तुर्की ने कुर्द बलों के ख़िलाफ़ सैन्य अभियान रोका: अमरीका

अमरीकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा है कि तुर्की उत्तरी सीरिया में अपना सैन्य अभियान रोकने पर राज़ी हो गया है ताकि कुर्द नेतृत्व वाले बल पीछे हट सकें।

यह घोषणा अंकारा में पेंस और तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन के बीच मुलाक़ात के बाद की गई है।

सभी सैन्य अभियानों को अगले 5 दिनों तक के लिए रोक दिया गया है और अमरीका कुर्द बलों को 'व्यवस्थित तरीक़े से वापसी' कराने में मदद करेगा।  अमरीका सीमा के उस इलाक़े से कुर्द बलों को हटा रहा है जहां तुर्की 'सेफ़ ज़ोन' बनाना चाहता है।

तुर्की ने पिछले सप्ताह इस अभियान की शुरुआत की थी।

इसका मक़सद कुर्द बलों को सीमा से पीछे धकेलकर, सीरियाई शरणार्थियों के लिए एक 'सेफ़ ज़ोन' बनाना है।  

पेंस की घोषणा से पहले अमरीकी राष्ट्रपति ने अर्दोआन का शुक्रिया अदा करते हुए ट्वीट किया कि 'लाखों जानें बच जाएंगी।'

पेंस ने अपनी घोषणा के दौरान डोनल्ड ट्रंप के 'मज़बूत नेतृत्व' का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, "वह संघर्ष विराम चाहते थे। वह हिंसा रोकना चाहते थे।''

तुर्की के विदेश मंत्री मेवलूत चावूशॉलू ने पत्रकारों से कहा कि एसडीएफ़ बॉर्डर ज़ोन से हट जाता है तो तुर्की का हमला स्थाई रूप से रोक दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, "हम ऑपरेशन स्थगित कर रहे हैं, समाप्त नहीं कर रहे हैं।  हम तभी ऑपरेशन ख़त्म करेंगे जब कुर्द लड़ाके पूरी तरह क्षेत्र से नहीं हट जाते।''

अमरीकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि जब तुर्की सैन्य अभियान समाप्त कर देगा। तब उस पर से आर्थिक प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे और इस दौरान अधिक प्रतिबंध नहीं लगाए जाएंगे।

अमरीका और तुर्की के बीच इस बैठक में एसडीएफ़ का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।

इससे पहले बीबीसी को पता चला था कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का ख़त 'कूड़ेदान में फेंक दिया था।'

सीरिया से अपनी सेना वापस बुलाने के बाद नौ अक्तूबर को लिखे गए इस ख़त में ट्रंप ने अर्दोआन से कहा था, "बेहद सख़्त इंसान मत बनिएगा. बेवकूफ़ी मत करिएगा।''

राष्ट्रपति ट्रंप तुर्की से मांग कर रहे थे कि वह उत्तरी सीरिया में कुर्द बलों के ख़िलाफ़ सैन्य बल का प्रयोग न करें लेकिन अर्दोआन ने इस मांग को नज़रअंदाज़ कर दिया।

इस समय अमरीकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस अंकारा में हैं और युद्ध विराम की कोशिश कर रहे हैं।

उत्तरी सीरिया से सेना को वापस बुलाने के बाद अमरीका की आलोचना हो रही है। आलोचक कह रहे हैं कि इसने तुर्की को सैन्य हमला करने के लिए हरी झंडी दिखा दी।

सीरिया में इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ाई में कुर्द बलों के नेतृत्व वाला सीरियन डेमोक्रेडिक फ़ोर्सेज़ (एसडीएफ़) अमरीका का साथी रहा है।

हालांकि, यह भी डर बना हुआ है कि इस अस्थिरता के कारण उत्तरी सीरिया में वापस जिहादी समूहों का उदय हो सकता है।

एसडीएफ़ में कुर्द लड़ाकों के बल पीपल्स प्रॉटेक्शन यूनिट्स (वाईपीजी) का प्रभुत्व है। इन्हें तुर्की आतंकी मानता है। तुर्की का मानना है कि यह कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) का ही विस्तार है जो उसके क्षेत्र में कुर्दों के स्वायत्त राज्य के लिए लड़ते रहे हैं।

राष्ट्रपति अर्दोआन को ट्रंप ने ख़त में लिखा था, "चलिए एक अच्छे सौदे पर काम करें। आप हज़ारों लोगों के क़त्लेआम के लिए ज़िम्मेदार नहीं बनना चाहोगे, और मैं भी तुर्की की अर्थव्यवस्था को तबाह करने का ज़िम्मेदार नहीं बनना चाहता। और मैं करूंगा।''

"अगर आप इसे सही और मानवीय तरीक़े से करते हैं तो इतिहास में आपकी प्रशंसा की जाएगी। अगर ऐसी अच्छी चीज़ नहीं होती है तो आपको हमेशा एक शैतान के रूप में देखा जाएगा।''

इस पर तुर्की के राष्ट्रपति के सूत्रों ने बीबीसी तुर्की को बताया, "राष्ट्रपति अर्दोआन को यह ख़त मिला था जिसे उन्होंने सिरे से ख़ारिज करते हुए कूड़ेदान में फेंक दिया।''