हिमाचल प्रदेश में भीषण भूस्खलन की चपेट में आने से 46 लोगों की मौत

हिमाचल प्रदेश में मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुए भीषण भूस्खलन की चपेट में हिमाचल रोडवेज की दो बसों के आने से कम से कम 46 लोगों की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए।

अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि दोनों बसों में 50 से अधिक लोग सवार थे।

बादल फटने से भीषण भूस्खलन हुआ। एक अधिकारी ने बताया, ''अब तक 46 शव बरामद किए गए हैं और इनमें से 25 की पहचान कर ली गई है।''

उन्होंने कहा कि शाम के समय राहत एवं बचाव अभियान को रोक दिया गया क्योंकि भूस्खलन होने की आशंका थी। बचाव अभियान कल फिर शुरू होगा।

वहीं जो शव बराबद हुए, उनमें से करीब 25 पहचान सिम कार्ड के आधार पर की कई है। शवों से प्राप्त हुए गहने और रुपए रिश्तेदारों को सौप दिए गए हैं।

उधर, रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि सेना की दो टुकड़ियों को बचाव कार्य में लगाया गया है।  राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एन डी आर एफ ), सेना और पुलिस के दल मौके पर पहुंच गए हैं और वहां जेसीबी मशीन भी तैनात की गईं।

राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि सभी शव बरामद किए जाने तक बचाव अभियान जारी रहेगा।

उन्होंने कहा कि मनाली-कटरा बस में आठ लोग यात्रा कर रहे थे जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई और पांच लोगों को बचा लिया गया और उनको मंडी के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

वहीं प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। मंडी हेल्पलाइन नंबर- 01905226201, 226202, 226203, एच आर टी सी- 01905235538 और 918001051 है।

एक अधिकारी ने कहा कि दूसरी बस में 47 यात्री थे और यह बस मनाली से चम्बा जा रही थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घायलों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर संवेदना प्रकट की।  स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री जी एस बाली और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने भी मौके का दौरा किया।

स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये की सहायता राशि दी जाएगी, जबकि परिवहन मंत्री जी एस बाली ने ऐलान किया कि हिमाचल परिवहन निगम की ओर से इन परिवारों को एक-एक लाख रूपये दिये जाएंगे।