अर्थव्यवस्था

जनता तेल की बढ़ती कीमतों से त्रस्त, मोदी जुमलेबाजी में व्यस्त

गिरता रुपया, महंगा तेल मोदी के भाषण फेल। पेट्रोल 80 रुपया के पार, डीजल लगभग 72 रुपया के पार, और रुपया भी 72 के पार और भारत की जनता पर रोज हो रहा वार। जनता पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से त्रस्त और मोदी जी जुमलेबाजी में व्यस्त।

सबसे पहले, मोदी सरकार ने साढ़े चार साल में, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर 11 लाख करोड़ रुपया कमाया, देशवासियों को कहा गया कि ये कुर्बानी आप राष्ट्रहित में दे रहे हैं। देश के हित में ये 11 लाख करोड़ रुपया का अतिरिक्त टैक्स का भार जो आम जनमानस की जेब पर डाका डाल कर और आम जनमानस का बजट बिगाड़ कर, डीजल, पेट्रोल और गैस की कीमतें बढ़ा कर डाला जा रहा है, ये किसलिए है, पर वो 11 लाख करोड़ रूपया किसकी जेब में गया? इसका जबाव आज तक मोदी जी नहीं दे पाए।

16 मई, 2014 में कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें 106.24 यूएस डॉलर प्रति बैरल थी जो अब घटकर 73 से 77 यूएस डॉलर प्रति बैरल हो गई है। इसके बावजूद पेट्रोल की कीमत थी 71 रुपया 41 पैसे दिल्ली में, बाकी शहरों में और ज्यादा थी। आज वो कीमत है 79 रुपया 51 पैसे यानी बहुत सस्ते कच्चे तेल के बावजूद पेट्रोल 8 रुपया महंगा।

सवा चार- साढ़े चार साल में मोदी सरकार ने डीजल की कीमत बढ़ाई है, 16 मई, 2014 को डीजल 55 रुपया 49 पैसे, जबकि आज वो कीमत है 71 रुपया 55 पैसे प्रति लीटर यानी 16 रुपया प्रति लीटर कीमत डीजल में बढ़ा दी।

लगभग 8 रुपए पेट्रोल में और 16 रुपया डीजल की कीमतों में साढ़े चार साल में इजाफा हुआ है। इतना भारी इजाफा मोदी कर चुके, ये पैसा कहां गया? क्या इसका जवाब देंगे?

तीसरी बात, मई, 2014 से पेट्रोल की एक्साईज में 211 प्रतिशत इजाफा मोदी सरकार ने किया जो सीधा भारत की सरकार के खजाने में जाता है। मई, 2014 में एक्साईज ड्यूटी का पैसा था 9 रुपया 20 पैसे प्रति लीटर, आज ये पैसा बढ़कर है, एक्साईज एक्साईज ड्यूटी का 19 रुपया 48 पैसे प्रति लीटर, डीजल पर और ज्यादा मार की गई। डीजल पर भारत सरकार के द्वारा लगाया जाने वाला एक्साईज ड्यूटी मई, 2014 के बाद 444 प्रतिशत मोदी सरकार बढ़ा चुकी है। 3 रुपया 46 पैसे, मई 2014 में, डीजल पर एक्साईज ड्यूटी थी, जो आज बढ़कर 15 रुपया 33 पैसे प्रति लीटर हो गई है। सेन्ट्रल एक्साईज ड्यूटी 12 बार बढ़ी दी गई, 11 लाख करोड़ रुपया, देश की जनता की गाढ़ी कमाई से, उनका बजट बिगाड कर डीजल, पेट्रोल और गैस का निकाल लिया गया। इसके लिए कौन जिम्मेवार है?

गिरता रुपया, महंगा तेल मोदी के भाषण फेल

गिरता रुपया, महंगा तेल मोदी के भाषण फेल

अशोक गेहलोत, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सुरजेवाला द्वारा ईंधन लूट पर प्रेस ब्रीफिंग

अशोक गेहलोत, मोतीलाल वोरा, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और रणदीप सुरजेवाला द्वारा ईंधन लूट पर प्रेस ब्रीफिंग

राफेल डील घोटाले पर कांग्रेस मुख्यालय में अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

राफेल डील घोटाले पर कांग्रेस मुख्यालय में अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

मोदी शासनकाल में 29,000 करोड़ रुपए का कोयला घोटाला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अक्टूबर 2014 को डीआरआई (Directorate of Revenue Intelligence), जो वित्त मंत्रालय की एक संस्था है, ने घोषणा की थी कि कोयले के निर्यात के मामले में एक बहुत बड़ा घोटाला हुआ है और उसकी जांच की शुरुआत हुई है।

जयराम रमेश ने कहा कि पहली घोषणा अक्टूबर, 2014 में हुई, डीआरआई ने एक बयान दिया कि कोयले के आयात में जो ऑवर इन्वॉयसिंग हुआ है, उसके बारे में जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके बाद 31 मार्च, 2016 को डीआरआई ने एक दूसरा बयान दिया और इस बयान में पहली बार ये जानकारी दी गई कि 40 कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही के पहले जांच की जा रही है, 40 कंपनियाँ इस घोटाले में शामिल हैं और कुल मिलाकर 29,000 करोड़ रुपए का घोटाला है। ये डीआरआई से दूसरी बार बयान दिया गया, 31 मार्च, 2016 को। 40 कंपनियाँ और ज्यादातर इंडोनेशिया से कोयले की खरीद में 29,000 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच, DRI की ओर से यह बयान आया था।

कोयला आयात घोटाला : कांग्रेस मुख्यालय में जयराम रमेश द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

प्रेस ब्रीफिंग की मुख्य बातें:

राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) इंडोनेशियाई कोयले के आयात के अत्यधिक मूल्यांकन के लिए लगभग 40 कंपनियों की जांच कर रहा है।

कोयला आयात का यह अतिवृद्धि ₹ 29, 000 करोड़ रुपये है।

इन 40 कंपनियों में से, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्योगपति मित्र गौतम अदानी की कंपनी भी शामिल है।

डीआरआई ने एसबीआई बैंक की विदेशी शाखाओं के साथ जुड़े दस्तावेजों तक पहुंचने में मदद की मांग के लिए सिंगापुर को लेटर्स रोगटोरी (एलआर) जारी किया, जहां कोयला आयात लेन-देन हुआ।

अदानी फर्म ने सिंगापुर कोर्ट से डीआरआई द्वारा जारी एलआर को रद्द करने के लिए कहा था, लेकिन सिंगापुर अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी। अब अदानी फर्म ने डीआरआई जांच को रोकने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रूख किया है।

कांग्रेस ने मांग की है कि उद्देश्य और समयबद्ध पूछताछ सुनिश्चित करने के लिए एक एसआईटी स्थापित की जानी चाहिए।

कोयला आयात का अधिभार: कांग्रेस मुख्यालय में जयराम रमेश द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

कोयला आयात का अधिभार: कांग्रेस मुख्यालय में जयराम रमेश द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

प्रेस ब्रीफिंग की मुख्य बातें:

- राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) इंडोनेशियाई कोयले के आयात के अत्यधिक मूल्यांकन के लिए लगभग 40 कंपनियों की जांच कर रहा है।

- कोयला आयात का यह अतिवृद्धि ₹ 2 9, 000 करोड़ रुपये है।

- इन 40 कंपनियों में से, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्योगपति मित्र गौतम अदानी की कंपनी भी शामिल है।

- डीआरआई ने एसबीआई बैंक की विदेशी शाखाओं के साथ जुड़े दस्तावेजों तक पहुंचने में मदद की मांग के लिए सिंगापुर को लेटर्स रोगटोरी (एलआर) जारी किया, जहां कोयला आयात लेन-देन हुआ।

- अदानी फर्म ने सिंगापुर कोर्ट से डीआरआई द्वारा जारी एलआर को रद्द करने के लिए कहा था, लेकिन सिंगापुर अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी। अब अदानी फर्म डीआरआई जांच को रोकने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का रूख किया है।

- उद्देश्य और समयबद्ध पूछताछ सुनिश्चित करने के लिए एक एसआईटी स्थापित की जानी चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भारत में किसानों पर बयान

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भारत में किसानों पर बयान

नोटबंदी पर कांग्रेस की माँग : तुगलकी फरमान के लिए मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए

भारत में नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों का आधिकारिक आंकड़ा सामने आ गया है। इसके बाद कांग्रेस ने गुरुवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि 'तुगलकी फरमान' के लिए मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस ने दावा किया कि नोटबंदी की वजह से भारत की अर्थव्यवस्था को एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मीडिया से कहा, ''नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री मोदी ने तीन मकसद बताये थे। पहला यह कि आतंकवाद पर चोट लगेगी, दूसरा यह कि जाली मुद्रा पर अंकुश लगेगा और तीसरा यह कि कालाधन वापस आएगा। सवाल यह है कि इस तुगलकी फरमान का क्या नतीजा निकला? नोटबंदी की वजह से अर्थव्यवस्था को जीडीपी के 1.5 फीसदी का नुकसान हुआ। इस हिसाब से एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा कतारों में खड़े होने की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। लाखों लोग बेरोजगार हो गए।''

मनीष तिवारी ने कहा, ''अगर प्रधानमंत्री में रत्ती भर भी नैतिकता होती तो वह इस्तीफा दे देते, लेकिन उनसे इसकी उम्मीद नहीं की जाती। हमारी मांग है कि अपने इस तुगलकी फरमान के लिए उनको जिम्मेदारी स्वीकारनी चाहिए और देश से माफी मांगनी चाहिए।''

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि नोटबंदी की वजह से भारत को 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए सवाल किया, ''याद करिए कि किसने कहा था कि तीन लाख करोड़ रुपये वापस नहीं आएंगे और यह सरकार के लिए लाभ होगा?''

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''आरबीआई की रिपोर्ट से फिर साबित हो गया कि नोटबंदी व्यापक स्तर की 'मोदी मेड डिज़ास्टर' थी। चलन से बाहर हुए 99.30 फीसदी नोट वापस आ गये हैं।''

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की ओर से जारी ताजा आंकड़े के अनुसार, 8 नवंबर, 2016 में नोटबंदी लागू होने के बाद बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के नोटों का 99.30 प्रतिशत बैंकों के पास वापस आ गया है। नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोट चलन में थे। इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि बंद नोटों में सिर्फ 10,720 करोड़ रुपये ही बैंकों के पास वापस नहीं आए हैं।

मनीष तिवारी द्वारा विमुद्रीकरण (नोट बंदी) पर एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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गुजरात में एलपीजी घोटाला: जयराम रमेश द्वारा एआईसीसी प्रेस ब्रीफिंग

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