लाला अमरनाथ: भारतीय क्रिकेट का एक अग्रणी क्रिकेटर
लाला अमरनाथ भारद्वाज एक प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर थे जिन्होंने देश के क्रिकेट इतिहास को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 11 सितंबर, 1911 को कपूरथला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में जन्मे, अमरनाथ का भारतीय क्रिकेट में योगदान दो दशकों में फैला हुआ है।
क्रिकेट करियर
अमरनाथ के क्रिकेटिंग कैरियर को कई उल्लेखनीय उपलब्धियों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसमें शामिल हैं:
- फर्स्ट इंडियन सेंचुरी: उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए पहली सेंचुरी का स्कोर किया, एक उपलब्धि जिसने उनकी बल्लेबाजी को दिखाया।
-ऑलराउंडर: अमरनाथ एक असाधारण ऑलराउंडर था, जो अपनी बल्लेबाजी और तेजी से गेंदबाजी कौशल के लिए जाना जाता था।
- लीडरशिप: उन्होंने कई टेस्ट मैचों में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की, जिसमें उनकी नेतृत्व क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया।
भारतीय क्रिकेट पर प्रभाव
भारतीय क्रिकेट पर अमरनाथ का प्रभाव उनकी ऑन-फील्ड उपलब्धियों से परे है:
- पायनियरिंग रोल: उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक छाप छोड़ी, जो खिलाड़ियों की भावी पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटरों में से एक था।
- प्रेरणादायक एक पीढ़ी: अमरनाथ के प्रदर्शन ने भविष्य के भारतीय सितारों सहित कई युवा क्रिकेटरों को प्रेरित किया।
- क्रिकेटिंग लिगेसी: उनकी विरासत भारतीय क्रिकेट को प्रभावित करती है, कई खिलाड़ी उनकी उपलब्धियों से प्रेरणा लेते हैं।
पुरस्कार और मान्यता
अमरनाथ को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें शामिल हैं:
- पद्म भूषण (1957): भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार।
विरासत
भारतीय क्रिकेट के अग्रणी क्रिकेटर के रूप में लाला अमरनाथ की विरासत खेल को प्रेरित और प्रभावित करने के लिए जारी है। मैदान पर और बाहर उनकी उपलब्धियों ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी जगह को मजबूत किया, जिससे वह खेल की सच्ची किंवदंती बन गए।
निष्कर्ष
भारतीय क्रिकेट में लाला अमरनाथ का योगदान अपरिवर्तनीय है। उनकी अग्रणी भूमिका, नेतृत्व और मैदान पर प्रदर्शन ने खेल पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ दिया है, और उनकी विरासत क्रिकेटरों की पीढ़ियों को प्रेरित करती है।
ध्यानचंद: भारतीय हॉकी के जादूगर
ध्यान, जिसे अक्सर "भारतीय हॉकी का जादूगर" कहा जाता है, को व्यापक रूप से सभी समय के सबसे महान क्षेत्र हॉकी खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। 29 अगस्त, 1905 को, ब्रिटिश भारत के इलाहाबाद में जन्मे, भारतीय हॉकी में चंद का योगदान आज भी मनाया जाता है और याद किया जाता है।
हॉकी कैरियर
चंद के हॉकी कैरियर को कई उपलब्धियों द्वारा चिह्नित किया गया था, जिसमें शामिल हैं:
- ओलंपिक स्वर्ण पदक: उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के साथ तीन ओलंपिक स्वर्ण पदक (1928, 1932 और 1936) जीते।
-लक्ष्य-स्कोरिंग: चंद को उनकी असाधारण गोल-स्कोरिंग क्षमता के लिए जाना जाता था, और उनके रिकॉर्ड कई वर्षों तक रहे।
- लीडरशिप: वह भारतीय हॉकी टीम का एक अभिन्न अंग था जो एक दशक से अधिक समय तक अंतर्राष्ट्रीय हॉकी पर हावी था।
भारतीय हॉकी पर प्रभाव
भारतीय हॉकी पर चंद का प्रभाव उनकी ऑन-फील्ड उपलब्धियों से परे है:
- एक पीढ़ी को प्रेरणादायक: उन्होंने भविष्य के भारतीय सितारों सहित हॉकी खिलाड़ियों की एक पीढ़ी को प्रेरित किया।
- हॉकी विरासत: चंद की विरासत भारतीय हॉकी को प्रभावित करती है, कई युवा खिलाड़ी अपनी उपलब्धियों से प्रेरणा लेते हैं।
- नेशनल प्राइड: इंडियन हॉकी में उनका योगदान राष्ट्रीय गौरव का एक स्रोत है, और उन्हें एक खेल किंवदंती के रूप में मनाया जाता है।
पुरस्कार और मान्यता
चंद को हॉकी में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए, जिनमें शामिल हैं:
- पद्म भूषण (1956): भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार।
- इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (FIH): उन्हें इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन द्वारा सभी समय के सबसे बड़े फील्ड हॉकी खिलाड़ियों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त थी।
विरासत
सभी समय के सबसे बड़े फील्ड हॉकी खिलाड़ियों में से एक के रूप में ध्यान चंद की विरासत खेल को प्रेरित और प्रभावित करने के लिए जारी है। मैदान पर और बाहर उनकी उपलब्धियों ने भारतीय खेल इतिहास में अपनी जगह को मजबूत किया, जिससे वह खेल के सच्चे किंवदंती बन गए।
किंवदंती को याद करते हुए
भारतीय हॉकी में चंद के योगदान को मनाने के लिए, विभिन्न पहलें की गई हैं, जिनमें शामिल हैं:
- ध्यान चंद पुरस्कार: भारत सरकार ने ध्यान चंद पुरस्कार की स्थापना की, जिसे खेल में उनके जीवन भर योगदान के लिए उत्कृष्ट खेल व्यक्तियों को दिया किया गया है।
- मूर्तियों और स्मारक: मूर्तियों और स्मारक को उनके सम्मान में खड़ा किया गया है, और उनकी विरासत विभिन्न घटनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से मनाई जाती है।
भारतीय हॉकी पर ध्यान चंद का प्रभाव अथाह है, और उनकी विरासत हॉकी खिलाड़ियों और प्रशंसकों की पीढ़ियों को समान रूप से प्रेरित करती है।
ऑनलाइन गेमिंग की दोधारी तलवार: बच्चों पर इसके प्रभाव को समझना
डिजिटल युग में, ऑनलाइन गेमिंग बच्चे के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। स्मार्टफोन, टैबलेट और गेमिंग कंसोल के उदय के साथ, बच्चों को ऑनलाइन गेम के एक विशाल सरणी से अवगत कराया जाता है जो मनोरंजक और शैक्षिक दोनों हो सकते हैं। हालांकि, किसी भी डिजिटल गतिविधि के साथ, ऑनलाइन गेमिंग में इसके डाउनसाइड भी हैं, और माता -पिता, शिक्षक, और देखभाल करने वालों को बच्चों पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में पता होना चाहिए।
ऑनलाइन गेमिंग के लाभ
ऑनलाइन गेमिंग में बच्चों के लिए कई लाभ हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. संज्ञानात्मक विकास: ऑनलाइन गेम समस्या को सुलझाने के कौशल, हाथ-आंख समन्वय और मल्टीटास्किंग क्षमताओं में सुधार कर सकते हैं।
2. सामाजिक कौशल: मल्टीप्लेयर गेम बच्चों के बीच टीमवर्क, संचार और सामाजिक संपर्क को बढ़ावा दे सकते हैं।
3. सीखने और शिक्षा: शैक्षिक खेल बच्चों को विभिन्न विषयों, जैसे कि इतिहास, विज्ञान और भाषा कला, एक आकर्षक और इंटरैक्टिव तरीके से सिखा सकते हैं।
4. तनाव राहत: ऑनलाइन गेम बच्चों को तनाव और चिंता का प्रबंधन करने के लिए एक स्वस्थ आउटलेट प्रदान कर सकते हैं।
ऑनलाइन गेमिंग के जोखिम
जबकि ऑनलाइन गेमिंग फायदेमंद हो सकता है, यह बच्चों को भी कई जोखिम पैदा करता है, जिसमें शामिल हैं:
1. लत: बच्चे ऑनलाइन गेम के आदी हो सकते हैं, जिससे शारीरिक गतिविधि, सामाजिक संपर्क और शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट हो सकती है।
2. साइबरबुलिंग: ऑनलाइन गेम साइबरबुलिंग, उत्पीड़न और ऑनलाइन शिकारियों के लिए एक प्रजनन मैदान हो सकता है।
3. इन-गेम खरीदारी: बच्चों को इन-गेम खरीदारी करने के लिए लुभाया जा सकता है, जिससे वित्तीय समस्याएं और शोषण हो सकते हैं।
4. हिंसा और परिपक्व विषय: कुछ ऑनलाइन गेम में हिंसक या परिपक्व विषय हो सकते हैं, जो बच्चे की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक कल्याण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
5. नींद की कमी: रात में देर से ऑनलाइन गेम खेलना एक बच्चे की नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है, जिससे थकान हो सकती है, एकाग्रता में कमी आई, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं।
स्वस्थ ऑनलाइन गेमिंग के लिए दिशानिर्देश
यह सुनिश्चित करने के लिए कि बच्चे अपने जोखिमों को कम करते हुए ऑनलाइन गेमिंग का आनंद ले सकते हैं, माता -पिता, शिक्षकों और देखभाल करने वाले इन दिशानिर्देशों का पालन कर सकते हैं:
1. निर्धारित सीमा: गेमिंग समय पर नियम और सीमाएं स्थापित करें, ऑनलाइन गेमिंग और अन्य गतिविधियों के बीच संतुलन सुनिश्चित करें।
2. मॉनिटर गतिविधि: बच्चों के खेल खेलने पर नज़र रखें, यह सुनिश्चित करें कि वे उम्र-उपयुक्त हैं और हिंसक या परिपक्व विषयों से मुक्त हैं।
3. शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करें: एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखने के लिए बाहरी खेल, खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों में बच्चों को संलग्न करें।
4. बच्चों को शिक्षित करें: बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा, साइबरबुलिंग और जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं के महत्व के बारे में सिखाएं।
5. पेशेवर मदद लें: यदि बच्चे नशे की लत, सामाजिक अलगाव, या अन्य नकारात्मक प्रभावों के संकेत प्रदर्शित करते हैं, तो एक परामर्शदाता या चिकित्सक से पेशेवर मदद लें।
निष्कर्ष
ऑनलाइन गेमिंग बच्चों के लिए एक मजेदार और शैक्षिक अनुभव हो सकता है, लेकिन अपने संभावित जोखिमों से अवगत होना और उन्हें कम करने के लिए कदम उठाना आवश्यक है। सीमाएं निर्धारित करने, गतिविधि की निगरानी करने, शारीरिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने, बच्चों को शिक्षित करने और जरूरत पड़ने पर पेशेवर मदद लेने से, माता -पिता, शिक्षक और देखभाल करने वाले बच्चों को स्वस्थ और जिम्मेदार तरीके से ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया को नेविगेट करने में मदद कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया में हिरासत के दौरान मिला खाना ज़हरीला साबित हुआ: नोवाक जोकोविच
शुक्रवार, 10 जनवरी, 2025
टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने एक मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में दावा किया है कि उन्हें मेलबर्न के होटल में हिरासत में रखने के दौरान ऐसा खाना दिया गया, जो उनके लिए ज़हरीला साबित हुआ।
हालांकि, इस दावे के बाद अब जोकोविच ने कहा है कि वह 'टेनिस पर अपना ध्यान केंद्रित' करना चाहते हैं।
ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025 के लिए मेलबर्न में न्यूज़ कॉन्फ़्रेंस के दौरान स्थानीय पत्रकारों ने जोकोविच से इस मामले पर और जानकारी चाही लेकिन वह बीच में उठ कर चले गए।
दस बार चैंपियन रहे सर्बियाई टेनिस खिलाड़ी जोकोविच का कोरोना वैक्सीनेशन न होने के कारण 2022 में वीज़ा रद्द कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलियाई शहर मेलबर्न से डिपोर्ट कर दिया गया था।
नोवाक जोकोविच का वीज़ा ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने देश के लोगों के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए रद्द किया था।
जोकोविच ने जीक्यू मैगजीन को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें ज़हरीला खाना दिया गया था।
जोकोविच ने कहा, "मुझे अहसास हुआ कि मेलबर्न के होटल में मुझे कुछ ऐसा खिलाया गया, जो मेरे लिए ज़हरीला था. मैंने वास्तव में बहुत ज़्यादा मेटल खाया। मैंने बहुत अधिक मात्रा में लेड खाया।''
ऑस्ट्रेलिया गृह मंत्रालय ने बीबीसी स्पोर्ट्स से इस मामले पर कहा, "निजता से जुड़े कारणों की वजह से हम किसी ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर जवाब नहीं दे सकते।''
विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के ख़िलाफ़ अपील ख़ारिज हुई: पीटीआई
बुधवार, 14 अगस्त 2024
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, कोर्ट ऑफ़ आर्बिट्रेशन फ़ॉर स्पोर्ट्स (सीएएस) ने भारत की महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य ठहराए जाने के ख़िलाफ़ की गई अपील ख़ारिज कर दी है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा है कि वो इस फ़ैसले से बेहद निराश हैं।
वहीं क़ानूनी ख़बरों की वेबसाइट लाइव लॉ का कहना है कि विनेश फोगाट ने अयोग्य ठहराने और संयुक्त रूप से रजत पदक देने की मांग की थी जिस अपील को सिंगल आर्बिटरेटर (एक जज) ने ख़ारिज कर दिया।
सीएएस ने पहले ये फ़ैसला 16 अगस्त 2024 तक के लिए टाल दिया था। लेकिन इस बीच 14 अगस्त 2024 को विनेश फोगाट के ख़िलाफ़ फैसला सुना दिया।
इससे पहले 9 अगस्त 2024 को आर्बिट्रेशन कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान विनेश फोगाट भी वर्चुअली मौजूद थीं। वहीं, 13 अगस्त 2024 को भी इस मामले की सुनवाई हुई थी।
विनेश फोगाट ने 6 अगस्त 2024 को 50 किलोग्राम भार वर्ग में एक के बाद एक तीन मुक़ाबलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए फ़ाइनल में जगह बनाई थी। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं।
इसके साथ ही कुश्ती में कम से कम रजत पदक पक्का हो गया था।
हालांकि, इसके चंद घंटों बाद ही मान्य वज़न से 100 ग्राम अधिक भार होने के कारण विनेश फोगाट को अयोग्य घोषित कर दिया गया।
विनेश फोगाट ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं की थी लेकिन 8 अगस्त 2024 की सुबह उन्होंने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट कर कुश्ती से संन्यास का ऐलान किया था।
पेरिस ओलंपिक 2024 का समापन, पेरिस ओलंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज़्यादा मेडल जीते?
सोमवार, 12 अगस्त 2024
फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई 2024 से चल रहे ओलंपिक खेलों का रविवार, 11 अगस्त 2024 को समापन हो गया।
ओलंपिक के आख़िरी दिन भारत का कोई मुक़ाबला नहीं था। इस ओलंपिक में एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज़ मेडल के साथ भारत की पदक संख्या 6 रही।
भारत 71वें पायदान पर रहा है।
तीन साल पहले हुए टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत सात मेडल (जिसमें एक गोल्ड था) के साथ पदक तालिका में 48वें स्थान पर था।
पेरिस ओलंपिक के पदक तालिका में अमेरिका 126 मेडल (40 गोल्ड, 44 सिल्वर और 42 ब्रोन्ज़) के साथ शीर्ष पर है, जबकि चीन 91 मेडल (40 गोल्ड, 27 सिल्वर और 24 ब्रोन्ज़) के साथ दूसरे स्थान पर है।
तीसरे स्थान पर जापान है जिसे कुल 45 पदक मिले जिसमें 20 गोल्ड हैं। क़रीब 114 देश ऐसे हैं जिन्हें कोई भी मेडल नहीं मिला है।
पेरिस ओलंपिक में किस खिलाड़ी ने सबसे ज़्यादा मेडल जीते?
सोमवार, 12 अगस्त 2024
पेरिस ओलंपिक में सबसे अधिक मेडल चीन की झांग युफेई ने हासिल किए हैं। झांग युफेई ने 6 मेडल हासिल किए।
पेरिस ओलंपिक की वेबसाइट के अनुसार, झांग युफेई ने ये मेडल स्विमिंग में जीते हैं। झांग युफेई को 5 ब्रॉन्ज़ और 1 सिल्वर मेडल मिला है।
दूसरे स्थान पर फ्रांस के लियोन मार्चैंड हैं। उन्हें 5 मेडल मिले हैं। लियोन भी स्विमर हैं। उन्हें 4 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज़ मेडल मिला।
पेरिस ओलंपिक: भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज़ मेडल जीता
गुरुवार, 8 अगस्त 2024
पेरिस ओलंपिक के पुरुष हॉकी मैच में भारत ने स्पेन को हराकर ओलंपिक खेलों में लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीत लिया है।
टोक्यो में हुए पिछले ओलंपिक खेलों में भी भारत ने कांस्य पदक जीता था।
आज एक वक़्त स्पेन 1-0 से आगे चल रहा था लेकिन भारत ने भी वापसी करते हुए स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला दिया। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने अपनी टीम के लिए पहला गोल पेनल्टी कॉर्नर के ज़रिए किया।
भारत की ओर से दूसरा गोल भी हरमनप्रीत ने किया और अपने प्रतिद्वंद्वी पर 2-1 से बढ़त बना ली। हरमनप्रीत अब तक पेरिस ओलंपिक में 11 गोल दाग चुके हैं।
इस मैच में फ़र्स्ट रशर अमित रोहिदास की वापसी हुई थी।
रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के ख़िलाफ़ क्वार्टर मैच में रेड कार्ड मिला था और उन्हें एक मैच पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस कारण वो सेमीफ़ाइनल मैच में नहीं खेल पाए थे।
भारत को सेमीफ़ाइनल में जर्मनी के हाथों 3-2 से हार का सामना करना पड़ा था। जबकि स्पेन को नीदरलैंड्स से क़रारी हार मिली थी।
सेमीफ़ाइल में जर्मनी के ख़िलाफ़ भारतीय टीम ने आक्रामक खेल दिखाया था। भारत ने पहले क्वार्टर में सातवें मिनट में ही गोल कर बढ़त बना ली थी। यह गोल भी हरमनप्रीत सिंह ने किया था।
लेकिन भारत की लय बरकरार नहीं रही। हालांकि तीसरे क्वार्टर में भारत ने दो दो गोल की बराबरी कर ली थी।
इस मैच में भारतीय टीम को रोहिदास की कमी खली। टीम के खिलाफ पेनल्टी कॉर्नरों को लेते समय रशर के रूप में और जर्मनी के हमलों के समय बचाव में भी कमी साफ़ दिखी।
इस मुकाबले से पहले तक यह माना जा रहा था कि भारतीय टीम मानसिक रूप से बहुत मजबूत हुई है। पर आखिरी क्वार्टर में जब जर्मनी ने तीसरा गोल जमाकर बढ़त बना ली तो टीम में बिखराव दिखने लगा।
ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का रिकॉर्ड स्वर्णिम रहा है।
भारत ने ओलंपिक खेलों में अबतक कुल 12 पदक जीते हैं।
1936 का बर्लिन के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का ज़िक्र आजतक होता है। तब जर्मनी में नाज़ी पार्टी का शासन था और हिटलर खुद मैच देखने पहुंचा था।
भारत ने अब तक आठ गोल्ड मेडल, एक रजत (1960) चार कांस्य (1968 और 1972) पदक जीते हैं।
भारतीय हॉकी टीम ने 1980 के मॉस्को ओलंपिक में आख़िरी बार गोल्ड जीता था। इसके 41 साल बाद उसे टोक्यो ओलंपिक में ब्रांज मिला।
पेरिस ओलंपिकः जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर जीता, अरशद नदीम ने गोल्ड जीता
गुरुवार, 8 अगस्त 2024
पेरिस ओलंपिक में पुरुष जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता है।
89.45 मीटर के स्कोर के साथ भारत के नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता। जबकि 92.97 मीटर स्कोर के साथ पाकिस्तान के अरशद नदीम गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे।
नीरज चोपड़ा छह राउंड में से पांच में फाउल हुए। एकमात्र दूसरे राउंड में उनका थ्रो 89.45 मीटर का रहा, जो उनका सर्वश्रेष्ठ था।
जेवलिन थ्रो में ब्रॉन्ज मेडल ग्रेनाडा के एंटर्सन पीटर्स ने 88.54 मीटर का स्कोर बनाकर जीता।
नीरज चोपड़ा की जीत के साथ ही भारत के हरियाणा के पानीपत के खंडरा गांव में नीरज चोपड़ा के घर पर मौजूद लोग जश्न मनाने लगे।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था।
टोक्यो में स्वर्ण पदक लाकर वो अभिनव बिंद्रा के बाद व्यक्तिगत प्रतिस्पर्द्धा में गोल्ड लाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने थे।
पाकिस्तान के अरशद नदीम के नाम रहा मुकाबला
नीरज चोपड़ा का पहला राउंड अच्छा नहीं गया और वो फ़ाउल हुए। पहले राउंड में पाकिस्तान के अरशद नदीम का भी फ़ाउल हुआ।
दूसरे राउंड में अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो कर सबको चौंका दिया यह उनके करियर का भी सर्वश्रेष्ठ और ओलंपिक का अबतक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है और यह रिकॉर्ड अबतक का छठा सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
नीरज चोपड़ा का दूसरे राउंड में थ्रो 89.45 मीटर का रहा। जबकि उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी पीटर्स का थ्रो 88.54 मीटर का रहा।
जबकि माना जा रहा था कि जर्मनी के वेबर से उनकी कड़ी प्रतिद्वंद्विता है, लेकिन वेबर 87.40 मीटर के स्कोर के साथ छठे नंबर पर रहे।
जबकि नदीम ने अंतिम राउंड में 91.79 मीटर का थ्रो किया जो कि इस प्रतिस्पर्द्धा का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था।
विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से बाहर, भारतीय ओलंपिक संघ ने क्या कहा?
बुधवार, 7 अगस्त 2024
पेरिस ओलंपिक के कुश्ती इवेंट के फाइनल मुकाबले से पहले विनेश फोगाट अयोग्य क़रार कर दी गई हैं।
विनेश फोगाट का वजन ज्यादा पाए जाने पर उन्हें पेरिस ओलंपिक के फाइनल मुकाबले के लिए अयोग्य करार दिया गया है। विनेश फोगाट का भार तय वजन से 100 ग्राम अधिक पाया गया है।
भारतीय ओलंपिक संघ ने बयान जारी कर कहा, ''बहुत ही खेद के साथ भारतीय दल को यह बताना पड़ रहा है कि विनेश फोगाट को 50 किलो भार वर्ग कैटेगरी से बाहर कर दिया गया है।
टीम के रात भर मेहनत करने के बाद भी विनेश फोगाट का भार 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया है।"
भारतीय ओलंपिक संघ ने कहा है कि भारतीय दल इस पर और कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा। भारतीय दल आपसे यह अनुरोध करता है कि आप विनेश फोगाट की निजता की इज्जत करें।
गौतम गंभीर टीम इंडिया के अगले हेड कोच होंगे
मंगलवार, 9 जुलाई 2024
भारत में बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी है कि पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के अगले हेड कोच होंगे।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है, "मैं अत्यंत खुशी के साथ गौतम गंभीर का भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के तौर पर स्वागत करता हूँ। आधुनिक क्रिकेट तेज़ी से बदल रही है और गौतम ने इस बदलते परिदृश्य को करीब से देखा है।''
"अपने पूरे करियर में कठिनाइयों को सहने और अलग-अलग भूमिकाओं में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद, मुझे यक़ीन है कि गौतम भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श व्यक्ति हैं।''
"टीम इंडिया के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण और विशाल अनुभव उन्हें इस रोमांचक कोचिंग भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाता है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड उन्हें इस नई यात्रा के लिए पूरा समर्थन देता है।''
हेड कोच की ज़िम्मेदारी के लिए गौतम गंभीर के नाम पर चर्चा पिछले कुछ दिनों से चल रही थी।
गौतम गंभीर 2019 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और पूर्वी दिल्ली से सांसद भी चुने गए। वे सरकार और बीसीसीआई में सबसे ताक़तवर शख़्स के करीबी भी रहे। इसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ दी।
फोर्ब्स लीडरशिप इवेंट में गौतम गंभीर ने कहा था, "मैंने राजनीति में भी किस्मत आजमायी। एक चीज़ जो मैं कह सकता हूं कि मैंने कभी हार नहीं मानी। अच्छी नीयत और पूरी ईमानदारी से जितना संभव था, उतना देने की कोशिश की। लेकिन हां, कभी-कभी किसी मोड़ पर आपको फ़ैसला लेना होता है कि आपके दिल के क़रीब क्या है...और मेरा दिल क्रिकेट के साथ है और मैं क्रिकेट में लौट गया।''
जून 2024 की शुरुआत में अबू धाबी में एक इवेंट में गौतम गंभीर ने कहा, "मैं भारतीय टीम का कोच बनना पसंद करूंगा। अपनी राष्ट्रीय टीम को कोचिंग देने से बड़ा कोई सम्मान नहीं है। आप 140 करोड़ भारतीयों और देश से बाहर रहने वाले भारतीयों का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं।''
भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच को लगातार तीन साल तक काम करने का मौका मिलेगा। इतना उदार कार्यकाल भारतीय क्रिकेट के सबसे कामयाब कोचों - जॉन राइट, गैरी कर्स्टन, रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ को भी नहीं मिला।