अर्थव्यवस्था

भारत में मुद्रा योजना के 39.12 लाख खाते एनपीए में तब्दील

भारत में केंद्र में मोदी सरकार के चार साल पूरे होने को लेकर पीएम मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना को लेकर बात की। इस पूरी बातचीत के दौरान उन्होंने इस योजना की उपलब्ध‍ियां गिनाईं।

भारत के प्रधानमंत्री एक तरफ मुद्रा योजना को लेकर तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी तरफ मुद्रा योजना के तहत सारा पैसा बेड लोन बनता जा रहा है।

बता दें कि पिछले तीन साल से चल रही मुद्रा योजना में बैड लोन 11300 करोड़ के आँकड़े को पार कर चुका है। इस पूरे मामले को लेकर जब एक व्यक्ति ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगी तो मिली जानकारी में बड़ा खुलासा हुआ। दरअसल ये जानकारी खुद वित्त मंत्रालय ने आर टी आई के जवाब में दी है।

वित्त मंत्रालय के जवाब के मुताबिक, 30 जून, 2017 तक मुद्रा योजना के 39.12 लाख खाते एन पी ए में तब्दील हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इन खातों में 11317.64 करोड़ रुपये बैड लोन बन चुके हैं। जो कि कोई छोटी रकम नहीं है।

गौरतलब है कि मोदी सरकार जब से सत्ता में है, एन पी ए में लगातार इजाफा होता जा रहा है।

भारत में लगातार 12वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ी

भारत में डीजल और पेट्रोल की कीमतें लगातार बढ़ रही है। भारत में डीजल और पेट्रोल की कीमतें आज लगातार 12वें दिन भी बढ़ती हुई नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयीं।

भारत की वाणिज्य नगरी मुंबई में उपभोक्ता को एक लीटर पेट्रोल के लिए 85.65 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। मुंबई में लोगों को दोनों ईंधन के लिए सबसे अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे हैं।

मुंबई में पेट्रोल की कीमत आज 36 पैसे बढ़कर 85.65 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। जबकि डीजल 24 पैसे महंगा हो गया है। एक लीटर डीजल 73.20 रुपये में मिल रहा है।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 36 पैसे बढ़कर 77.83 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 22 पैसे बढ़कर 68.75 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई। कोलकाता में पेट्रोल 80.47 रुपए प्रति लीटर और डीजल 71.30 रुपए प्रति लीटर तथा चेन्नई में पेट्रोल 80.80 रुपए प्रति लीटर और डीजल 72.58 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं।

सरकार चाहे तो तेल की कीमतें 25 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं : पी चिदंबरम

भारत के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि सरकार चाहे तो तेल की कीमतें 25 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं। दामों में वृद्धि के लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम कम होने से पेट्रोल पर सरकार 15 रुपये प्रति लीटर बचा रही है। इसके बाद भी प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपये अतिरिक्त कर लगाया जा रहा है।

भारत में केंद्र सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह जल्दबाजी में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में राहत का फैसला नहीं करेगी। बल्कि इन स्थितियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान पर चर्चा कर रही है। ऐसे में कीमतों में राहत के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय आई टी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पेट्रोल-डीजल पर चर्चा भी हुई और चिंता भी है। सरकार ने तेल की कीमतों का नियंत्रण खत्म किया था, जिसके बाद कई बार दाम कम भी हुए हैं। इस संदर्भ में सरकार में चर्चा चल रही है और दीर्घकालिक समाधान पर विचार किया जा रहा है। चर्चा पूरी होने के बाद जो भी निर्णय होगा, वह बताया जाएगा।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने भी संकेत दिए हैं कि सरकार लोगों को राहत देने के लिए कीमतों की समीक्षा करती है, तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के अध्यक्ष मुकेश कुमार सुराना ने कहा कि आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दामों की समीक्षा जरूरी है।

भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि से बढ़ेगी महंगाई

भारत में पेट्रोल की लगातार बढ़ती हुई कीमत दिल्ली और मुंबई में अब तक की सबसे अधिक ऊंचाई पर पहुंच गई है और सोमवार को यह क्रमश: 76.57 रुपये और 84.49 रुपये रही।

भारत में रविवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने ऊंचाई के अपने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। इससे पहले  2013 में पेट्रोल की कीमतें दिल्ली और मुंबई में क्रमश: 76.24 रुपये और 84.07 रुपये रही थी।

सोमवार को अन्य प्रमुख शहरों जैसे कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पांच साल में सबसे अधिक ऊंची रहीं। सोमवार को कोलकाता में पेट्रोल का मूल्य 79.24 रुपये और चेन्नई में 79.47 रुपये प्रति लीटर रहा।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का कारण कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी और सरकार द्वारा इन पर वसूले जा रहे कर की उच्च दरें हैं। सोमवार को कच्चे तेल की कीमत 79 डॉलर प्रति बैरल (एक बैरल में 159 लीटर) रही।

डीजल की कीमतें भी पहले ही अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच चुकी है और पूरे भारत में महंगा बिकने का नया रिकार्ड बना रही हैं। सोमवार को दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल क्रमश: 67.82 रुपये, 70.37 रुपये, 72.21 रुपये और 71.59 रुपये प्रति लीटर कीमत पर बिका।

भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि, अब तक का रिकॉर्ड टूटा

भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में पिछले 4 हफ्तों में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। रविवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 33 पैसे बढ़कर 76.26 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया। वहीं डीजल की कीमत 26 पैसे बढ़कर 67.57 रुपए प्रति लीटर हो गई।

पेट्रोल की कीमतों ने दिल्ली में महंगाई का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली में इतना महंगा पेट्रोल बिक रहा है जो अब तक में सबसे अधिक महंगा है। इससे पहले 14 सितंबर 2013 को यहां पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये थी।

रविवार सुबह 6 बजे तेल कंपनियों की ओर से रेट लिस्ट जारी की गई। स्थानीय सेल्स टैक्स और वैट के मुताबिक हर राज्य में पेट्रोल और डीजल की कीमत अलग-अलग होती है। इसलिए बाकी के राज्यों की तुलना में दिल्ली में सबसे कम दाम पर पेट्रोल मिल रहा है।

वहीं पूरे भारत की बात करें तो मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे ज्यादा हैं। यहां टैक्स मिलाकर 84.07 रुपए में पेट्रोल मिल रहा है। मुंबई के अलावा कई शहरों में पेट्रोल 80 रुपए से ज्यादा में बिक रहा है। भोपाल में 81.83 रुपये, पटना में 81.73 रुपये, हैदराबाद में 80.76 रुपये, श्रीनगर में 80.35 रुपये, कोलकाता में 78.91 रुपये और चेन्नै में 79.13 रुपये में पेट्रोल की बिक्री हो रही है। सबसे सस्ता पेट्रोल गोवा की राजधानी पणजी में है, जहां 70.26 रुपये में ही मिल रहा है।

इसके अलावा डीजल की बात करें तो हैदराबाद में डीजल सबसे महंगा 73.45 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है। त्रिवेंद्रम में 73.34 रुपये में, इसके अलावा रायपुर, गांधीनगर, भुवनेश्वर, पटना, जयपुर, भोपाल, रांची और श्रीनगर समेत कई अन्य शहरों में डीजल की कीमत 70 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गया है। मुंबई में इसकी कीमत 71.94 रुपये है।

भारत में थोक महंगाई दर अप्रैल में बढ़कर 3.18 फीसदी रही

भारत के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यू पी आई) पर आधारित महंगाई दर अप्रैल 2018 में बढ़ गई और यह दर 3.18 फीसदी रही। यह दर मार्च 2018 में 2.47 फीसदी थी। भारत के वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2017 में महंगाई दर 3.85 फीसदी रही थी।

आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति अप्रैल 2018 में 0.87 फीसदी रही। अप्रैल महीने में सब्जियों में अपस्फीति 0.89 फीसदी रही, जबकि इससे पहले महीने में यह 2.70 फीसदी रही थी। आंकड़ों के अनुसार, ईंधन व बिजली वर्ग के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में 7.85 फीसदी रही जो मार्च में 4.70 फीसदी थी। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी के कारण घरेलू ईंधन कीमतों में वृद्धि का असर इस दौरान रहा।

फलों के लिए मुद्रास्फीति अप्रैल में दहाई अंक में 19.47 फीसदी रही जो कि इससे पिछले महीने में 9.26 फीसदी रही थी। फरवरी महीने के लिए थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को संशोधित कर 2.74 फीसदी किया गया है, जबकि इसके लिए अस्थायी अनुमान 2.48 फीसदी का था। उल्लेखनीय है कि खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आज जारी किए जाने हैं।

सरकार द्वारा निलंबित पासपोर्ट पर विदेश यात्राएं कर रहा नीरव मोदी

भगोड़ा हीरा कारोबारी और भारत में वांटेड नीरव मोदी इस वक्त कहां है? इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी भारत सरकार के पास नहीं है। इस बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नीरव मोदी अभी न्यूयॉर्क में है और वो अभी तक भारत सरकार द्वारा निलंबित किये गये अपने पासपोर्ट पर ही विदेश घूम रहा है। नीरव मोदी ने अपने खिलाफ सी बी आई जांच शुरू होने से पहले ही जनवरी के महीने में भारत छोड़ दिया था।

पंजाब नेशनल बैंक से करोड़ों रुपये लोन लेकर नीरव मोदी विदेश में बैठा है। सूत्रों के मुताबिक, नीरव पहले मुंबई से यू ए ई गया, उसके बाद हॉन्गकॉन्ग और लंदन। इसके बाद मार्च के महीने में उसने यू के छोड़ दिया और अभी फिलहाल वो न्यूयॉर्क में है।

एन डी टी वी ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 14 फरवरी को नीरव ने हॉन्गकॉन्ग छोड़ दिया। इसका मतलब यह हुआ कि जिस समय भारत सरकार ने हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटी से नीरव को गिरफ्तार करने की गुजारिश की थी, उस वक्त वो हॉन्गकॉन्ग में था ही नहीं। 12 अप्रैल को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बतलाया था कि हमारे द्वारा दी गई सूचना के बारे में हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटी विचार कर रही है और नीरव मोदी की गिरफ्तारी को लेकर भी प्रयास किये जा रहे हैं।

फिलहाल भारत सरकार नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या जैसे डिफॉल्टरों को भारत वापस लाने के प्रयास में जुटी है। इस बीच केंद्र सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ एक नया अध्यादेश भी लाया है। इस अध्यादेश में यह प्रावधान किया गया है कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति बेचकर कर्ज देने वालों के नुकसान की भरपायी की जा सकेगी और आरोपी देश लौटने के बाद अपनी प्रॉपर्टी पर दावा भी नहीं कर सकेगा।

आपको बता दें कि फर्जी साखपत्रों के जरिए बैंक से 13 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज घोटाला करने के आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चौकसी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रही है। नीरव मोदी और उनके साझेदार जांच शुरू होने के पहले ही भारत से फरार हो गए। अब बैंक के सामने कर्ज की वसूली की चुनौती है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज 100 अरब डॉलर की पहली भारतीय कंपनी

भारतीय उद्योग जगत के लिए सोमवार (23 अप्रैल) का दिन ऐतिहासि‍क रहा। भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज (TCS) मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनी के शेयर का बाजार मूल्‍य) के मामले में 100 अरब डॉलर (6.7 लाख करोड़ रुपये) के जादुई आंकड़े को पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के शेयर में लगातार वृद्धि के कारण टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का एम-कैप 101 अरब डॉलर तक पहुंच गया। दो व्‍यावसायिक दिनों में टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के शेयर में लगातार बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का एम-कैप पाकिस्‍तान स्‍टॉक एक्‍सचेंज में लिस्‍टेड सभी कंपनियों के मूल्‍य (80 अरब डॉलर) से कहीं ज्‍यादा हो गया है।

इसके साथ ही टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, एच डी एफ सी बैंक, आई टी सी, हिंदुस्‍तान यूनिलिवर, मारुति सुजुकी और इंफोसिस जैसी दिग्‍गज कंपनियों से ज्‍यादा बाजार मूल्‍य वाली हो गई है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए बाजार विशेषज्ञ कंपनी के स्‍टॉक को लेकर बेहद आशावन हैं। इसे देखते हुए टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के टारगेट प्राइस (संभावित मूल्‍य) में भी वृद्धि कर दी गई है।

बिजनेस स्‍टैंडर्ड के अनुसार, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज द्वारा पिछले सप्‍ताह वित्‍तीय लाभ की घोषणा करने के बाद कम से कम छह विदेशी ब्रॉकरेज कंपनियों ने टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के स्‍टॉक प्राइस टारगेट में 15 फीसद से ज्‍यादा की वृद्धि कर दी थी। टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज की घोषणा के बाद बैंकिंग और फायनेंशियल सेक्‍टर पर भी इसका अनुकूल असर पड़ने की उम्‍मीद है। इन क्षेत्रों में भी विकास की रफ्तार बढ़ने की उम्‍मीद है।

भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का एम-कैप 128 देशों की जी डी पी के बराबर है। इनमें श्रीलंका, इक्‍वाडोर, स्‍लोवाकिया, केन्‍या, लग्‍जेम्‍बर्ग, कोस्‍टारिका, बुल्‍गारिया और जॉर्डन जैसे देश शामिल हैं। दुनिया भर में 64-65 देशों की जी डी पी ही 100 अरब डॉलर से ज्‍यादा है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का एम-कैप भारत के कुल बजट खर्च (वित्‍त वर्ष 2019) का एक चौथाई से भी ज्‍यादा हो गया है। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी को पेश आम बजट में कुल खर्च का आकलन 24.42 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज का एम-कैप 6.7 लाख करोड़ रुपये से ज्‍यादा का हो गया है। ऐसे में यह आंकड़ा भारत के कुल बजट खर्च का तकरीबन 27 फीसद तक पहुंच गया है।

टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज 100 अरब डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ ही एप्‍पल, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, फेसबुक और अमेजन जैसी कंपनियों की श्रेणी में आ गई है।

बता दें कि एप्‍पल दुनिया की सबसे मूल्‍यवान कंपनी है। अमेरिकी कंपनी एप्‍पल का मौजूदा बाजार मूल्‍य 840 अरब डॉलर है। इसके बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्‍फाबेट (746 अरब डॉलर), आमेजन (740.79 अरब डॉलर) और माइक्रोसॉफ्ट (731 अरब डॉलर) का नंबर आता है।

आज तक कभी इतना महंगा नहीं बिका डीजल और पेट्रोल

डीजल और पेट्रोल की कीमत रोजाना बदलती हैं। 20 अप्रैल को डीजल की कीमत दिल्ली में 65.31 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, आज तक के रिकॉर्ड में डीजल कभी इतना महंगा नहीं बिका है। वहीं दिल्ली में पेट्रोल की बात करें तो इसकी कीमत 74.08 रुपए प्रति लीटर है। इससे पहले इतना महंगा पेट्रोल सितंबर 2013 में बिका था। 19 अप्रैल को पेट्रोल दिल्ली में 74.07 रुपए प्रति लीटर बिका। 20 अप्रैल को इसमें 1 पैसा प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हो गई। वहीं दिल्ली में 19 अप्रैल को डीजल 65.27 रुपए प्रति लीटर बिका। इसमें 20 अप्रैल को 4 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई।

वहीं मुंबई की बात करें तो मुंबई में 20 अप्रैल को 1 लीटर डीजल की कीमत 69.54 रुपए है। वहीं एक लीटर पेट्रोल की कीमत 81.93 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। पेट्रोल की यह कीमत 55 महीने बाद इस स्तर पर पहुंची है। कोलकाता की बात करें तो कोलकाता में 20 अप्रैल को 1 लीटर डीजल की कीमत 68.01 रुपए है। वहीं एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.78 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है। चैन्नई की बात करें तो चैन्नई में 20 अप्रैल को 1 लीटर डीजल की कीमत 68.90 रुपए है। वहीं एक लीटर पेट्रोल की कीमत 76.85 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है।

हालांकि जनवरी में पेट्रोल की कीमतें 83 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। बाद में अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें गिरने से इसकी कीमत कम भी हुई थी। हालिया बजट में भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले उपकर में कमी का ऐलान किया था। जिसके बाद पेट्रो उत्पादों के दाम कुछ घटे थे, लेकिन एक बार फिर अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई वृद्धि से कीमतें फिर आसमान पर पहुंचने की संभावना है।

19 अप्रैल को अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया। जिसके बाद पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बढ़ोत्तरी तय माना जा रहा है। इसी वजह से अटकलें लगाई जा रही हैं कि शुक्रवार से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर से वृद्धि होगी जिसका सीधा असर मंहगाई पर पड़ेगा। अप्रैल के शुरुआत में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 73.83 रुपए और डीजल की कीमत 64.69 रुपए प्रति लीटर थी। भारत के चारों मेट्रो सिटी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल की कीमत सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी।

एंबी वैली की संपत्तियों की नीलामी आखिरकार शुरू हो गई

एंबी वैली की संपत्तियों की नीलामी आखिरकार शुरू हो गई है। इसके तहत वैली में मौजूद तकरीबन 300 वाहनों को संभावित खरीदारों के समक्ष रखा गया था। नीलामी का आयोजन आजाद मैदान में स्थित मुंबई पुलिस क्‍लब में किया गया। इनमें 166 कारें और 126 दोपहिया वाहन हैं। कुछ वाहनों की मौजूदा स्थिति से खरीदारों को निराशा भी हुई।

सबसे पहले कारों को लोगों को सामने पेश किया गया था। ट्रांसपाेर्टर राकेश टाकले दो पिक-अप ट्रक खरीदने के इरादे से बोली में शामिल हुए थे, लेकिन उन्‍हें सिर्फ टोयोटा इनोवा से ही संतोष करना पड़ा। उन्‍होंने इनोवा छह लाख रुपये में खरीदी। सतारा के संकेत शानबाग को उम्‍मीद थी कि वह अपने बच्‍चों के लिए मर्सीडीज बेंज स्प्रिंटर वैन खरीदने में सफल होंगे। उन्‍होंने इसके लिए 20 लाख रुपये तक की बोली लगाई थी। उन्‍होंने बताया कि वैन के लिए बोली लगाने वालों में सिर्फ दो व्‍यक्ति ही थे। ऐसे में बोली अचानक से 21 लाख से 50 लाख और फिर 67 लाख रुपये तक पहुंच गई थी। इस तरह संकेत वैन खरीदने में सफल नहीं हो सके। उन्‍होंने बताया कि इतनी ज्‍यादा कीमत देकर मर्सीडीज बेंज स्प्रिंटर वैन खरीदने का कोई तुक नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाने के कारण सुब्रत राय सहारा की संपत्तियों को बेचकर पैसा जुटाने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने दिसंबर में एंबी वैली की नीलामी की इजाजत दी थी। इसके लिए बांबे हाई कोर्ट को आधिकारिक तौर पर अधिकृत (ऑफिशियल लिक्विडेटर) किया गया था। नीलामी प्रक्रिया को आठ सप्‍ताह में पूरा करने को कहा गया है।

एंबी वैली का कुल मूल्‍य 37,000 करोड़ रुपये आंका गया है। पहले इसकी नीलामी एक साथ ही कराने की योजना थी, लेकिन विशेषज्ञों ने शीर्ष अदालत को बताया कि कोई एक कंपनी, संगठन या व्‍यक्ति अकेले इसे नहीं खरीद सकता है। इसके बाद एंबी वैली को टुकड़ों में बेचने का फैसला किया गया। इसी रणनीति के तहत सबसे पहले एंबी वैली में मौजूद वाहनों की नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के कई आदेश के बाद भी सहारा ग्रुप ने निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए। इसके बाद अदालत ने कंपनी की स्‍वामित्‍व वाली संपत्तियों की नीलामी करने का फैसला लिया।