बांग्लादेश में प्रधानमंत्री के आवास पर हज़ारों लोगों की पत्थरबाज़ी, पीएम शेख़ हसीना बांग्लादेश छोड़कर भागीं

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री के आवास पर हज़ारों लोगों की पत्थरबाज़ी, पीएम शेख़ हसीना बांग्लादेश छोड़कर भागीं

बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने भारत के बयान क्या कहा?

सोमवार, 5 अगस्त 2024

नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि भारत का यह कहना कि बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन देश का आंतरिक मामला है, दुखदायी है।

अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में हो रहे छात्रों के प्रदर्शन पर भारत के बयान पर निराशा व्यक्त की है।

उन्होंने चेतावनी दी है कि यह अशांति पड़ोसी देशों में भी फैल सकती है।

मोहम्मद यूनुस ने भारत से प्रकाशित होने वाली इंग्लिश दैनिक 'इंडियन एक्सप्रेस' अख़बार से कहा कि भारत ने ऐसा क्यों कहा कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है, इससे मुझे दुख हुआ है।

मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि जब आपके भाई के घर में आग लगती है तो आप यह कैसे कह सकते हैं कि यह आपका आंतरिक मामला है।

मोहम्मद यूनुस ने कहा, ''कूटनीति में और भी अधिक समृद्ध शब्द हैं अपनी बात रखने के लिए, सिर्फ यह कह देना कि यह आंतरिक मामला है काफी नहीं है।''

जुलाई 2024 में भारत ने बांग्लादेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर हो रहे छात्रों के हिंसक प्रदर्शन को लेकर टिप्पणी करने से मना कर दिया था।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा था, ''हम इसे बांग्लादेश का आंतरिक मामला मानते हैं।''

बांग्लादेश में इंटरनेट सेवाएं बंद की गईं

सोमवार, 5 अगस्त 2024

बांग्लादेश सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के आदेश दिए हैं। रविवार, 4 अगस्त 2024 की हिंसा से पहले बांग्लादेश में मोबाइल पर इंटरनेट सेवाएँ बंद थीं, जबकि ब्रॉडबैंड सेवा जारी थी।

ख़बरों के मुताबिक़ अब सरकार ने पूरे देश में इंटरनेट सेवा को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है।

बांग्लादेश में जुलाई 2024 से ही छात्र आंदोलन पर हैं। इस आंदोलन में देश में भारी हिंसा और आगजनी हुई है। इसमें क़रीब 300 लोगों की मौत भी हो चुकी है।

समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक़ इसमें रविवार, 4 अगस्त 2024 की हिंसा में हुई मौत भी शामिल है।

बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरी में कोटे को ख़त्म करने की मांग कर रहे हैं, हालाँकि सरकार ने कुछ कोटे को कम ज़रूर किया है लेकिन छात्र अब प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग कर रहे हैं।

बांग्लादेश में सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली न्यूज़ वेबसाइट ढाका ट्रिब्यून और उसकी सहयोगी प्रकाशन कंपनी बांग्ला ट्रिब्यून दोनों ऑफलाइन हो गई हैं।

एक और न्यूज़ वेबसाइट द डेली बांग्ला स्टार भी डाउन है।

बांग्लादेश में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का बंद होना क्या मायने रखता है?

बांग्लादेश टेली कम्युनिकेशन रेगुलेटरी कमीशन के अनुसार साल 2023 के अंत तक बांग्लादेश में इंटरनेट का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या 13.1 करोड़ थी।

इनमें से लगभग 90 प्रतिशत लोग मोबाइल के माध्यम से इंटरनेट का प्रयोग करते हैं।

अशांति को देखते हुए एक सप्ताह में दूसरी बार है जब बांग्लादेश के एक हिस्से में इंटरनेट सेवाओं को रोका गया है।

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री के आवास पर हज़ारों लोगों की पत्थरबाज़ी, पीएम शेख़ हसीना बांग्लादेश छोड़कर भागीं

सोमवार, 5 अगस्त 2024

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना और उनकी बहन ने देश छोड़ दिया है और 'सुरक्षित जगह' पर चली गई हैं।

बीबीसी बांग्लादेश के मुताबिक़ शेख़ हसीना भारत के त्रिपुरा राज्य की राजधानी अगरतला की तरफ रवाना हुई हैं।

इससे पहले बांग्लादेश में जुलाई 2024 से छात्र आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों की मांग है कि देश में ज़्यादातर बड़े सरकारी नौकरी में मौजूद आरक्षण को ख़त्म किया जाए।

हालाँकि छात्रों के आंदोलन के बाद शेख़ हसीना सरकार ने कुछ कोटे को कम ज़रूर किया है, लेकिन लगातार जारी हिंसा के बीच छात्र प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के इस्तीफ़े की मांग पर अड़े हुए थे।

छात्रों के हिंसक आंदोलन में बांग्लादेश में अब तक क़रीब 300 लोगों की मौत हो चुकी है। इस आंदोलन पर काबू पाने के लिए जुलाई 2024 से ही सरकार ने सेना को बुलाया था। रविवार, 4 अगस्त 2024 से छात्रों ने 'सविनय अवज्ञा' आंदोलन की अपील कर रखी थी।

इसमें लोगों से सरकारी टैक्स न देने की अपील की गई थी।

ख़बरों के मुताबिक़ हज़ारों आंदोलनकारी प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के सरकारी आवास पर पत्थरबाज़ी कर रहे हैं।