इंग्लैंड ने भारत से पहला ट्वेंटी20 मैच जीता
इयोन मोर्गन के अर्धशतक की मदद से इंग्लैंड ने भारत से पहला ट्वेंटी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच सात विकेट से जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की शुरुआती बढ़त बना ली है।
भारत के उत्तर प्रदेश के कानपुर में खेले गए मैच में भारतीय बल्लेबाजी अपने रंग में नजर नहीं आई। भारत की शुरुआत काफी खराब रही। हालांकि विराट कोहली और सुरेश रैना ने कुछ अच्छे शॉट जमाए, लेकिन भारत नियमित अंतराल पर विकेट गंवाता रहा।
आज भारत क्रिकेट टीम ने प्रभावी साझेदारियां नहीं की। युवराज सिंह (12), सुरेश रैना (34) और मनीष पांडे (3) के विकटों ने भारत की रन गति में ब्रेक लगा दिया। लगातार गिरते विकटों के चलते दूसरी छोर पर खड़े एमएस धौनी भी बड़े शॉट्स लगाने में नाकाम रहे जिसकी वजह से भारत बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर पाया।
इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को हर समय परेशानी में डाला। उन्होंने भारतीय बल्लेबाजों की शॉर्ट बॉल को बेहतर तरीके से ना खेलने की पुरानी कमी का फायदा उठाया। भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल, युवराज सिंह और हार्दिक पंड्या शॉर्ट बॉल पर ही आउट हुए। लगातार विकेट गिरने से भारत रफ्तार नहीं पकड़ सका और सिर्फ 147 रन ही बना पाया।
इंग्लैंड की ओर से सबसे शानदार गेंदबाजी मोईन अली ने की। उसने भारतीय बल्लेबाजों को उलझाए रखा और समय-समय पर विकेट भी लिए। उन्होंने विराट कोहली जैसा कीमती विकेट भी लिया जो कि शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे।
वैसे देखा जाए तो ऑफ स्पिनर की टी20 मैच में पिटाई होती है, लेकिन मोईन अली ने फिरकी में भारतीय बल्लेबाजों को फंसा दिया और चार ओवर के अपने कोटे में 21 रन देकर दो विकेट हासिल किए।
भारतीय दौरे पर हार से बेजार इंग्लैंड की गाड़ी जीत की पटरी पर लौटती दिख रही है। इसका पूरा श्रेय इयोन मोर्गन को जाता है। उन्होंने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 51 रन जड़े। उन्होंने यह पारी सिर्फ 38 गेंदों में खेली जिसमें चार छक्के व एक चौका शामिल है।
मोर्गन की इस पारी की बदौलत भारतीय गेंदबाजी बैकफुट पर आ गई और उसके बाद जो रूट ने मोर्चा संभाला। वो इंग्लैंड को जिता कर ही वापस लौटे। उन्होंने नॉट आउट रहते हुए 46 रन बनाए जिसमें चार चौके शामिल थे।
भारतीय पेसर आज पूरी तरह नाकाम रहे और शुरू में उन्होंने जबरदस्त मार खाई। इसी कारण भारत लय नहीं पकड़ सका। आशीष नेहरा, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंडया ने मिलकर 8.1 ओवर गेंदबाजी की जिसमें 69 रन बने।
पहले ही स्कोर कम था और शुरू में ज्यादा पिटाई होने से भारतीय स्पिनर भी कुछ नहीं कर सके और इंग्लैंड टीम आसानी से विजेता बन गई।