पुतिन का सैन्य लामबंदी का ऐलान, तीन लाख रिज़र्व सैनिकों को बुलाया
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार, 21 सितम्बर 2022 को यूक्रेन में युद्ध के लिए आंशिक लामबंदी का ऐलान किया है। इसका अर्थ है कि यूक्रेन युद्ध में रूस और अधिक संसाधन और सैन्य टुकड़ियों को शामिल करेगा।
पुतिन ने टीवी पर प्रसारित हुए देश के नाम संबोधित अपने भाषण में कहा है कि 'यह रूस की क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने के लिए ये एक ज़रूरी कदम था।'
उन्होंने कहा कि 'पश्चिमी दुनिया रूस का ख़ात्मा चाहती थी जैसे उसने सोवियत संघ का ख़ात्मा कर दिया।'
पुतिन ने भाषण में क्या कहा –
- पुतिन ने यूक्रेन में जारी सैन्य संघर्ष में अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां भेजने का ऐलान किया है। इसका अर्थ ये है कि रूसी सेना में सेवाएं दे चुके लोगों को वापस बुलाया जाएगा।
- इन सैन्य टुकड़ियों की रवानगी बुधवार, 21 सितम्बर 2022 से शुरू होगी।
- पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस को परमाणु हमले के नाम पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है।
- पुतिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों की धमकियों का जवाब देने के लिए उनके पास काफ़ी हथियार हैं।
- उन्होंने कहा है कि डोनबास में 'अपनों' की सुरक्षा के लिए हर संभव साधन जुटाए जाएंगे।
- उन्होंने रूस में हथियारों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए फंडिंग का आदेश दिया है।
रूसी संसद दूमा के सदस्य येवगेनी पोपोव ने बीबीसी को बताया है कि 'जैसा मैं समझता हूं, कुछ अनुभवी सैनिकों को तैनात किया जाएगा और जो लोग अभी-अभी सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें बुलाया जा सकता है। ये आम लोगों को युद्ध के मैदान में भेजने की बात नहीं है।'
क्या पुतिन की बड़ी लामबंदी से अब पश्चिम के साथ और बिगड़ेंगे रिश्ते?
बीबीसी के रूस संपादक स्टीव रोज़नबर्ग के मुताबिक, आज से पहले तक रूस दावा करता रहा है कि यूक्रेन में उसका सैन्य अभियान योजना के अनुसार ही चल रहा है।
लेकिन अब ऐसा नहीं है।
व्लादिमीर पुतिन रूसी सेना के रिज़र्व सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान करके ये मान चुके हैं कि युद्ध के मैदान पर उन्हें अतिरिक्त सैनिकों की ज़रूरत है।
रूसी राष्ट्रपति को सुनने से ऐसा नहीं लगता कि उन्हें सात महीने पहले यूक्रेन पर हमला करने का ज़रा भी खेद है।
पुतिन ने बताया है कि रूस की दिक्कतों के लिए पश्चिमी देश ज़िम्मेदार हैं। ये कहते हुए उन्होंने पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया है कि वे रूस को तोड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा है, ''अगर रूस की क्षेत्रीय अखंडता को ख़तरा पैदा होता है तो हम उपलब्ध सभी साधनों का इस्तेमाल करेंगे।''
रूस ने यूक्रेन के जिन इलाक़ों पर हाल में कब्ज़ा किया है वहाँ आने वाले दिनों में जनमत संग्रह करवाया जा रहा है।
ये यूक्रेन और पश्चिमी देशों को सीधा संदेश है – हमने जिस ज़मीन पर कब्जा किया है और जिस पर हम दावा करेंगे, उसे वापस लेने की कोशिश न की जाए।
ये स्पष्ट करने के लिए उन्होंने धमकी दे डाली है।
उन्होंने कहा है, ''जो हमें परमाणु हथियारों से धमकाने की कोशिश करते हैं, उन्हें ये पता होना चाहिए कि हवाएं उनकी तरफ़ भी बह सकती हैं।''