श्रीसंत पर बैन: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से जवाब माँगा
स्पॉट फिक्सिंग मामले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को चुनौती देते हुए पूर्व क्रिकेटर एस श्रीसंत ने याचिका दायर की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बीसीसीआई से जवाब मांगा। इस मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड की पीठ ने बीसीसीआई को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। न्यायालय ने बीसीसीआई के जवाब पर प्रतिक्रिया देने के लिए श्रीसंत को भी चार सप्ताह का समय दिया।
वरिष्ठ वकील पैराग त्रिपाठी ने बीसीसीआई की ओर से नोटिस स्वीकार किया। श्रीसंत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत ने पूर्व क्रिकेटर को बरी कर दिया है और ऐसा होने के बाद भी उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाना न्यायोचित नहीं है।
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर पिछले साल अक्टूबर में रिपब्लिक टीवी को दिए एक इंटरव्यू में श्रीसंत ने बीसीसीआई पर आरोप लगाया था कि इस केस में कई और खिलाड़ियों के नाम भी शामिल थे जिन्हें बीसीसीआई द्वारा बचा लिया गया था।
श्रीसंत का कहना था कि मुदगल कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक इस केस में 13 अन्य खिलाड़ियों के नाम भी शामिल थे जो कि अभी भी खेल रहे हैं। श्रीसंत ने दावा किया था कि बीसीसीआई ने इन खिलाड़ियों के नामों को सार्वजनिक न करने की अपील की थी क्योंकि इससे भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचता। ये खिलाड़ी अभी भी अपने-अपने देशों के लिए खेल रहे हैं।
श्रीसंत ने कहा था कि इस मामले में केवल उन्हें दोषी ठहराया गया और तिहाड़ जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि श्रीसंत के दावों की मुदगल कमेटी का हिस्सा रहे वरिष्ठ वकील निलॉय दत्त ने भी पुष्टि की थी। दत्त ने अपने एक बयान में कहा था कि बीसीसीआई ने इस मामले को रफादफा करने की पूरी कोशिश की थी।