कुंबले-कोहली में बातचीत 6 महीने से बंद थी, नहीं हो सकी सुलह

भारतीय टीम 20 जून को कोच अनिल कुंबले के बिना वेस्टइंडीज दौरे के लिए रवाना हो गई। पहले खबर आई कि कुंबले किसी जरूरी मीटिंग के चलते टीम के साथ नहीं जा सके, मगर इसके बाद देर रात कुंबले ने कोच पद से इस्तीफा देकर मामला साफ कर दिया। इसके पीछे भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली बहुत बड़ी वजह बनते नजर आए।

अब इस बात का भी खुलासा हो गया है कि टीम में बीते 6 महीनों से काफी उथल-पुथल चल रही थी। एक सूत्र ने बताया कि यहां तक कि इस दौरान विराट कोहली और अनिल कुंबले के बीच बातचीत तक बंद थी।

जब बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को इस बात का पता चला तो दोनों को आमने-सामने बैठाकर सुलह करवाने की कोशिश की गई, मगर ये भी विफल रही।

बीसीसीआई के अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों ने पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड टेस्ट सीरीज समाप्त होने के बाद एक-दूसरे से बात करना बंद कर दिया था। समस्याएं थी, लेकिन यह हैरान करने वाला था कि दोनों के बीच पिछले छह महीने से सही तरह से संवाद नहीं था। रविवार को फाइनल के बाद वे एक साथ बैठे और वे दोनों सहमत थे कि उनका साथ साथ चलना मुश्किल है।

अब बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शुक्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि श्रीलंका दौरे से पहले टीम को नया कोच मिल जाएगा। उन्होंने बताया कि बीसीसीआई ने यह मसला सुलझाने के लिए अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। कार्यवाहक सचिव और सीईओ ने कुंबले और कोहली के साथ इस मामले पर विस्तार से चर्चा की। बोर्ड ने सीओए के चेयरमैन विनोद राय से भी सुझाव लिया। मसला सुलझाने के लिए प्रयास किए गए, लेकिन आखिर में कोई परिणाम नहीं निकला और कुंबले ने हटने का फैसला किया।

वहीं कुंबले ने भी पद से इस्तीफा देने के बाद कहा कि एक दिन पहले बीसीसीआई से मुझे पता चला कि कप्तान को मेरी स्टाइल से परेशानी है और वह मुझे कोच के तौर पर बरकरार रखना नहीं चाहते। मैं इस बात से हैरान था  क्योंकि मैंने हमेशा कप्तान और कोच के बीच की रेखा का सम्मान किया है। बीसीसीआई ने हालांकि मेरे और कप्तान के बीच के मनमुटाव को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन यह साफ था कि साझेदारी चलने वाली नहीं है इसलिए मेरा मानना है कि मुझे पद से हट जाना चाहिए।