विदेश

फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर

फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया: भारत के विदेश मंत्री जयशंकर

गुरुवार, 28 मार्च 2024

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि इसराइल-फ़लस्तीन के बीच जारी संघर्ष में जो भी सही या ग़लत हो, तथ्य यही है कि फ़लस्तीनियों को उनके हक़ और मातृभूमि से वंचित रखा गया है।

एस जयशंकर ने कहा, ''सात अक्तूबर 2023 को जो हुआ वो एक 'आतंकवादी हमला' था, दूसरी ओर, निर्दोष नागरिकों की मौत को भी कोई बर्दाश्त नहीं करेगा। जवाबी कार्रवाई करने को आप सही ठहरा सकते हैं, लेकिन कार्रवाई का ये तरीक़ा नहीं हो सकता। जवाबी कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत ही की जानी चाहिए।''

जयशंकर ग़ज़ा में जारी इसारइली कार्रवाई की ओर इशारा कर रहे थे।  एस जयशंकर ने ये सारी बातें अपने मलेशिया दौरे के दौरान कही हैं।

भारत हमेशा से इसराइल-फ़लस्तीन विवाद को सुलझाने के लिए टू-नेशन समाधान का समर्थन करता रहा है। यानी कि फ़लस्तीनियों के लिए एक अलग संप्रभु मुल्क हो।

जयशंकर का ये बयान तब आया है, जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ग़ज़ा में युद्धविराम का प्रस्ताव पास किया है। इस वजह से इसराइल अमेरिका से ख़फ़ा है।

भारत की मोदी सरकार की छवि इसराइल के दोस्त के रूप में है लेकिन भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान इसराइल को तीखा लग सकता है।

ग़ज़ा में संघर्ष विराम तुरंत लागू हो, सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव को मंजूरी मिली

ग़ज़ा में संघर्ष विराम तुरंत लागू हो, सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव को मंजूरी मिली

सोमवार, 25 मार्च 2024

ग़ज़ा में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में लाया गया प्रस्ताव अब से थोड़ी देर पहले मंजूर हो गया है।

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में अमेरिका ने भाग नहीं लिया।

चीन ने सोमवार, 25 मार्च 2024 को ही बताया था कि ग़ज़ा में संघर्ष विराम तुरंत लागू करने की मांग को लेकर उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया है।

इससे पहले अमेरिका की ओर से लाए गए एक प्रस्ताव पर चीन और रूस ने वीटो लगा दिया था।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बताया कि चीन इस मसौदा प्रस्ताव का समर्थन करता है।

उसने यह भी कहा कि वह इस प्रस्ताव को तैयार करने के लिए अल्जीरिया और अन्य अरब देशों की कड़ी मेहनत की तारीफ़ करता है।

सात अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हमास के हमले के बाद ग़ज़ा पर हो रहे इसराइली हमले में अब तक 32,226 लोगों की मौत हो गई है। यह डेटा ग़ज़ा में हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया है।

ग़ज़ा पर यूएन में अमेरिकी रुख़ से इसराइल नाराज़, अमेरिका का दौरा रद्द किया

सोमवार, 25 मार्च 2024

ग़ज़ा में तुरंत संघर्ष विराम लागू करने की मांग करने वाला प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पारित होने के बाद इसराइल ने अपने प्रतिनिधिमंडल की अमेरिका की प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है।

इसराइल के प्रधानमंत्री के कार्यालय ने बताया है कि यूएनएससी में अमेरिका के रुख़ में आए बदलाव के बाद बिन्यामिन नेतन्याहू ने यह फ़ैसला लिया है।

बिन्यामिन नेतन्याहू ने पहले ही धमकी दी थी कि अगर अमेरिका के रुख़ में बदलाव होता है, तो यह दौरा रद्द कर दिया जाएगा।

इसराइल की नाराज़गी का कारण इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में अमेरिका का वीटो नहीं लगाना रहा है।

अमेरिका ने सोमवार, 25 मार्च 2024 को हुए मतदान में भाग नहीं लिया।  यह प्रस्ताव चीन लेकर ​लाया था।

हालांकि व्हाइट हाउस ने कहा है कि मतदान प्रक्रिया में भाग न लेना, अमेरिका की नीति में बदलाव होना नहीं है।

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह भी कहा कि अमेरिका इसराइल से उसके इस फैसले पर बात करेगा।

ग़ज़ा की 20 लाख की आबादी पर "गंभीर खाद्य संकट" का ख़तरा मंडरा रहा है: एंटनी ब्लिंकन

ग़ज़ा की 20 लाख की आबादी पर "गंभीर खाद्य संकट" का ख़तरा मंडरा रहा है: एंटनी ब्लिंकन

बुधवार, 20 मार्च 2024

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बीबीसी से कहा कि ग़ज़ा की 20 लाख की आबादी पर "गंभीर खाद्य संकट" का ख़तरा मंडरा रहा है।

इसराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद ये पहली बार है, जब ग़ज़ा की पूरी की पूरी आबादी के लिए इस तरह का बयान सामने आया है।

वहीं ग़ज़ा में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने कहा है कि मई 2024 तक अगर युद्ध न रुका और ग़ज़ा में ज़रूरी मात्रा में राहत सामग्री न पहुंचाई गई तो ग़ज़ा भीषण भुखमरी का सामना कर सकता है।

एंटनी ब्लिंकन फ़िलहाल फ़िलिपीन्स के दौरे पर हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार, 19 मार्च 2024 को कहा है कि वो जल्द मध्य पूर्व का दौरा करने वाले हैं।

अक्टूबर 2023 में हमास के ख़िलाफ़ इसराइल के हमले के बाद ये मध्य पूर्व का एंटनी ब्लिंकन का छठा दौरा हैं। अपने दौरे में वो युद्धविराम बढ़ाने की संभावना को लेकर चर्चा करेंगे।

मंगलवार, 19 मार्च 2024 से क़तर में इसराइली मध्यस्थ एक बार फिर संभावित युद्धविराम को लेकर चर्चा कर रहे हैं। चर्चा में ग़ज़ा में राहत सामग्री पहुंचाने से लेकर हमास के कब्ज़े में मौजूद इसराइली बंधकों को छुड़ाने पर भी चर्चा होनी है।

ब्लिंकन ने क्या कहा?

बीबीसी ने एंटनी ब्लिंकन से सवाल किया था, कि अगर युद्धविराम न हुआ और मौजूदा हालात बरकरार रहे तो क्या इससे इलाक़े के भविष्य पर असर पड़ेगा।

इस सवााल के उत्तर में एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "स्थिति का आकलन किया जाए तो ग़ज़ा की 100 फ़ीसदी आबादी गंभीर खाद्य संकट झेलने की कग़ार पर है।"

ये पहली बार है जब पूरी आबादी की स्थिति को इस तरह बताया जा रहा है।

गंभीर खाद्य संकट वो स्थिति होती है, जब खाना न मिलने के कारण किसी व्यक्ति के जीवन पर तुरंत ख़तरा मंडराने लगे। हालात न सुधरे तो ये भुखमरी का कारण बन सकता है।

काबुल में तालिबान के विदेश मंत्री से भारतीय अधिकारी मिले

काबुल में तालिबान के विदेश मंत्री से भारतीय अधिकारी मिले

शुक्रवार, 8 मार्च 2024

भारतीय विदेश मंत्रालय के एक प्रति​निधि मंडल ने गुरुवार, 7 मार्च 2024 को काबुल में तालिबान के विदेश मंत्री से मुलाक़ात की है।

नई दिल्ली स्थित ​भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव जेपी सिंह के नेतृत्व में अफ़ग़ानिस्तान गए इस प्रतिनिधिमंडल ने तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर ख़ान मोत्तक़ी के साथ बैठक की।

​भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने काबुल में अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई से भी मुलाक़ात की।

तालिबान सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल क़हर बाल्खी ने बताया कि दोनों देशों के संबंधों को लेकर गहन बातचीत हुई। इसमें आर्थिक और आवागमन से जुड़े मुद्दे भी शामिल रहे।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अब्दुल क़हर बाल्खी ने इस बारे में कई ट्वीट किए।

एक अन्य ट्वीट में अब्दुल क़हर बाल्खी ने सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने, नशीले पदार्थों का मुक़ाबला करने, आईएसकेपी (इस्लामिक स्टेट-ख़ुरासान प्रोविन्स) और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जारी लड़ाई के लिए अफ़ग़ानिस्तान की तारीफ़ की।

अब्दुल क़हर बाल्खी ने कहा, ''भारत, अफ़ग़ानिस्तान के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने और चाबहार बंदरगाह के ज़रिए कारोबार बढ़ाने में रुचि रखता है।''

अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तक़ी ने मानवीय सहायता के लिए भारत का आभार जताया है।

''अफ़ग़ानिस्तान इस क्षेत्र के एक अहम पक्ष भारत के साथ राजनीतिक और आर्थिक संबंधों को मज़बूत करना चाहता है।''

विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तक़ी ने भारत के संयुक्त सचिव से अफ़ग़ान कारोबारियों, मरीज़ों और विद्यार्थियों के लिए वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को आसान बनाने का अनुरोध किया।

हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाज पर हमला किया, तीन लोगों की मौत

हूती विद्रोहियों ने अदन की खाड़ी में मालवाहक जहाज पर हमला किया, तीन लोगों की मौत

गुरुवार, 7 मार्च 2024

यमन के हूती विद्रोहियों के हमले में एक मालवाहक जहाज के चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई। ये हमला अदन की खाड़ी में हुआ।

ट्रू कॉन्फ़िडेंस नाम के इस मालवाहक जहाज पर बारबाडोस का झंडा लगा हुआ था। बुधवार, 6 मार्च 2024 को हुए इस हमले में जहाज को बहुत क्षति पहुंची है। इस हमले में फिलीपींस के दो और वियतनाम के एक व्यक्ति की मौत हुई।

यमन के हूती विद्रोही इसराइल-हमास युद्ध के बीच ये कहते रहे हैं कि जब तक इसराइल ग़ज़ा पर हमले बंद नहीं करेगा वो लाल सागर में जहाजों को निशाना बनाना जारी रखेंगे।

अमेरिका ने कहा है कि कारोबारी जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों में पहली बार मौतें हुई हैं।

अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड ने इस घटना की निंदा की है और बताया है कि इस समूह के हमले के बाद उन्होंने यमन में दो ड्रोन मार गिराए।

हूती विद्रोही के एक सैन्य प्रवक्ता ने दावा किया कि उन्होंने वेसल को निशाना बनाया क्योंकि ये 'अमेरिकी' जहाज था जबकि जहाज के मालिकों ने इससे इनकार किया है।

इस जहाज पर चालक दल के 20 सदस्य थे, जिनमें से एक सदस्य भारत का, चार वियतनाम से, 15 फिलीपींस के थे। वहीं तीन आर्म्ड गार्ड्स भी थे जिनमें से दो श्रीलंका और एक नेपाल के थे।

ग़ज़ा में संघर्ष विराम के लिए हो रही बातचीत में बिना किसी डील के हमास क्यों बाहर आया?

ग़ज़ा में संघर्ष विराम के लिए हो रही बातचीत में बिना किसी डील के हमास क्यों बाहर आया?

गुरुवार, 7 मार्च 2024

मिस्र की राजधानी काहिरा में ग़ज़ा में संघर्ष विराम के लिए हो रही वार्ता से हमास का प्रतिनिधिमंडल बिना किसी डील के बाहर निकल गया है।

हालांकि, हमास का कहना है कि अप्रत्यक्ष तौर पर इसराइल से बातचीत अभी ख़त्म नहीं हुई है। हमास ने उम्मीद जताई थी कि रमज़ान के महीने की शुरुआत में 40 दिन का संघर्ष विराम हो सकता है।

इसराइल ने अपना प्रतिनिधिमंडल काहिरा नहीं भेजा था।

इसराइल का कहना था कि उन्हें जीवित इसराइली बंधकों की सूची चाहिए जिन्हें समझौते के तहत छोड़ा जाएगा।

हमास ने कहा है कि इसराइल ने अपने जगह से युद्ध की वजह से विस्थापित हुए फ़लस्तीनियों के वापस लौटने की मांग नहीं मानी है और न ही ग़ज़ा के शहरों से इसराइली सैनिकों की वापसी की मांग स्वीकार की है।

ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसराइली हमले में अब तक 30 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। वहीं सात अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हमास के हमले में क़रीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिका: निकी हेली राष्ट्रपति चुनाव से बाहर, निकी के वोटर्स अब क्या करेंगे?

अमेरिका: निकी हेली राष्ट्रपति चुनाव से बाहर, निकी के वोटर्स अब क्या करेंगे?

गुरुवार, 7 मार्च 2024

निकी हेली ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की रेस से अपना नाम वापस ले लिया है।

लेकिन इसके साथ ही निकी हेली ने रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप को एक चेतावनी देते हुए कहा, "अब यह डोनाल्ड ट्रंप पर निर्भर है कि वो हमारी पार्टी और उससे बाहर उन लोगों के वोट कैसे हासिल करेंगे जो उनका समर्थन नहीं करते।''

निकी हेली ने कहा, "मुझे आशा है वो ऐसा कर लें।''

निकी हेली का बाहर जाना प्रभावी रूप से 2024 के राष्ट्रपति चुनाव का आग़ाज़ माना जा रहा है। ये लगभग तय है कि अब राष्ट्रपति की फ़ाइनल रेस में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट की ओर से जो बाइडन के बीच मुकाबला होगा।

लेकिन इस सबके बीच एक नया सवाल है कि- हेली के वोटर्स उनके बाद अब किसे वोट देंगे?

दक्षिण कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर निकी हेली का समर्थन करने वाले ट्रंप-विरोधी रिपब्लिकन और निर्दलीय लोगों का समूह इतना काफ़ी नहीं था कि वो ट्रंप को नॉमिनेशन से बाहर कर पाता।

लेकिन निकी हेली के समर्थन में यही लोग और इनके साथ, कॉलेज एजुकेटर्स, सब-अर्बन वोटर अगर मिल जाएं, जिन्होंने निकी हेली को दो प्राइमरी जिताए तो ये संख्या महत्वपूर्ण हो सकती है। ऐतिहासिक रूप से इस इन समूहों को चुनाव में एक बड़ा फोर्स माना जाता है जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं।

जानकार मानते हैं कि अपने जिन वोटर्स को निकी हेली छोड़ चुकी हैं, अब वो राष्ट्रपति के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे।

रिपब्लिकन रणनीतिकार केविन मैडेन ने कहा है, "वो वोटर्स ही हैं जो इस चुनाव का फैसला करेंगे।''

चीन और मालदीव के बीच सामान्य सहयोग के दौरान कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है: चीन

चीन और मालदीव के बीच सामान्य सहयोग के दौरान कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है: चीन

बुधवार, 6 मार्च 2024

चीन ने मालदीव के साथ अपने संबंधों को और मज़बूत करने की बात करते हुए कहा कि दोनों के आपसी रिश्तों के बीच कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है।

चीन ने इस बयान में किसी तीसरे देश का नाम नहीं लिया। हालांकि, चीन का ये बयान ऐसे समय में आया है जब मंगलवार, 5 मार्च 2024 को ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने कहा था कि 10 मई 2024 के बाद उनके देश के अंदर कोई भारतीय सैनिक मौजूद नहीं रहेगा, फिर वह सादे लिबास में ही क्यों ना हो।

समाचार एजेंसी पीटीआई की ख़बर के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिए मालदीव के साथ काम करने को प्रतिबद्ध है।

माओ निंग ने किसी भी देश का नाम लिए बिना कहा, "चीन और मालदीव के बीच सामान्य सहयोग के दौरान कोई तीसरा पक्ष निशाने पर नहीं है और न ही किसी तीसरे पक्ष को इसे बाधित करना चाहिए।''

मुइज़्ज़ू मालदीव से भारतीय सैनिकों के जाने की बात लगातार करते रहे हैं। हाल ही में भारत की एक सिविलियन टीम मालदीव पहुंची है। ये टीम मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह लेगी।

पांच मार्च 2024 को मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा था कि मालदीव और चीन के बीच सैन्य सहायता को लेकर एक समझौता हुआ है।

पाकिस्तान: जुल्फ़िकार अली भुट्टो को मौत की सजा दिए जाने के दशकों बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

पाकिस्तान: जुल्फ़िकार अली भुट्टो को मौत की सजा दिए जाने के दशकों बाद सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

बुधवार, 6 मार्च 2024

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच ने कहा है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को निष्पक्ष ट्रायल नहीं दिया गया और उनके ख़िलाफ़ चला केस क़ानून, संविधान के अनुरूप नहीं था।

बीते 13 सालों में इस मामले में सिर्फ़ 12 बार सुनवाई हुई है।

डॉन न्यूज़ के मुताबिक़, पाकिस्तान में संविधान के तहत राष्ट्रपति को ये अधिकार है कि वो जनहित से जुड़े किसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई और राय देने के लिए कह सकते हैं।

पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता और ज़ुल्फिकार अली भुट्टो के नाती बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस मामले पर टिप्पणी की है।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की राय से पाकिस्तान की लोकतांत्रिक और न्यायिक प्रणाली बेहतर होगी।

ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को पहली बार तीन सितंबर 1977 में गिरफ़्तार किया गया था। ये गिरफ़्तारी नवाब मोहम्मद कसूरी की हत्या मामले में हुई थी। हालांकि ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को 10 दिन बाद ज़मानत मिल गई थी।

17 सितंबर 1977 को मार्शल लॉ लगाए जाने के बाद ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को फिर से गिरफ़्तार किया गया था। साल 1978 में ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को मौत की सज़ा सुनाई गई थी।

अप्रैल 1979 में रावलपिंडी की जेल में ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दे दी गई।

डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकेंगे, अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध वाला फ़ैसला पलटा

डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव लड़ सकेंगे, अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंध वाला फ़ैसला पलटा

सोमवार, 4 मार्च 2024

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 4 मार्च 2024 को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर लगाए गए प्रतिबंध को रद्द कर दिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अमेरिका की बड़ी जीत करार दिया है।

अमेरिकी प्रांत कोलोराडो की शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2023 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव लड़ने से रोक दिया था।

ऐसा करते हुए अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का हवाला दिया गया जिसके तहत सशस्त्र विद्रोह करने वालों के राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध है।

लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने 8 फरवरी 2024 को हुई सुनवाई के दौरान इस कदम को संदेह की दृष्टि से देखा। इसके साथ ही उन्होंने स्टेट पर अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाने का आरोप लगाया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 14वें संशोधन के सेक्शन 3 को लागू करने का अधिकार किसी राज्य के हाथ में नहीं, बल्कि कांग्रेस के हाथ में है।

इसके बाद सोमवार, 4 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रंप चुनाव लड़ सकेंगे।

इसका मतलब ये है कि डोनाल्ड ट्रंप मंगलवार, 5 मार्च 2024 को होने जा रहे अमेरिकी चुनाव के प्राइमरी चरण में हिस्सा ले सकेंगे।

इसी दिन (मंगलवार, 5 मार्च 2024) उन्हें रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी मिलना सुनिश्चित हो सकता है।

क्योंकि कोलोराडो समेत 15 अमेरिकी प्रांत मंगलवार, 5 मार्च 2024 को प्राइमरी चरण के लिए मतदान करेंगे। इसे सुपर ट्यूज़्डे की संज्ञा दी जा रही है।

ऐसा माना जा रहा है कि 77 वर्षीय डोनाल्ड ट्रंप इस मतदान में अपनी एकमात्र प्रतिद्वंद्वी निकी हेली को हराकर रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदवारी हासिल कर लेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद की चुनाव प्रक्रिया में प्राइमरी वो चरण है जिसमें पार्टियों की ओर से मतदान के ज़रिए अपने उम्मीदवार तय किए जाते हैं।