ख़ुद जैसे मुसलमान तैयार करने का मिशन
- By न्यूज़ ब्यूरो --
- 09 December 2016 --
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ज़ाकिर नाइक की कमाई फाउंडेशन के ज़रिए बिकने वाली इस्लाम पर लिखी उनकी किताबें और उनके भाषणों की डीवीडी और सीडी से होती है
कट्टरपंथी इस्लामी विचारधारा के वहाबी कहलाने वाले मुसलमानों का यक़ीन है कि इस्लाम का सबसे सुनहरा दौर पैग़म्बर मोहम्मद और उनके बाद के चार शासकों का था.
ज़ाकिर नाइक- डोंगरी से दुबई तक
वो उसी दौर में वापस जाने की मांग करते हैं. इस विचारधारा का ये भी मानना है कि एक सच्चा मुसलमान वही है जो इस्लाम की सर्वोच्चता को माने और इसका प्रचार करे.
उन पर इल्ज़ाम है कि इस्लाम की अपनी समझ को वो सर्वश्रेष्ठ मानते हैं.
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने आईआरएफ पर पाबंदी लगा दी. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फाउंडेशन और नाइक से जुड़े दूसरे दफ्तरों में छापे माकर उन्हें सील कर दिया.
नाइक ने आईआरएफ़ पर लगी पाबंदी को अदालत में चुनौती देने का फ़ैसला किया है.
आइए जानते हैं कि कितना बड़ा है ज़ाकिर नाइक का साम्राज्य?
मुंबई के मज़गांवन इलाक़े में ऊंची दीवारों और बड़े दरवाज़े से घिरे इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल को चलाने वाली संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन एजुकेशनल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं ज़ाकिर नाइक.
वो आईआरएफ़ के भी अध्यक्ष हैं. इस पर सरकार ने पाबंदी लगा दी है. स्कूल पर कोई पाबंदी नहीं है. लेकिन स्कूल के बैंक खातों को फ्रीज़ कर दिया गया है.
ज़ाकिर नाइक पर चरमपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने और विभिन्न समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने का इल्ज़ाम है.
इस्लामिक इंटरनेशनल स्कूल के बच्चे कहते हैं कि लोगों को उनके स्कूल के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है.
स्कूल में कैम्ब्रिज इंटरनेशनल बोर्ड - IGCSE पाठ्यक्रम चलता है, जहाँ पढ़ाई अंग्रेजी में होती है. इस स्कूल में इस्लाम की तालीम भी दी जाती है. स्कूल के बच्चे अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं
इस स्कूल की शाखाएं चेन्नई और दुबई में भी हैं. इसे ज़ाकिर नाइक ने अपनी इमेज में ढालने की कोशिश की है.
वो ख़ुद अक्सर अंग्रेजी में भाषण देते हैं और टाई सूट के साथ टोपी लगाते हैं और दाढ़ी रखते हैं. उन्होंने अपनी छवि ऐसी बनाई है कि पारंपरिक और आधुनिक मुसलमानों में उनकी स्वीकृति हो.