बिहार: नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए, अति पिछड़े 36 फ़ीसदी और पिछड़े 27 फ़ीसदी

भारत में बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं।  जनगणना के मुताबिक़ पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13 फ़ीसदी है। अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01 फ़ीसदी से अधिक है।

वहीं सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फ़ीसदी है।

बिहार सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ये जानकारी दी है।

जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 10 है।

विवेक कुमार सिंह ने बताया कि पिछड़ा वर्ग की आबादी 27.13 प्रतिशत, अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36.01और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 प्रतिशत है।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 फ़ीसदी है।

पिछड़ों में यादवों की आबादी 14 फ़ीसदी है। मुसहर जाति की आबादी 3 फ़ीसदी है। कुर्मी की आबादी 2.87 प्रतिशत है।

बिहार सरकार के एडिशनल सेक्रेटरी विवेक कुमार सिंह ने बताया कि बिहार विधानमंडल ने 18 फरवरी 2019 को बिहार में जाति आधारित जनगणना (सर्वे) कराने का प्रस्ताव पारित किया था।

उन्होंने बताया, "इसके बाद 2 जून 2022 को बिहार मंत्री परिषद ने जाति आधारित जनगणना कराने का फ़ैसला किया। ये दो चरणों में होनी थी।  पहले चरण में ये मकान के जरिए होनी थी।''

"इसके तहत 7 जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 तक मकानों का नंबरीकरण किया गया और लिस्ट बनाई गई। दूसरे चरण में बिहार के सभी व्यक्तियों की जनगणना का काम 15 अप्रैल 2023 को शुरू किया गया।''

"इसमें जिला स्तर के पदाधिकारियों को अलग अलग ज़िम्मेदारियां दी गईं और युद्ध स्तर पर ये कार्य संपन्न हुआ। 5 अगस्त 2023 को सारे आंकड़े बनाकर मोबाइल ऐप के जरिए उसे जमा किया गया।''

"बिहार में कुल सर्वे परिवारों की कुल संख्या दो करोड़ 83 लाख 44 हजार 107 है और इसमें कुल जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 10 है।''

"इसमें अस्थाई प्रवासी स्थिति में 53 लाख 72 हजार 22 लोग हैं।''

बिहार के जातिगत सर्वेक्षण के अनुसार वहां किस जाति की कितनी आबादी है?

समान्य वर्ग की कुल आबादी - 15.52 फ़ीसदी

ब्राह्मणः 3.66 फ़ीसदी

भूमिहारः 2.86 फ़ीसदी

राजपूतः 3.45 फ़ीसदी

पिछड़ी आबादीः 27.13 फ़ीसदी

यादवः 14 फ़ीसदी

कुर्मीः 2.87 फ़ीसदी

अत्यंत पिछड़ी आबादीः 36.01 फ़ीसदी

अनुसूचित जाति आबादी - 19.65 फ़ीसदी

अनुसूचित-जनजाति आबादी - 1.68 फ़ीसदी