अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

जी-20 शिखर सम्मेलन में अगर रूस के राष्ट्रपति पुतिन आते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा: ब्राज़ील के राष्ट्रपति

ब्राज़ील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा है कि साल 2024 में ब्राज़ील की राजधानी रियो में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में अगर रूस के राष्ट्रपति पुतिन आते हैं तो उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने कहा, "मुझे लगता है कि पुतिन ब्राज़ील आ सकते हैं। मैं यही कह सकता हूं कि अगर मैं ब्राज़ील का राष्ट्रपति हूं और वो ब्राज़ील आते हैं तो उनकी गिरफ़्तारी का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।''

यूक्रेन युद्ध में कथित युद्ध अपराधों को लेकर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय ने मार्च 2023 में पुतिन के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरेंट जारी किया है।

माना जा रहा कि इसी वजह से वो पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित बैठकों में खुद नहीं जा रहे हैं।

दिल्ली में जी 20 शिखर सम्मेलन में भी वो नहीं आए और उन्होंने अपने विदेश मंत्री लावरोव को भेजा।

लूला ने कहा कि रियो शिखर सम्मेलन से पहले रूस में ब्रिक्स देशों की एक बैठक होने जा रही है और वो वहां जा रहे हैं।

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है: बाइडन

जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन वियतनाम रवाना होने के पहले रविवार, 10 सितम्बर 2023 को दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक ट्वीट कर राजघाट ले जाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है।

रविवार, 10 सितम्बर 2023 को जी20 सम्मेलन के लिए आए मेहमानों को लेकर पीएम मोदी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी के समाधि स्थल पहुंचे थे।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर राष्ट्रपति बाइडन ने लिखा, ''भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी महात्मा गांधी के ट्रस्टीशिप सिद्धांत में निहित है। ट्रस्टीशिप हमारे देशों के बीच साझा मूल्य है और हमारे साझे ग्रह (पृथ्वी) के लिए भी अहम है।''

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा, ''धन्यवाद, प्रधानमंत्री जी, आज यहां हमें लाने के लिए।''

जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के बाद रविवार, 10 सितम्बर 2023 को राष्ट्रपति बाइडन वियतनाम चले गए।

मोदी-ट्रूडो द्विपक्षीय बातचीत: मोदी ने कनाडा में जारी 'भारत विरोधी गतिविधियों' को लेकर चिंताएं जताई

जी20 शिखर सम्मेलन के इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

इस दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कनाडा में जारी 'भारत विरोधी गतिविधियों' को लेकर अपनी चिंताएं जताई हैं।

भारत के पीआईबी ने एक बयान जारी किया है जिसके मुताबिक, ''पीएम मोदी ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से कनाडा में चरमपंथी तत्वों की भारत विरोधी गतिविधियां जारी रहने को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की।''

पीएम मोदी ने पीएम ट्रूडो से कहा, ''वे अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा भड़का रहे हैं। वे राजनयिक परिसरों को क्षति पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर धमकी दे रहे हैं।''

बयान के अनुसार, ''इन ताक़तों का संगठित अपराध, ड्रग सिंडिकेट और मानव तस्करी के साथ गठजोड़ है और कनाडा के लिए भी ये चिंता का विषय होना चाहिए। इन ख़तरों से निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग ज़रूरी है।''

पीएम मोदी ने ये भी कहा कि भारत और कनाडा के रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सम्मान और भरोसा बहुत ज़रूरी है।

कनाडा में पिछले कुछ महीनों के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों ने भारत विरोधी कई प्रदर्शन किए हैं। पिछले दिनों भारत ने अपने ख़िलाफ़ ऐसे तत्वों के पोस्टर, प्रॉपेगैंडा सामग्रियों और भारतीय राजनयिकों को धमकी के बाद नई दिल्ली में कनाडा के हाई कमिश्नर को समन किया था।

जी-20 सम्मेलन में साझा बयान पर रूस ने क्या कहा?

भारत में आयोजित जी-20 सम्मेलन में साझा बयान पर जब सदस्य देशों के बीच सहमति बनी तो इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया।

जी-20 सम्मेलन के पहले ही दिन शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा बयान पर सभी देशों के बीच सहमति बनने का ऐलान किया था और इस कामयाबी के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया था।

ये ऐलान सम्मेलन शुरू होने से पहले लगाए जा रहे कयासों से बिलकुल विपरीत था।

माना जा रहा था कि यूक्रेन-रूस जंग के बीच साझा बयान में सहमति बनने की संभावनाएं कम की हैं। मगर जब साझा बयान पर सभी देश सहमत हुए तो इस पर यूक्रेन के साथ-साथ रूस की भी प्रतिक्रिया आई।

रूस के शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने कहा, ''साझा बयान संतुलित था और यूक्रेन के मुद्दे पर बातचीत काफी कठिन रही।''

लुकाश ने कहा, ''इस साझा बयान पर सहमत होने में सम्मेलन शुरू होने से पहले 20 दिन और मौक़े पर पांच दिन लगे।''

इस सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शामिल नहीं होने का फ़ैसला किया था। इस सम्मेलन में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने शिरकत की थी।

नई दिल्ली में शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को सर्वसम्मति से जारी जी-20 के नई दिल्ली घोषणा-पत्र में यूक्रेन में चल रहे युद्ध का ज़िक्र तो किया गया लेकिन रूस की आलोचना नहीं की गई।

इस घोषणा-पत्र में सात पैराग्राफ़ यूक्रेन युद्ध पर हैं लेकिन इनमें एक जगह भी रूस का ज़िक्र नहीं है।

यूक्रेन ने इस पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है, ''रूस के युद्ध पर आए बयान में गर्व करने लायक कुछ भी नहीं है।''

भारत ने ब्राज़ील को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी

जी-20 देशों के मौजूदा अध्यक्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन के समापन पर ब्राज़ील को अध्यक्षता सौंप दी है।

जी-20 देशों की अध्यक्षता नवंबर 2023 से ब्राज़ील के पास होगी।

पीएम मोदी ने कहा, ''भारत के पास नवंबर तक जी-20 की अध्यक्षता है। अभी हमारे पास ढाई महीने बाकी हैं। मेरा प्रस्ताव है कि एक वर्चुअल सेशन रखें ताकि जो हमने तय किया है कि उसकी समीक्षा की जाए। आप उससे जुड़ेंगे, ऐसी उम्मीद है। इसी के साथ जी-20 के समापन की घोषणा करता हूं। संपूर्ण विश्व में आशा और शांति का संचार हो। 140 करोड़ भारतीयों की इसी मंगलकामना के साथ आप सबका धन्यवाद।''

इस दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की भी बात कही।

उन्होंने कहा कि वक्त के साथ बदलाव ज़रूरी है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलहाल पांच सदस्य हैं।

इनमें अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ़्रांस शामिल है।

भारत इसके स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से करता आ रहा है।

न्यू दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन: परमाणु हथियारों की धमकी या इस्तेमाल को मंज़ूर नहीं किया जा सकता है

'न्यू दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन' में यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए जी-20 के देशों ने कहा है कि परमाणु हथियारों की धमकी या इस्तेमाल को मंज़ूर नहीं किया जा सकता है।

रूस का जिक्र किए बगैर जी-20 के सदस्य देशों ने बाली घोषणापत्र की याद दिलाई और कहा कि सभी देशों को यूक्रेन में टिकाऊ शांति के लिए यूएन चार्टर के सिद्धांतों के तहत काम करना चाहिए।

इसी घोषणापत्र में सदस्य देशों को ये भी याद दिलाया गया है कि वे अपनी सीमाओं के विस्तार के लिए ताक़त या धमकी के इस्तेमाल से दूर रहेंगे।

भारत की अध्यक्षता में हो रहे जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में सभी सदस्य देशों ने आपसी सहमति से शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को 'न्यू दिल्ली जी-20 लीडर्स समिट डिक्लेरेशन' की घोषणा की।

इस घोषणा पत्र में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कही उस बात को भी शामिल किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था, "आज का दौर युद्ध का नहीं है।''

जी-20: जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों पर विकसित और विकासशील देशों में गंभीर असहमति

जलवायु परिवर्तन के लिए होने वाले संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक सम्मेलनों के उलट जी-20 की बैठकों में इस समस्या को लेकर उठाए जाने वाले कदमों पर आमतौर पर विकसित और विकासशील देशों में ज्यादा गंभीर असहमतियां नहीं दिखती हैं।

लेकिन इस बार के जी-20 सम्मेलन में इसे लेकर तस्वीर कुछ अलग दिख रही है। जी-20 देशों के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम करने, रिन्युबल एनर्जी के लक्ष्यों को बढ़ाने और ग्रीन हाउस उत्सर्जन में कमी जैसे लक्ष्यों को हासिल कर कोई सहमति बनती नहीं दिख रही है।

जबकि जी-20 के देश दुनिया के 75 ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के जिम्मेदार हैं। जी-20 सम्मेलन में रूस, चीन, सऊदी अरब और भारत ने 2030 तक रिन्युबल एनर्जी की क्षमता तीन गुना बढ़ाने के विकसित देशों के लक्ष्य का विरोध किया है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि 6 सितंबर 2023 को शेरपा स्तर की बैठक में ये देश 2035 तक ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन 60 फीसदी घटाने के विकसित देशों के लक्ष्य से असहमत दिखे।

चीन ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज किया है, जिनमें कहा गया था कि जुलाई 2023 में हुई जी-20 के पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में उसने जलवायु परिवर्तन को काबू करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर बनने वाली सहमति में बाधा डाली थी।

चीन ने विकसित देशों से जलवायु परिवर्तन की समस्या को खत्म करने के लिए अपनी क्षमता, जिम्मेदारियों और कर्तव्य के मुताबिक काम करने की अपील की थी।

चीन और भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं का कहना है कि विकसित देशों को कार्बन उत्सर्जन घटाने के लिए अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

जबकि विकासशील देशों का कहना है कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को साथ आए बगैर ये काम मुश्किल है। जी-20 में दोनों ओर के देश अड़े हुए हैं। इससे संकेत मिल रहा है कि जलवायु परिवर्तन पर यूएन के वार्षिक सम्मेलन सीओपी 28 में क्या होने वाला है।

तिब्बती प्रदर्शनकारियों ने जी-20 के नेताओं से चीन से बात करने की अपील क्यों की?

तिब्बती आंदोलनकारियों ने भारत के राज्य हिमाचल प्रदेश के मैकलोडगंज में एक विरोध जुलूस निकाल कर चीन पर कथित तौर पर तिब्बती संस्कृति को मिटाने का आरोप लगाया है।

शनिवार, 9 सितम्बर 2023 को एक प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारी जी-20 में आए दुनिया भर के नेताओं से चीन से बात करने की अपील की। उनका कहना था कि चीन तिब्बती संस्कृति को मिटाने की कोशिश कर रहा है।

लिहाजा जी-20 सम्मेलन में भारत आए दुनिया भर के नेता चीन से इसे रोकने की अपील करें। प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने कहा कि चीन की सरकार तिब्बत की शिक्षा व्यवस्था पर लगातार हमले कर रही है। चीन तिब्बत की संस्कृति और पहचान मिटा देना चाहता है।

प्रदर्शनकारियों ने जी-20 सम्मेलन में आए दुनिया के नेताओं से अपील करते हुए कहा कि वो चीन को इस तरह के कदम उठाने से रोके।

स्टुडेंट्स फॉर फ्री तिब्बत (इंडिया) के राष्ट्रीय निदेशक तेनज़िन पसांग ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि चीन तिब्बत में औपनिवेशक ढर्रे के बोर्डिंग स्कूल खोल रहा है।

यहां चार-चार साल के छोटे बच्चों को उनके परिवार से अलग कर रखा जा रहा है। उन्हें जबरदस्ती इन स्कूलों में भेजा जा रहा है। इस तरह परिवार से अलग करके रखे जाने पर उनकी भाषा और संस्कृति खत्म की जा रही है।

डब्ल्यूटीओ में भारत और अमेरिका ने पॉल्ट्री उत्पादों के मुद्दे पर आख़िरी विवाद सुलझाया

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में भारत और अमेरिका ने पॉल्ट्री उत्पादों के मुद्दे पर अपना आख़िरी विवाद सुलझा लिया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इसके साथ ही दोनों देशों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन में लंबित सभी सातों व्यापार विवादों को आपसी सहमति से सुलझा लिया है।

दोनों देशों ने एक साझा बयान भी जारी किया है जिसमें कहा गया है, "विश्व व्यापार संगठन में भारत और अमेरिका के बीच लंबित सातवें और आख़िरी विवाद के निपटारे का दोनों देशों ने स्वागत किया है। जून, 2023 में छह द्विपक्षीय व्यापार विवादों के निपटारे के बाद ये हुआ है।''

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों की ओर से ये साझा बयान जारी किया गया है।

राष्ट्रपति जो बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दो दिनों के लिए भारत दौरे पर आए हुए हैं।

अफ़्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य के तौर पर जी-20 में शामिल किया गया

भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में अफ़्रीकन यूनियन यानी अफ़्रीकी संघ को स्थायी सदस्य के तौर पर जी-20 में शामिल कर लिया गया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वागत भाषण में कहा, "आप सबकी सहमति से आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले मैं अफ़्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।''

जी20 ग्रुप में 19 देश शामिल हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका।

जी20 ग्रुप का 20वां सदस्य यूरोपीय संघ है।

अफ़्रीकी यूनियन के जी20 ग्रुप में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने के बाद अब 19 देश और दो संघ इसके सदस्य हो गए हैं।