहीं है। लेकिन आप उसे स्वीकार भी नहीं करते। वो सीटें आज भी खाली हैं। क्या भारतीय जनता पार्टी आने वाले समय में विधानसभा की उन सीटों को भरने के लिए कोई फ़ैसला लेगी। आखिरकार वो कैसे भरी जाएंगी।''