इमरान ख़ान ने कहा, जवाब देना हमारी मजबूरी थी और दिया
भारत और पाकिस्तान में जारी तनाव के बीच बुधवार को पाकिस्तान ने भारत के दो लड़ाकू विमानों को मार गिराने और दो पायलटों को गिरफ़्तार करने का दावा किया था।
पाकिस्तान के इन दावों पर भारत ने मिग-21 लड़ाकू विमान गिरने और एक पायलट के ग़ायब होने की बात को स्वीकार किया है।
इन सबके बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश को संबोधित किया और कहा कि उनकी सेना को मजबूरी में जवाब देना पड़ा।
इमरान ख़ान ने कहा कि दोनों मुल्कों के पास जो हथियार हैं और उन हथियारों के साथ युद्ध में जाया गया तो अंजाम का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
इमरान ख़ान ने कहा, ''मेरे पाकिस्तानियों .... कल से जो हालात बन रहे हैं, उस पर मुझे आपसे कुछ कहना था। पुलवामा के बाद मैंने हिन्दुस्तान को जांच में सहयोग का ऑफर दिया था। मुझे पता है कि ऐसे हमलों में पीड़ित परिवारों पर क्या गुजरता है। इसलिए हमने सीधा-सीधा ऑफर किया था। हमने ये इसलिए कहा था कि हमारी ज़मीन का इस्तेमाल दहशतगर्द के लिए ना हो।''
उन्होंने कहा, ''हमारी मजबूरी थी कि हम प्रतिक्रिया दें। कोई भी संप्रभु मुल्क ऐसे चुप नहीं बैठ सकता है। हम चुप रहकर ख़ुद को अपराधी नहीं बना सकते थे। हमने बुधवार को जवाब दिया और बताया कि आप हमारे मुल्क में आ सकते हैं तो मैं भी आ सकता हूँ।''
इमरान ख़ान ने कहा, ''हम जानते हैं कि एक जो इस दुनिया से चले गए और जो जख्मी हुए, उनके घर वालों पर क्या गुजर रही है। इसलिए हमने सीधा-सीधा हिंदुस्तान को ऑफर किया कि जिस तरह की भी आप जांच चाहते हैं तो पाकिस्तान उसके लिए तैयार है। यह पाकिस्तान के इंटरेस्ट में नहीं है कि पाकिस्तान की ज़मीन इस्तेमाल की जाए। पुलवामा को लेकर हम जांच के लिए तैयार थे। अगर आप हमें इसकी जांच के लिए सबूत देते तो हमारी मजबूरी होगी उस पर जवाब देना। लेकिन जब आप एक्शन लेंगे तो जवाबी कार्रवाई करना पड़ेगा।''
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ''मुझे लग रहा था कि हिंदुस्तान में चुनाव होने हैं और उनकी तरफ़ से कोई कार्रवाई होगी। हमने मंगलवार को इसलिए इस पर कार्रवाई नहीं की क्योंकि हमें कितना नुक़सान हुआ, यह पता नहीं था। लिहाजा हमने इंतजार किया और आज हमने उसका जवाब दिया।''
पीएम ख़ान ने कहा, ''पाकिस्तान की कार्रवाई का जवाब देने हिन्दुस्तान के दो मिग पाकिस्तानी सीमा में घुसे। उन्हें मार गिराया गया। पायलट हमारे पास हैं। मैं हिन्दुस्तान से कहना चाहता हूँ कि यह बहुत ज़रूरी है कि हम थोड़ा अक्ल का इस्तेमाल करें।
दुनिया में जंगे हुई हैं। किसी ने भी यह नहीं सोचा है कि जंग किधर ले जाएगी। पहला विश्व युद्ध छह महीने में ख़त्म होना था, लेकिन इसमें छह साल लग गए।''
इमरान ख़ान ने कहा, ''दूसरे विश्व युद्ध में हिटलर ने सोचा कि मैं रूस को फतह कर लूं, उसने ये नहीं सोचा कि रूस की सर्दी उसकी तबाही का कारण बनेगी। वॉर ऑन टेरर में 17 साल लगे। क्या अमरीका ने सोचा था कि उसमें इतना वक़्त लगेगा। वियतनाम वॉर में इतना वक़्त लगेगा ये किसको पता था। जंगों को लेकर आकलन ग़लत होते हैं।''
ख़ान ने कहा, ''क्या हमें इस वक़्त सोचना नहीं चाहिए कि यहां से लड़ाई बढ़ती है तो ये किधर ले जाएगी। न मेरे और न ही नरेंद्र मोदी के नियंत्रण में होगी। इसलिए जब हम तैयार बैठे हैं, हमने आपको कहा कि जो पुलवामा की घटना हुई है, उसका जो आपको दुख पहुंचा है, दहशतगर्दी के ऊपर किसी तरह की बातचीत करना चाहते हैं। हमें बैठ कर बातचीत से इस मसले को हल करना चाहिए।''