राजस्‍थान में भी भड़क सकता है किसान आंदोलन

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने अपनी ही पार्टी की सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि समय रहते किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो राजस्थान में कभी भी किसान आन्दोलन भड़क सकता है, राज्य में हालात गंभीर हैं।

तिवाड़ी ने गुरुवार (8 जून) को जयपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ''मैं एक शुभचिंतक के नाते सलाह दे रहा हूं, प्रदेश के किसान उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने, सिंचाई का पानी पर्याप्त रूप से नहीं मिलने समेत अन्य कई समस्याओं के कारण अत्यधिक परेशान हैं। सरकार ने समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसा किसान आन्दोलन राजस्थान में भड़क सकता है।''

उन्होंने कहा कि समस्याओं के चलते प्रदेश के करीब बीस प्रतिशत किसान खेती बाड़ी छोड़ चुके हैं, प्रदेश के किसानों को लहसुन, प्याज, सरसों का उचित मूल्य मिलना तो दूर समर्थन मूल्य से भी आधे मूल्य पर उनको फसल मजबूरी में बेचनी पड़ रही है।

भाजपा विधायक ने कहा, ''यदि सरकार द्वारा समय पर किसानों को राहत नहीं पहुंचाई गई तो यह चिंगारी आग बन जाएगी।''

उन्होंने राजस्थान सरकार द्वारा लाए गये राजस्थान विशेष विनिधान विधेयक, 2016 की चर्चा करते हुए कहा कि यह विधेयक कॉरपोरेट जगत के साथ मिलकर राजस्थान के किसानों की जमीन हड़पने का षडयंत्र है।

तिवाड़ी ने सरकार से प्रदेश के किसानों के ऋण तुरंत माफ करने, समयबद्ध रूप से खेती के लिए मुफ्त बिजली, मनरेगा की मजदूरी को कृषि से जोड़ने और राजस्थान विशेष विनिधान विधेयक को वापस लेने की मांग की है।

बता दें कि अभी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन ने हिंसक रुप ले लिया है। कर्ज़ माफी और फसल की वाज़िब कीमत दिए जाने को लेकर किसान करीब हफ्ते भर से इन राज्यों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन अब इतना हिंसक हो गया है कि किसान आगजनी और पत्थरबाजी पर उतर आए हैं।

मंदसौर जिले में पुलिस फायरिंग में किसानों के मारे जाने के बाद किसानों ने देवास जिले में कई गाड़ियों को आग लगा दी। मंदसौर में मंगलवार को पुलिस फायरिंग में 5 किसान मारे गए थे। उग्र प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 100 से ज्यादा गाड़ियों में आग लगा दी।