राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि वे दलितों और वंचितों की बात नहीं सुनते हैं।
लालू ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री आवास में मंत्रियों और विधायकों को प्रवेश नहीं मिलता है, परंतु शराब माफियाओं का वहां आना-जाना रहता है।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए लालू ने जनता दल (यू) के प्रवक्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ''अगर आप जनता दल (यू) प्रवक्ता के घर रेड (छापेमारी) करेंगे तो आप देखेंगे कि वहां लोग कैसे शाम के वक्त आजादी से शराब पीते हैं।''
लालू ने बिहार में शराबबंदी को पूरी तरह असफल बताते हुए नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, ''नीतीश कुमार शराब नहीं पीते हैं, तब उनको क्या मालूम है कि शराब की होम डिलिवरी कैसे हो रही है। जब शराबबंदी के बाद भी राज्य में हर जगह शराब मिल रही है, तब इसी से अंदाजा लग रहा है कि शराबबंदी कितनी फ्लॉप है।''
राजद अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि जनता दल (यू) नेता आर सी पी सिन्हा शराब के गोरखधंधे में लिप्त लोगों से फंड वसूलते हैं।
भोजपुर में जहरीली शराब कांड के एक आरोपी और जनता दल (यू) के प्रखंड अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री नीतीश की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, इसके बाद विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साध रही है। हालांकि, आरोपी को जनता दल (यू) से निष्कासित कर दिया गया है।
लालू प्रसाद ने जनता दल (यू) के नेता और पूर्व मंत्री श्याम रजक और बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी के बयानों को सही ठहराते हुए कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार हो या बिहार में नीतीश की सरकार, दोनों आरक्षण समाप्त करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार दलितों, पिछड़ों की आवाज नहीं सुनती है। लालू ने कहा, ''बीजेपी आरक्षण की समीक्षा करने की बात करती है और नीतीश कुमार घुड़की मारकर बैठे हुए हैं। नीतीश आरक्षण विरोधी आदमी हैं।''
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चौधरी और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने दो दिन पूर्व एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि वंचित समाज को मुख्यधारा में लाने का डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी का जो सपना था, वह देश की आजादी के सात दशक बाद भी पूरा नहीं सका है।
दोनों नेताओं ने कहा था कि वंचित समाज आज भी कूड़े के ढ़ेर से अनाज चुनकर पेट की भूख मिटा रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भी इन लोगों को आरक्षण का सही लाभ नहीं मिल सका है। इसके बाद जनता दल (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा है कि किसी भी नेता को अगर कोई परेशानी हो तो उसे पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए।