रेड लाइट एरिया खोले गए तो कोरोना का ख़तरा कितना बढ़ जाएगा?
- By न्यूज़ ब्यूरो --
- 14 July 2020 --
- 665 Views
भारत में कोरोना संकट के दौर में सेक्सवर्करों की स्थिति पर एक शोध अध्ययन किया गया है। इसके मुताबिक अगर रेडलाइट इलाकों को खोला गया तो अगले एक साल कम से कम चार लाख सेक्स वर्कर कोरोना की चपेट में आएंगे और उनमें हजारों की मौत हो सकती है।
एक सेक्स वर्कर अगर संक्रमित हुआ तो उससे संक्रमण सैकड़ों लोगों तक पहुंच सकता है। इस अध्ययन के मुताबिक कोविड-19 से होने वाली प्रत्येक पांच में तीन मौतें रेडलाइट इलाकों में हो सकती है।
इस शोध अध्ययन के लेखक अभिषेक पांडेय और सह-लेखिका डॉ. सुधाकर वी नूटी का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को तब तक रेडलाइट इलाकों को बंद रखना चाहिए जब तक कि कोरोना वैक्सीन उपलब्ध ना हो जाएगा।
इस अध्ययन में कोरोना के संकट के दौर में सेक्स वर्करों को स्किल्ड वर्कर बनाने की दिशा में कदम उठाने की अपील भी की गई ताकि इन लोगों के सामने आजीविका का संकट ना रहे और कोरोना संक्रमण पर भी अंकुश रहे।
इस अध्ययन का नेतृत्व करने वाले अभिषेक पांडेय येल यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंफेक्टियस डिजीज मॉडलिंग एंड एनालिसिस से जुड़े हैं जबकि सुधाकर वी नूटी मैसाच्यूटएस जेनरल हॉस्पीटल और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के मेडिसीन विभाग से संबंधित हैं।