यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने की कोशिश से हंगरी नाराज़, 55 अरब डॉलर की फंडिंग पर वीटो लगाया

यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने के लिए बातचीत शुरू करने का फ़ैसला, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने क्या कहा?

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने अपने समूह की सदस्यता देने के लिए यूक्रेन और मोल्दोवा के साथ बातचीत शुरू करने का फ़ैसला किया है। ईयू ने इसके अलावा जॉर्जिया को 'कैंडिडेट' का दर्जा देने का भी निर्णय किया है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने ब्रसेल्स में आयोजित शिखर सम्मेलन में हुए इस फ़ैसले को यूक्रेन और यूरोप दोनों के लिए 'जीत' करार दिया है।

वहीं यूरोपीय परिषद (ईसी) के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के प्रवक्ता ने बताया है कि यह एक सर्वसम्मत समझौता था।

हालांकि हंगरी लंबे समय से यूक्रेन के साथ शुरू होने वाली बातचीत का विरोध करता रहा है, लेकिन उसने इस निर्णय पर वीटो नहीं लगाया।

मतदान के दौरान हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन कुछ समय के लिए कमरे से चले गए, जबकि यूरोपीय संघ के बाक़ी 26 देशों के नेताओं ने वोट डाला।

इसके बाद फेसबुक पर डाले एक वीडियो संदेश में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने कहा, "यूक्रेन को यूरोपीय संघ की सदस्यता एक बुरा फ़ैसला है। हंगरी इस बुरे फ़ैसले में भाग नहीं लेना चाहता, इसलिए आज इस निर्णय से वह दूर रहा।''

वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने यूरोपीय संघ की घोषणा से खुश होकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, "यह यूक्रेन और पूरे यूरोप की एक जीत है। यह जीत जो प्रेरणा देती है और मजबूत बनाती है।''

इससे पहले, फरवरी 2022 में रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले होने के बाद यूक्रेन, मोल्दोवा और जॉर्जिया ने यूरोपीय संघ में शामिल होने के आवेदन दिए थे।

उसके बाद जून 2022 में यूक्रेन और मोल्दोवा को कैंडिडेट उम्मीदवार का दर्जा दिया गया था।

यूक्रेन को यूरोपीय संघ का सदस्य बनाने की कोशिश से हंगरी नाराज़, 55 अरब डॉलर की फंडिंग पर वीटो लगाया

शुक्रवार, 15 दिसंबर 2023

यूक्रेन को यूरोपीय संघ (ईयू) का सदस्य बनाने के लिए बातचीत शुरू करने के फ़ैसले से हंगरी ने असहमति जतायी है और ईयू से यूक्रेन को मिलने वाले 55 अरब डॉलर की फंडिंग रोकने का ऐलान कर दिया है।

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर यूक्रेन को मिलने वाली यूरोपीय संघ की फंडिंग पर वीटो लगाने का ऐलान किया।

हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने लिखा, ''हमने यूक्रेन को मिलने वाले अतिरिक्त फंड के लिए वीटो और एमएफएफ रिव्यू के लिए वीटो लगा दिया।''

विक्टर ओर्बन ने कहा, ''हम उचित तैयारी के बाद यूरोपीय काउंसिल में इस मुद्दे पर अगले साल 2024 में फिर बातचीत करेंगे।''

हंगरी का यह ऐलान ईयू के उस फ़ैसले के कुछ घंटे बाद आया है, जिसके तहत ईयू की सदस्यता देने के लिए यूक्रेन और मोल्दोवा के साथ बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

यूरोपीय काउंसिल (ईसी) ने बताया था कि यह फ़ैसला सर्वसम्मति से लिया गया।

हालांकि मतदान के दौरान हंगरी ने वॉकआउट कर दिया था। हंगरी लंबे समय से यूक्रेन के साथ शुरू होने वाली बातचीत का विरोध करता रहा है।