बिहार के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का जदयू से इस्तीफा : कहा, जदयू में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई है
बिहार की सियासी गरियारे से बड़ी खबर है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और जदयू के बड़े नेता उदय नारायण चौधरी ने जदयू को अलविदा कह दिया है। पटना में बुधवार को साफ-साफ कह दिया कि आज से उनका जदयू से कोई वास्ता नहीं। इस दौरान उदय नारायण ने जदयू पर आरोप लगाया कि अब पार्टी में दलितों के साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है। यही वजह है कि उदय नारायण चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार धनकुबेरों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। दलितों के साथ अत्याचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने 20 साल तक पार्टी को सींचने का काम किया। लेकिन मेरे साथ ऐसा व्यवहार हुआ। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि मैं अब जदयू में नहीं हूँ। लेकिन आगे का रास्ता क्या होगा, वक्त बताएगा। उन्होंने कहा कि जदयू में भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई है। कई लोग मेरे संपर्क में हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने राजद में जाने के सवाल पर कहा कि अब मैं जदयू और बीजेपी के कब्जे से बाहर हूँ। रास्ता खुला है। मैं उन सबके साथ हूँ जो इनके खिलाफ हैं।
जाहिर है कि उदय नारायण चौधरी के इस बयान ने राजनैतिक गलियारे की गर्मी बढ़ा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब जल्द ही वो लालू प्रसाद की पार्टी राजद में शामिल होंगे।
आपको बता दें कि उदय नारायण चौधरी लंबे समय से जदयू में रहते हुए पार्टी के कामों का विरोध कर रहे थे। कई बार उन्होंने पार्टी के खिलाफ बोलने का काम किया। इतना ही नहीं, कई बार लालू प्रसाद के सपोर्ट में देखने को मिले। नरेंद्र मोदी तक को कोसते रहे। अब उन्होंने इन सब के बीच जदयू से अपना रिश्ता तोड़ लिया है।
गौरतलब है कि उदय नारायण चौधरी के पार्टी छोड़ने पर फिलहाल जदयू की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन जिस तरह से उनका विरोध देखने को मिल रहा है। माना जा रहा है कि जदयू उनके पार्टी छोड़ने को काफी गंभीरता से लेने वाला है। इससे पहले हम के मुखिया जीतनराम मांझी भी एनडीए का साथ छोड़ महागठबंधन में सामिल हुए थे। अब उदय नारायण चौधरी के इस बड़े फैसले ने राजनैतिक गलियारे में हलचल बढ़ा दी है।
आईबीटीएन मीडिया नेटवर्क के लिए दिनेश गुप्ता की रिपोर्ट।