बिहार / झारखण्ड

बिहार में बीफ के शक में तीन लोगों को भीड़ ने पीटा, नीतीश कुमार पर भड़के लोग

परजानिया फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित फिल्म डायरेक्टर राहुल ढोलकिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है। गुरुवार को बिहार में बीफ ले जाने के शक में तीन लोगों को भीड़ द्वारा पीटे जाने का मामला सामने आया।

इसी मुद्दे पर संसद से लेकर सोशल मीडिया तक पर नीतीश कुमार की निंदा हो रही है। लोग लिख रहे हैं कि बिहार की इस घटना ने साबित कर दिया कि अब यहां भी बीजेपी की सरकार बन गई है।

जनवरी महीने में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म रईस के निर्देशक राहुल ढोलकिया ने भी इस खबर को लेकर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लिया है।

राहुल ढोलकिया ने इस खबर के लिंक को ट्वीट करते हुए लिखा कि इसी के साथ नीतीश कुमार पास हो गया।

आपको बता दें कि राहुल ढोलकिया की गिनती बॉलीवुड के उन चंद निर्देशकों में होती है जो अलग तरह की फिल्में बनाते हैं। राहुल ढोलकिया को 2007 में आई परजानिया फिल्म के लिए बेस्ट निर्देशक का राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

वामपंथी नेता सीताराम येचुरी ने भी इस घटना पर बीजेपी और नीतीश कुमार पर तंज कसा है। येचुरी ने कहा कि जिस किसी राज्य में बीजेपी की सरकार है, वहां मॉब लिंचिंग की घटनाएं आम हैं, बिहार की इस घटना ने इस बात पर आज आधिकारिक तौर पर मुहर लगा दी कि वहां भी बीजेपी की सरकार है।

सोशल मीडिया पर आम लोग भी बिहार की इस घटना के लिए नीतीश कुमार और बीजेपी की आलोचना कर रहे हैं।

आपको बता दें कि बिहार के भोजपुर जिले में एक ट्रक ड्राइवर समेत कथित तौर पर बीफ ले जा रहे तीन लोगों को भीड़ ने बुरी तरह पीटा है।

पुलिस ने बताया कि घटना गुरुवार की है। जानकारी के मुताबिक, भोजपुर जिले के शाहपुर इलाके में कुछ बजरंग दल कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने मिलकर तीन लोगों को रोक लिया। बीफ ले जाने के शक में ट्रक ड्राइवर समेत तीन लोगों को बुरी तरह पीटा गया। पीड़ितों के कई बार गुजारिश करने के बाद भी उन्हें नहीं छोड़ा गया।

नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम हैं: लालू प्रसाद यादव

राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

लालू यादव ने कहा कि जेपी आंदोलन के वक्त उन्होंने नीतीश कुमार को आगे बढ़ाया और आज नीतीश मोदी की जय-जयकार कर रहे हैं।

उन्होंने नीतीश को राजनीति का पलटूराम बताया। लालू ने कहा, ''छात्र आंदोलन की शुरुआत मैंने की और नीतीश से ज्यादा लोकप्रिय था। नीतीश कुमार राजनीति के पलटूराम हैं, न जाने कितनी बार पलटी मारी है।''

लालू ने कहा कि नीतीश उनके बेटे तेजस्वी यादव की लोकप्रियता से डर गए थे। लालू बोले, ''तेजस्वी के सवाल पर नीतीश विधानसभा में चुप थे। वह तेजस्वी की लोकप्रियता से डर गए थे।''

नीतीश कुमार 1990 में लालू के दाहिने हाथ कहे जाते थे। साल 1994 में नीतीश ने लालू से नाता तोड़ा और जनता दल से अलग समता पार्टी के साथ आए। 1997- 2005 तक लालू के खिलाफ अभियान चलाया। 2005 में  बीजेपी के साथ मिलकर लालू को हराकर सरकार बनाई। 2014 में नीतीश ने लालू के साथ मिलकर गठबंधन किया। 2015 में महा गठबंधन ने बीजेपी का बुरी तरह हराया।

वहीं, बिहार में महागठबंधन टूटने और सरकार से अलग होने के बाद राष्ट्रीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साध रहे हैं।

तेजस्वी ने नीतीश के अंतरात्मा की आवाज पर इस्तीफा देने के बयान पर तंज कसते हुए मंगलवार को कहा कि अंतरात्मा का ही बैंड बजा हुआ है।

तेजस्वी ने ट्विटर पर लिखा, ''अंतरात्मा का बैंड बजा हुआ है। शरीर का भी और स्वर का भी।''

वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी के मुकाबले किसी के नहीं होने के नीतीश के बयान पर तेजस्वी ने प्रधानमंत्री को व्यंग्यात्मक लहजे में बधाई देते हुए सोमवार शाम ट्वीट कर कहा था, ''आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई। भक्तों की संख्या में खुलकर आज एक और नतमस्तक परम शिष्य की 'एंट्री'।''

लालू यादव का साथ छोड़ने से शरद यादव ने मना किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ सहयोगी और सांसद शरद यादव को लालू यादव का साथ छोड़ने के फैसले पर बहस के लिए कहा है। एनडीटीवी रिपोर्ट के अनुसार, नीतीश ने शरद से कहा है कि सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर करने के बजाय वो पार्टी के मंच पर उनसे बहस करें।

नीतीश कुमार द्वारा लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस का साथ छोड़ने के पांच दिन बाद शरद यादव ने अपनी 'असहमति' खुलकर जाहिर की थी। शरद यादव ने नीतीश कुमार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वो इससे सहमत नहीं है। शरद यादव ने कहा कि नीतीश के फैसले जनादेश के उलट है।

नीतीश ने कहा कि वो कोई भी फैसला पार्टी के सबसे बेहतर हित को ध्यान में रखकर लेते हैं। नीतीश ने कहा है कि उन्होंने शरद यादव को लालू यादव के संग गठबंधन तोड़ने और बीजेपी से समर्थन लेने के बारे में बता दिया था।

शरद यादव जनता दल यूनाइटेड के संस्थापक अध्यक्ष हैं, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में नीतीश कुमार उन्हें हटाकर खुद अध्यक्ष बन गए थे। तभी से माना जा रहा है कि नीतीश से शरद नाराज हैं।

26 जुलाई को नीतीश ने सीएम पद से इस्तीफा देते हुए राजद और कांग्रेस से गठबंधन तोड़ा। अगले ही दिन उन्होंने सीएम पद की शपथ ले ली। उनके साथ बीजेपी नेता सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। नीतीश ने 243 सदस्यों वाली बिहार विधान सभा में 131 विधायकों के समर्थन से विश्वास मत भी साबित कर दिया। लेकिन शरद यादव नीतीश के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं गए। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा, रालोद नेता अजीत कुमार इत्यादि ने दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात की। लालू यादव ने शरद यादव को सार्वजनिक रूप से अपने साथ आने के लिए कहा।  मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने शरद से फोन पर बात की।

जनता दल यूनाइटेड के दो राज्य सभा सांसद अली अनवर और वीरेंद्र कुमार खुलकर नीतीश कुमार का विरोध कर चुके हैं। शरद यादव ने इन दो सांसदों के साथ अपने दिल्ली स्थित आवास पर बैठक की थी, लेकिन अभी तक उन्होंने पार्टी से अलग होने या न होने के बारे में कोई बयान नहीं दिया है।

जनता दल यूनाइटेड के सूत्रों के अनुसार, 19 अगस्त को पटना में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद शामिल हो सकते हैं। नीतीश का इशारा इसी बैठक में बहस करने को लेकर था।

शरद यादव ने नहीं खोले पत्ते, विपक्षी नेताओं के साथ सम्मेलन करेंगे

नीतीश कुमार के महागठबंधन को छोड़ बीजेपी से हाथ मिलाने को पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।

सोमवार (31 जुलाई) को उन्होंने महागठबंधन से नीतीश के अलग होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने अभी तक अपने सभी पत्ते नहीं खोले हैं।

सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव के करीबी नेताओं का इशारा है कि वह 19 अगस्त को होने वाली जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले, दिल्ली में सभी विपक्षी नेताओं के साथ सम्मेलन में शिरकत करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, बिहार इकाई से इतर जनता दल यूनाइटेड की 20 अन्य इकाई भी नीतीश कुमार और शरद यादव को पत्र लिखेगी।

इस पत्र के जरिए पार्टी की अन्य इकाई नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करेगी।

शरद यादव ने नीतीश के बीजेपी से हाथ मिलाने पर कहा था, ''बिहार में स्थिति ठीक नहीं है। राज्य के 11 करोड़ मतदाताओं ने महागठबंधन को चुना था। मैं गठबंधन सरकार के टूटने से दुखी हूं। गठबंधन टूटना नहीं चाहिए था। इस टूट से दुखी हूं और पार्टी के लोगों से बात कर रहा हूं। इससे ज्यादा अभी कुछ कहना मैं ठीक नहीं समझता।''

इसी बीच जनता दल यूनाइटेड महासचिव केसी त्यागी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कोई भी पार्टी को क्षति पहुंचाने या उस तोड़ने की कोशिश नहीं करेगा। त्यागी ने कहा, ''शरद जी एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हैं और वह पार्टी के फैसले या लोगों के खिलाफ नहीं जाएंगे।''

सूत्रों के मुताबिक, शरद यादव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल होंगे, लेकिन वह बीजेपी के साथ गठबंधन पर भी अपनी बात कहेंगे। विपक्षी नेताओं के साथ सम्मेलन, इसी महीने के दूसरे हफ्ते में होने की उम्मीद है।

मुफ्ती ने कहा, या तो राम रहेंगे या रहीम, ये दोनों साथ नहीं रह सकते

बिहार की नीतीश सरकार के मंत्री खुर्शीद आलम द्वारा 'जय श्री राम' कहने से विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन मंत्री के खिलाफ जारी फतवा और उसे जारी करने वाले इमारत-ए-शरिया के मुफ्ती सोहेल कासमी के बयान पर अभी भी बहस जारी है।

रविवार (30 जुलाई) को टीवी चैनल 'आज तक' पर डिबेट के दौरान मुफ्ती ने कहा कि या तो राम रहेंगे या रहीम, ये दोनों साथ नहीं रह सकते।

मुफ्ती ने बार-बार इस बात की तस्दीक की कि मंत्री खुर्शीद आलम ने यह कहा था कि वो राम और रहीम की पूजा एक साथ करते हैं। जब एंकर ने उनसे यह पूछा कि क्या खुर्शीद आलम के जय श्री राम कहने पर आपको कोई आपत्ति है तो मुफ्ती ने कहा, इससे हमें कोई परहेज नहीं है, लेकिन राम और रहीम की पूजा एक साथ नहीं हो सकती।

मुफ्ती ने साफ किया कि सिर्फ जय श्री राम का नारा लगाने की वजह से खुर्शीद आलम के खिलाफ फतवा जारी नहीं किया गया है बल्कि उन्होंने यह बयान दिया कि वो राम और रहीम की पूजा एकसाथ करते हैं, इस जुमले की वजह से उनके खिलाफ फतवा जारी किया गया है। मुफ्ती ने कहा कि इस्लाम में बुनियादी कलमा है, लाइलाहइलल्ला ... यानी इस्लाम में अल्लाह ही सबसे ऊपर है।

इससे पहले मुफ्ती ने खुर्शीद आलम के खिलाफ फतवा जारी कर कहा था कि ''जो मुसलमान जय श्री राम का नारा लगाए और ये कहे कि मैं रहीम के साथ-साथ राम की भी पूजा करता हूं .... मैं भारत के सभी धार्मिक स्थान पर माथा टेकता हूं ....  ऐसा व्यक्ति इस्लाम से खारिज और मुस्तद है। उसकी पत्नी उसके निकाह से बाहर हो गई। ऐसे व्यक्ति पर दोबारा ईमान कबूल करना एवं दोबारा निकाह करना और तौबा करना आवश्यक है। और जब तक वह ऐसा नहीं करे, तब तक मुस्लिमों को उससे किसी तरह का संबंध रखना स्थाई तौर पर जायज नहीं है। ऐसे शख्स से खुद भी बचें और मुसलमानों को भी बचाएं।''

बिहार के गन्ना और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने एक मुफ्ती की आलोचना के बाद रविवार को माफी मांग ली।

शुक्रवार को राजग सरकार के विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद फ़िरोज़ अहमद ने जय श्रीराम का नारा लगाया था। बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड के पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा क्षेत्र से विधायक खुर्शीद ने नीतीश कुमार नीत प्रदेश की नवगठित राजग सरकार के गत शुक्रवार को बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के बाद सदन परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जय श्रीराम के नारे लगाए थे।

खुर्शीद ने रविवार को कहा कि अगर उनके किसी भी बयान से किसी को तकलीफ पहुंची है, तो उसके लिए वे माफी मांगते हैं। उन्होंने उक्त कथन को तोड़-मरोड़कर पेश करने और साजिश रचने का आरोप लगाया।

'जय श्री राम' बोलने पर इस्लाम से निकालने का फतवा जारी

बिहार विधानसभा में 'जय श्रीराम' का नारा लगाने पर नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद के खिलाफ फतवा जारी किया गया है।

इस्लामी संस्था इमारत-ए-शरिया ने ये फतवा जारी किया है। इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद करार दिया है।

आपको बता दें कि नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट में जीत हासिल होने के बाद बिहार विधानसभा में फिरोज अहमद 'जय श्रीराम' के नारे लगाये थे।

साथ ही उन्होंने कहा था कि महागठबंधन टूटने के लिए मनोकामना मंदिर में पूजा की थी। खुर्शीद ने कहा था राम और रहीम एक हैं, बांटने की राजनीति अब नहीं चलेगी।

आपको बता दें कि इस घटना के अगले दिन ही नीतीश कैबिनेट में उन्हें अल्पसंख्यक मंत्री बनाया गया।

इमारत-ए-शरिया द्वारा इस्लाम से बर्खास्त करने के फतवे पर मंत्री फिरोज अहमद ने कहा है कि भगवान जानता है कि 'जय श्री राम' के नारे लगाने के पीछे मंशा क्या थी? मेरा काम बताएगा कि मैं कौन हूं? अगर मुझे बिहार के लोगों के लिए विकास और सामंजस्य के लिए 'जय श्री राम' कहना पड़ता है तो मैं कभी इससे पीछे नहीं हटूंगा। बिहार के लिए मैं 100 बार 'जय श्री राम' बोलूंगा।

झारखंड में बीफ ले जाने के शक में भीड़ ने मुस्लिम शख्‍स को पीटा, मौत

झारखंड के रामगढ़ जिले में गुरुवार को एक व्यक्ति को बीफ ले जाने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला गया।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि अलीमुद्दीन उर्फ असगर अंसारी एक मारुति वैन में 'प्रतिबंधित मांस' ले जा रहा था।

सूत्रों ने कहा कि लोगों के एक समूह ने बाजरटांड गांव में उसे रोका और उस पर बेरहमी से हमला किया। उसके वैन को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिसकर्मियों ने उसे भीड़ से बचाया और अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर के मलिक ने कहा, ''यह सुनियोजित हत्या है।''

अधिकारी ने कहा, ''असगर के खिलाफ बच्चे को अगवा करने और हत्या करने का आरोप पत्र दाखिल किया गया था।''

उन्होंने कहा कि बीफ के व्यापार में शामिल कुछ लोगों ने उसकी हत्या की साजिश रची।

अधिकारी के मुताबिक, ''हत्यारों की पहचान कर ली गई है।''

बीते तीन दिनों के भीतर झारखंड में इस तरह का यह दूसरा मामला है। गिरिडीह जिले में एक भीड़ ने एक घर के बाहर मृत गाय मिलने के बाद घर के मुस्लिम मालिक की पिटाई की थी और घर में आग लगा दी थी।

आयकर विभाग ने लालू के बेटे, बेटी और पत्नी के खिलाफ केस दर्ज किया

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मंगलवार को इनकम टैक्स विभाग ने लालू के परिवार के लोगों से जुड़ी संपत्ति को जब्त (अटैच) किया।

इनकम टैक्स विभाग ने लालू की बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार, बहन रागिनी और चंदा (लालू की बेटियां), बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी सुप्रीमो के छोटे बेटे तेजस्वी यादव तथा पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी यादव के 12 प्लॉट को अटैच किया है।

एएनआई के मुताबिक, जिन प्रॉपर्टियों को अटैच किया है उनकी कीमत 175 करोड़ बताई जा रही है। जबकि रिकॉर्ड्स में संपत्ति का खरीद मूल्य 9.32 करोड़ रुपए दिखाया गया है। टीवी चैनल आज तक के मुताबिक, आयकर विभाग ने बेनामी एक्ट के तहत लालू के बेटे-बेटी और पत्नी के खिलाफ केस भी दर्ज किया।

इससे पहले सोमवार को मीसा भारती, उनके पति और तेजस्वी यादव की संपत्ति को आयकर विभाग द्वारा सीज़ करने की कार्रवाई की गई थी। दो बार समन जारी किए जाने के बाद भी जांच एजेंसी के समक्ष हाजिर नहीं होने के कारण संपत्ति सीज़ करने की कार्रवाई की गई थी। विभाग द्वारा पहले 6 जून को समन जारी किया गया था। पेश न होने पर विभाग ने फिर से मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को समन जारी करके 12 जून को आने के लिए कहा था, लेकिन इस बार भी वह नहीं पहुंचे थे। इससे पहले मीसा भारती के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था।

नीतीश कुमार ने कहा, आम सहमति नहीं बनी तो विपक्ष उतारेगा राष्ट्रपति उम्मीदवार

बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि अगर एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति नहीं बना पाता है तो विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकता है।

हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक विपक्ष ने किसी के नाम पर चर्चा नहीं की है। पटना में मीडिया से बात करते हुए नीतीश ने कहा कि बीजेपी को किसी एक नाम पर आम सहमति बनानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मुद्दे पर उन्हें फोन किया था। उस वक्त भी उन्होंने आम सहमति बनाने पर जोर दिया था।

चारा घोटाले में लालू यादव सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे

चारा घोटाला के एक मामले में मंगलवार को पटना सीबीआई कोर्ट में लालू यादव समेत अन्य आरोपी पेशी के लिए पहुंचे।

भागलपुर में 47 लाख रुपए की फर्जी निकासी के मामले में 44 लोगों पर चार्जशीट किया गया जिसमें 15 मृत आरोपी और 29 लोगों पर ट्रायल चल रहा है।