क्या नागरिकता संशोधन विधेयक भारत को हिन्दू राष्ट्र बना देगा?
एआईएमआईएम नेता और लोक सभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक भारत को इसराइल बना देगा जो कि भेदभाव के लिए जाना जाता है।
ओवैसी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "नागरिकता संशोधन विधेयक दिखाता है कि वे भारत को एक धार्मिक मुल्क़ बनाना चाहते हैं। भारत इसराइल जैसे देशों की क़तार में आ जाएगा जो कि दुनिया का सबसे ज़्यादा भेदभाव करने वाला मुल्क़ है।
ओवैसी ने ये भी कहा कि ये क़ानून भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन करता है क्योंकि इसमें धर्म के आधार पर नागरिकता ख़त्म हो जाएगी।
भारत में इस बिल को बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हरी झंडी दे दी है और संभावना है कि इसे अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा।
इस विधेयक में अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से शरण के लिए भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। लेकिन मुस्लिम समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता नहीं दी जाएगी।
इस बिल का भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सहित कई राजनैतिक पार्टियां खिलाफ कर रही है जो इस बिल को भारत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रोकने का कोशिश कर सकती है क्योंकि लोक सभा और राज्य सभा में इस बिल के आसानी से पास होने की संभावना है।
इस बिल का भारत के उत्तर - पूर्व के राज्यों में जबरदस्त विरोध हो रहा है। बीजेपी की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद इस बिल का विरोध कर रही है। उत्तर - पूर्व के राज्यों को डर है कि इस बिल के आने के बाद बांग्लादेशी हिन्दू शरणार्थियों की आबादी बढ़ जाएगी और वहां की मूल आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी।
इस बिल को लाने का तात्कालिक मकसद असम में एनआरसी में अपनी नागरिकता खोये हिन्दू आबादी (लगभग 13 लाख) को नागरिकता देना है। लेकिन यह बिल का असम में एनआरसी में अपनी नागरिकता खोये मुस्लिम आबादी (लगभग 5 लाख) को नागरिकता नहीं देगा। यह बिल धार्मिक आधार पर पक्षपात करती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी सरकार द्वारा इस बिल को लाने का असली मकसद एनआरसी लाने की पूर्व तैयारी है। ताकि एनआरसी में अपनी नागरिकता खोये मुस्लिम आबादी को भारत की नागरिकता नहीं मिल सके। लेकिन अगर एनआरसी में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों की नागरिकता ख़त्म होती है तो इस बिल के प्रावधानों के तहत उन्हें भारत की नागरिकता मिल जाएगी। मोदी सरकार का असली गेम प्लान यही है ताकि भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाया जा सके।