अर्थव्यवस्था

नोटबंदी पर कांग्रेस की माँग : तुगलकी फरमान के लिए मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए

भारत में नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आ गया है। इसके बाद कांग्रेस ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि 'तुगलकी फरमान' के लिए मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने दावा किया कि नोटबंदी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मीडिया से कहा, ''नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री मोदी ने तीन मकसद बताये थे। पहला यह कि आतंकवाद पर चोट लगेगी, दूसरा यह कि जाली मुद्रा पर अंकुश लगेगा और तीसरा यह कि कालाधन वापस आएगा। सवाल यह है कि इस तुगलकी फरमान का क्या नतीजा निकला? नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था को जीडीपी के 1.5 फीसदी का नुकसान हुआ। इस हिसाब से एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा कतारों में खड़े होने की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। लाखों लोग बेरोजगार हो गए।''

मनीष तिवारी ने कहा, ''अगर प्रधानमंत्री में रत्ती भर भी नैतिकता होती तो वह इस्तीफा दे देते, लेकिन उनसे इसकी उम्मीद नहीं की जाती। हमारी मांग है कि अपने इस तुगलकी फरमान के लिए उनको जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।''

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी की वजह से भारत को 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए सवाल किया, ''याद करिए कि किसने कहा था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और यह सरकार के लिए लाभ होगा?''

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''आरबीआई की रिपोर्ट से फिर साबित हो गया कि नोटबंदी व्यापक स्तर की 'मोदी मेड डिज़ास्टर' थी। चलन से बाहर हुए 99.30 फीसदी नोट वापस आ गये हैं।''

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से जारी ताजा आंकड़े के अनुसार, 8 नवंबर, 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों का 99.30 प्रतिशत बैंकों के पास वापस आ गया है। नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे। इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपये ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं।

मनीष तिवारी द्वारा विमुद्रीकरण (नोट बंदी) पर एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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गुजरात में एलपीजी घोटाला: जयराम रमेश द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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रुपये में रिकॉर्ड गिरावट: डीजल 69.46 रुपये और पेट्रोल पहुंचा 85.33 रुपये

भारत में डीजल के दाम 69.46 रुपये प्रति लीटर के उच्च स्तर पर पहुंच गए, जबकि पेट्रोल भी 78 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया है। इसकी प्रमुख वजह रुपये में भारी गिरावट से कच्चे तेल का आयात महंगा होना है।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम वितरण कंपनी के अनुसार डीजल की कीमत आज 14 पैसे जबकि पेट्रोल की 13 पैसे बढ़ गई।

सभी महानगरों में दिल्ली में ईंधन की कीमत सबसे कम है। वहीं अधिकतर राज्य की राजधानियों में भी वैट या बिक्री कर कम होने से इनके दाम कम रहे हैं।

दिल्ली में इससे पहले 29 मई को डीजल की कीमत 69.31 रुपये प्रति लीटर के उच्च स्तर पर पहुंच गई थीं।

राजधानी दिल्ली में आज पेट्रोल की कीमत 77.91 रुपये प्रति लीटर और मु्ंबई में यह 85.33 रुपये प्रति लीटर रही। हालांकि यह 29 मई के दिल्ली में 78.43 रुपये और मुंबई में 86.24 रुपये प्रति लीटर से नीचे है।

सोलह अगस्त को डॉलर के मुकाबले रुपये के सबसे निचले स्तर 70.32 पर पहुंचने के बाद से ईंधन की कीमत लगातार बढ़ रही है।

पिछले 12 दिन में पेट्रोल में 77 पैसे की तेजी देखी गई है। जबकि डीजल की कीमत 74 पैसे बढ़ी है।

पिछले साल जून में तेल कंपनियों ने हर माह की पहली और 16 तारीख को ईंधन की कीमत में बदलाव करने वाली 15 साल पुरानी व्यवस्था को त्याग दिया था। उसकी जगह उन्होंने रोजाना कीमतों में बदलाव की व्यवस्था को अपनाया है।

भारत में डीजल की कीमतों ने सारे रिकॉर्ड तोड़े, पेट्रोल उच्चतम स्तर पर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत भारत के कई शहरों में डीजल के दाम आज अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। साथ ही पेट्रोल के दाम भी इस साल 29 मई को दर्ज ऐतिहासिक उच्चतम स्तर के करीब पहुंच चुके हैं।

भारत की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार को दिल्ली के साथ ही कोलकाता और चेन्नई में भी डीजल की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर रही।

दिल्ली में रविवार को डीजल 14 पैसे महंगा होकर 69.32 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। इसका पिछला उच्चतम स्तर गत 29 मई को 69.31 रुपये प्रति लीटर रहा था। कोलकाता में इसकी कीमत 14 पैसे बढ़कर रिकॉर्ड तोड़ 72.16 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी।

चेन्नई में डीजल 15 पैसे महंगा हुआ और इसकी कीमत 73.23 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर रही। भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी 15 पैसे चढ़कर इसकी कीमत 73.59 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी। यह 1 जून के बाद का उच्चतम स्तर है। मुंबई में इसकी रिकॉर्ड कीमत 29 मई को 73.79 रुपये प्रति लीटर रही थी।

पेट्रोल का दाम दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में 11-11 पैसे बढ़कर क्रमश: 77.78 रुपये, 85.20 रुपये और 80.80 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी। इन महानगरों में इसकी अधिकतम कीमत क्रमश: 78.43 रुपये, 86.24 रुपये और 81.43 रुपये प्रति लीटर रही है जो 29 मई को रही थी। कोलकाता में पेट्रोल रविवार को 10 पैसे महंगा होकर 80.71 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। वहां अधिकतम कीमत इस साल 29 मई को 81.06 रुपये प्रति लीटर रही थी।

मोदी सरकार के क्रोनी पूंजीवाद पर जयराम रमेश और शक्तिसिंह गोहिल द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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जीडीपी बैक सीरीज़ डेटा जारी करने पर पी चिदंबरम द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के बैंक खाते, चल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया

भारत में सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों से धोखाधड़ी करने और न्यायालय के साथ ओछा खेल खेलने के लिए आम्रपाली समूह को बुधवार को फटकार लगाई। साथ ही उसकी 40 फर्म के सारे बैंक खाते तथा चल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ ने आम्रपाली समूह को निर्देश दिया कि वह वर्ष 2008 से आज तक के अपने सारे बैंक खातों का विवरण पेश करे। न्यायालय ने इस समूह की 40 फर्म के सभी निदेशकों के बैंक खाते जब्त करने का भी आदेश दिया है।

शीर्ष अदालत ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव और नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष को न्यायालय की मंजूरी के बगैर ही समूह के मामलों में कार्यवाही करने को लेकर तलब किया है।

शीर्ष अदालत ने 17 मई को कानूनी लड़ाई में उलझे आम्रपाली समूह की अटकी हुई 12 परियोजनाओं को छह से 48 महीने के भीतर पूरा करने के लिए तीन को-डेवलपर को अपनी मंजूरी दी थी। न्यायालय ने इन परियोजनाओं को पूरा करने वाले को-डेवलपर को भुगतान करने के लिए आम्रपाली समूह को चार सप्ताह के भीतर 250 करोड़ एक एस्क्रो खाते में जमा करने का निर्देश दिया था। समूह की छह परियोजनाओं से 27,000 से 28,000 मकान खरीदारों को लाभ मिलेगा।

शीर्ष अदालत को आम्रपाली समूह द्वारा 2,700 करोड़ रुपए से भी अधिक की रकम को अन्यत्र ले जाने का 10 मई को पता चला था और इस संबंध में कंपनी द्वार किए गए वित्तीय कारोबारों का विवरण और इनके बैंक खातों के विवरण मांगे थे।

पीठ ने मकान खरीदारों की स्थिति का जिक्र करते हुए टिप्पणी करते हुए कहा था कि उन्हें इसी तरह से अधर में नहीं छोड़ा जा सकता। न्यायालय ने 25 अप्रैल को कहा था कि वह आम्रपाली समूह की परियोजनाओं को अपने हाथ में लेने की इच्छुक एक कंपनी की माली हालत और उसकी विश्वसनीयता के बारे में आश्वस्त होना चाहता है। इस कंपनी ने पहले एक हलफनामे पर न्यायालय को सूचित किया था कि वह इन परियोजनाओं को पूरा करने और 42,000 से अधिक मकान खरीदारों को समयबद्ध तरीके से फ्लैट का कब्जा देने की स्थिति में नहीं है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 31 अगस्त तक बढ़ी

भारत में वर्ष 2018-19 के लिए आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त 2018 कर दी गयी है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को कहा कि पहले आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी जिसे अब एक महीने बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है।

आकलन वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ायी गयी है। तारीख आगे बढ़ाये जाने से उन व्यक्तिगत आयकरदाताओं को राहत मिलेगा जो अब तक रिटर्न नहीं भर सके हैं।

इस साल से सरकार ने आखिरी तारीख के बाद रिटर्न भरने पर पेनल्टी लगाने का फैसला किया है। ये पेनल्टी 10 हजार रुपए तक हो सकती है। अगर कोई 31 अगस्त के बाद टैक्स रिटर्न फाइल करता है तो उसके 5 हजार रुपए की पेनल्टी देनी होगी। 31 दिसंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर ये पेनल्टी 10 हजार रुपए होगी। अगर आपकी आय 5 लाख रुपए से कम है तो आपको सिर्फ 1 हजार रुपए ही पेनल्टी देनी होगी।

मानसून सत्र: भगोड़ा आर्थिक अपराधियों विधेयक, 2018 पर अधीर रंजन चौधरी का भाषण

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