अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

बाइडन की हिदायत के बावजूद इसराइल ने कहा, ग़ज़ा में युद्ध जारी रहेगा चाहे वैश्विक समर्थन मिले या ना मिले

ग़ज़ा में युद्ध जारी रहेगा चाहे वैश्विक समर्थन मिले या ना मिले: इसराइल

गुरुवार, 14 दिसंबर 2023

इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है कि हमास के खिलाफ़ इसराइल की लड़ाई को कोई नहीं रोक सकता 'वैश्विक दबाव' भी नहीं।

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करके बिन्यामिन नेतन्याहू ने ये बात कही।

बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा, ''मैं स्पष्ट रूप से वही कहना चाहता हूं जो मैंने फील्ड में कमांडरों से कहा था - हम ये लड़ाई अंत तक जारी रखेंगे और इसे लेकर तो कोई सवाल ही नहीं है। मैं यह बात अपने सैनिकों को खोने की भारी पीड़ा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय दबावों के बावजूद कह रहा हूं।''

''कुछ भी हमें रोक नहीं सकता, हम आखिर तक और जीत तक लड़ेंगे।''

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में ग़ज़ा में युद्धविराम को लेकर रिजॉल्यूशन पास किया गया। इस मौके पर इसराइली विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा कि ये युद्ध 'वैश्विक दबाव और बिना वैश्विक दबाव' दोनों ही परिस्थितियों में जारी रहेगा।

एली कोहेन ने कहा, ''वर्तमान चरण में युद्धविराम आतंकवादी संगठन हमास के लिए एक गिफ़्ट है, अगर युद्ध रुका तो हमास की वापसी होगी और इसराइलियों पर ख़तरा फिर बढ़ जाएगा।''

बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक फंड रेज़िंग इवेंट में कहा था कि ग़ज़ा पर अंधाधुंध बमबारी करके इसराइल दुनियाभर का समर्थन खो रहा है।

जो बाइडन ने इसराइल को हिदायत देते हुए कहा, ''इसराइल के साथ अमेरिका खड़ा है, अभी उसके पास अमेरिका के अलावा भी लोग हैं- उसके साथ यूरोपीय संघ है, उसके साथ यूरोप है, उसके साथ दुनिया का अधिकांश हिस्सा है। लेकिन अंधाधुंध बमबारी से वो वैश्विक समर्थन खो रहे हैं।''

पाकिस्तान ने डेरा इस्माइल ख़ान में हुए हमले को लेकर तालिबान को कड़ा संदेश भेजा

पाकिस्तान ने डेरा इस्माइल ख़ान में हुए हमले को लेकर तालिबान को कड़ा संदेश भेजा

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

पाकिस्तान की अंतरिम सरकार ने मंगलवार, 12 दिसंबर 2023 को पाक सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार को कड़ा संदेश भेजा है।

पाकिस्तान के डेरा इस्माइल ख़ान इलाक़े में हुए बम धमाके में पाकिस्तानी सुरक्षाबल के 23 जवानों की मौत हुई है।

इस हमले की ज़िम्मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान नामक संगठन ने ली है जो कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है।

पाकिस्तान सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान से कहा है कि इस मामले की जांच करके जवाबदेह लोगों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए।

इसके साथ ही कहा गया है कि -

- अफ़ग़ान सरकार के शीर्ष स्तर द्वारा इस मामले की सार्वजनिक रूप कड़ी निंदा की जाए।
- सभी आतंकवादी संगठनों और उनके पनाहगाहों के ख़िलाफ़ ऐसे कदम उठाए जाएं जिनकी पुष्टि की जा सके।
- अफ़ग़ानिस्तान में टीटीपी के नेतृत्व और इस हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को पकड़कर पाकिस्तान के हवाले किया जाए।
- पाकिस्तान के ख़िलाफ़ आतंकवाद के लिए अफ़ग़ान ज़मीन के इस्तेमाल को रोकने की दिशा में सभी ज़रूरी कदम उठाए जाएं।

यमन से दागी गई क्रूज मिसाइल से कमर्शियल टैंकर को निशाना बनाया गया: अमेरिकी सेना

यमन से दागी गई क्रूज मिसाइल से कमर्शियल टैंकर को निशाना बनाया गया: अमेरिकी सेना

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

अमेरिकी सेंट्रल कमांड का कहना है कि ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में यमन से दागी गई क्रूज मिसाइल से एक कमर्शियल टैंकर को निशाना बनाया गया।

अमेरिका ने कहा गया है कि सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को हुए हमले से स्ट्रिंडा जहाज में आग लग गई। ये जहाज बाब-अल-मंडेब स्ट्रेट से गुजर रहा था जो लाल सागर को अदन की खाड़ी से जोड़ता है।

इससे अलग, ब्रिटिश मैरीटाइम एजेंसी का कहना है कि उसे एक रिपोर्ट मिली है कि एक जहाज को अपना रास्ता बदलने और यमनी बंदरगाह पर जाने का आदेश दिया गया।

ये साफ़ नहीं है कि ये दोनों ही वाकये एक घटना से जुड़ी हैं या नहीं।

हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वो उत्तर से इसराइल की ओर जाने वाले सभी जहाजों को निशाना बनाएंगे। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शिपिंग कंपनियों को इसराइली पोर्ट से डील ना करने की चेतावनी दी है।

अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?

अनुच्छेद 370 पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को लेकर बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भारत के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के केंद्र सरकार के फैसले के वैध ठहराया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का फ़ैसला सही था और ये अनुच्छेद एक अस्थायी प्रावधान था।

इस फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा है कि ये फ़ैसला ‘यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है'।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा - "अपने हालिया फ़ैसले से भारत ने साबित कर दिया है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानून का लगातार उल्लंघन कर रहा है। विवादित क्षेत्र में ऐसे फैसले विश्वसनीयता की कमी दिखाते हैं।''

"5 अगस्त 2019 से भारत जो कर रहा है वो कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं की अनदेखी और यूएन सिक्योरिटी काउंसिल प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। न तो भारतीय संसद और न ही इसकी न्यायपालिका के पास यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के प्रस्तावों या अंतरराष्ट्रीय समझौतों में संशोधन करने का अधिकार है। वैश्विक समुदाय और संयुक्त राष्ट्र की नज़र में कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इसके भविष्य का फ़ैसला अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ही होगा।''

सोमवार, 11 दिसंबर 2023 को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से फ़ैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म करने का फ़ैसला बरकरार रखा।

चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रपति ने जो फ़ैसला लिया वह सत्ता का दुरुपयोग या दुर्भावनापूर्ण नहीं, इसके लिए राज्य के साथ किसी सहमति की ज़रूरत नहीं थी।

आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

आर्टिकल 370: भारत के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार ने क्या कहा?

सोमवार, 11 दिसंबर 2023

पाकिस्तान की अंतरिम सरकार के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट की ओर से अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर दिए गए फ़ैसले पर टिप्पणी की है।

विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है, ''अंतरराष्ट्रीय क़ानून, पांच अगस्त, 2019 को भारत की ओर से उठाया गया अवैध और एकतरफ़ा कदम स्वीकार नहीं करता है। भारत के सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मुद्दे पर दिए गए न्यायिक समर्थन का कोई क़ानूनी मूल्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत कश्मीरियों के पास आत्म निर्णय का अधिकार है।''

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

इसके बाद पाकिस्तान सरकार के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक विस्तृत बयान जारी किया है।

इस बयान में कहा गया है - ''पिछले सात दशकों से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद के एजेंडे में शामिल रहा जम्मू-कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है। जम्मू-कश्मीर का अंतिम समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रासंगिक प्रावधानों और कश्मीरी अवाम के आकाँक्षाओं के अनुरूप किया जाना है। भारत को कश्मीरी अवाम और पाकिस्तान की इच्छा के विपरीत इस विवादित क्षेत्र की स्थिति के बारे में एकतरफ़ा फ़ैसले करने का अधिकार नहीं है।''

"पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान की सर्वोच्चता स्वीकार नहीं करता है। भारतीय संविधान के अधीन किसी भी प्रक्रिया का कोई क़ानून महत्व नहीं है। भारत अपने क़ानूनों और न्यायिक फ़ैसलों के दम पर अंतरराष्ट्रीय दायित्वों से पीछे नहीं हट सकता।''

ग़ज़ा पट्टी की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो चुकी हैः संयुक्त राष्ट्र

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः इसराइल ने जहां फ़लस्तीनियों को जाने को कहा, वो जगह हीथ्रो से भी छोटी है

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

ग़ज़ा में जारी संघर्ष के बीच इसराइली सेना ग़ज़ा के लोगों से लगातार एक मानवीय ज़ोन की तरफ़ जाने को कह रही है।

ग़ज़ा के बीस लाख लोगों को जिस इलाक़े में जाने के लिए कहा जा रहा है वो क्षेत्रफल में लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट से भी छोटा है।

जिस अल मवासी इलाक़े में जाने के लिए फ़लस्तीनी लोगों से कहा गया है वह भूमध्य सागर के किनारे ज़मीन की एक पतली पट्टी है। यहां गिनी-चुनी इमारतों के अलावा रेत के टीले और कृषि भूमि है।

इसराइल की सेना ने इसे सुरक्षित ज़ोन घोषित किया है। लेकिन इसका क्षेत्रफल मात्र 8.5 वर्ग-किलोमीटर है।

7 अक्तूबर 2023 को युद्ध शुरू होने के बाद से क़रीब 18 लाख फ़लस्तीनी लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।

रीम अब्द राबु पिछले कुछ सप्ताह से अपने चार लोगों के परिवार के साथ इस इलाक़े में टेंट में रह रही हैं।

रीम अब्द राबु पहले उत्तरी ग़ज़ा से भागकर ख़ान यूनिस आईं थीं, लेकिन जब यहां आसपास के घरों पर बम गिरे तो वो ख़ान यूनिस से भी निकल गईं और उस जगह पर पहुंची जिसे इसराइल की सेना ने सुरक्षित बताया था।

बीबीसी से बात करते हुए रीम अब्द राबु ने कहा है कि अल मवासी इंसानों के रहने लायक इलाक़ा नहीं है।

रीम अब्द राबु को लगा था कि इस इलाक़े में कुछ सुरक्षा होगी, लेकिन जब वो यहां पहुंची तो पाया कि यहां मूलभूत सुविधायें भी नहीं हैं।

बीबीसी से बात करते हुए रीम अब्द राबु ने बताया, यहां एक दिन पानी आता है और अगले दस दिनों तक नहीं आता। बाथरूम में भी पानी नहीं है। यही हाल बिजली का है।

दो दिसंबर 2023 के बाद से आईडीएफ़ ने कम से कम पंद्रह बार लोगों से अल-मवासी इलाक़े में जाने की अपील सोशल मीडिया पर जारी की है।

ग़ज़ा के अधिकतर इलाक़ों में बिजली, पानी और कनेक्टिविटी नहीं है।

ग़ज़ा पट्टी की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो चुकी हैः संयुक्त राष्ट्र

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

मानवीय सहायता से जुड़े संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ग़ज़ा की आधी आबादी भुखमरी की शिकार हो गई है।

यूएन वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर कार्ल स्काउ ने कहा कि फ़लस्तीनी क्षेत्र के 10 में से नौ लोगों को हर दिन भोजन नहीं मिल पा रहा है और आधी आबादी भुखमरी की शिकार है।

समाचार एजेंसी रायटर्स से कार्ल स्काउ ने कहा कि जितनी ज़रूरत है उसका महज मामूली हिस्सा ही ग़ज़ा में आ पा रहा है।

कार्ल स्काउ ने कहा कि ज़मीनी हालात इतने ख़राब हैं कि मानवीय सहायता पहुंचना लगभग असंभव हो गया है।

ख़ान यूनिस में नासिर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि सैकड़ों मृत और घायल लोगों के पहुंचने से उनकी टीम ने हालात पर 'नियंत्रण खो' दिया है।

ग़ज़ा में घायलों और मरने वालों की भारी संख्या के बीच अस्पताल ने हाथ खड़े किए

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

दक्षिणी ग़ज़ा में जारी भीषण युद्ध के बीच ख़ान यूनिस के नासिर अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि मृतकों और घायलों की संख्या इतनी अधिक है कि 'हालात पर नियंत्रण' ख़त्म हो गया है।

उनके मुताबिक, अस्पताल में क्षमता से कहीं अधिक संख्या में हताहत पहुंच रहे हैं।

अस्पताल के निदेशक नाहेद अबु तायमा ने बीबीसी को बताया कि ''सैकड़ों की संख्या में घायल और मृतक अस्पताल पहुंच रहे हैं। ख़ान यूनिस में इसराइल की लगातार बमबारी के बीच हम ज़मीन पर और अस्पताल के कॉरिडोर में घायलों का इलाज करने को बाध्य हो रहे हैं। हमारे पास मेडिकल सप्लाई भी कम है।''

इस बीच यूएन वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर कार्ल स्काउ ने कहा कि फ़लस्तीनी क्षेत्र के 10 में से नौ लोगों को हर दिन भोजन नहीं मिल पा रहा है और आधी आबादी भुखमरी की शिकार है।

जबालिया कैंप में लोग कई दिनों से भूखे प्यासे हैं और वहां के हालात बेहद ख़राब हो गए हैं।

इस बीच इसराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि वो ग़ज़ा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।

इसराइली डिफेन्स फोर्सेस के एक प्रवक्ता लेफ्टिनेन्ट कर्नल रिचर्ड हेच ने बीबीसी से कहा कि "हम और बॉर्डर क्रासिंग को भी खोल रहे हैं, ताकि अधिक संख्या में राहत सामग्री लेकर ट्रक ग़ज़ा पट्टी तक पहुंच सकें।''

उन्होंने कहा कि सीमा पार करने वाले सभी ट्रकों की पूरी जांच की जा रही है।

इसराइल से जुड़ी केरेम शैलोम क्रासिंग पर सामानों की जांच का सिस्टम लगा दिया गया है।

ख़ान यूनिस को इसराइली टैंकों ने दो तरफ़ से घेर रखा है। इसराइली सेना का कहना है कि यहां घरों और सुरंगों में लड़ाई हो रही है।

इसराइली सेना ने ग़ज़ा में अगवा किए गए एक बंधक की मौत की पुष्टि की है। बंधक को छुड़ाने की इसराइली सेना ने असफल कोशिश की थी। मारे गए बंधक का नाम सहर बारूच है और सहर बारूच के परिजनों ने उनके शव को वापस लाने की मांग की है।

इसराइली सेना ने कहा है कि उत्तरी ग़ज़ा में हमास के लड़ाकों के साथ भीषण लड़ाई जारी है। साथ ही इसराइली सेना ने पड़ोसी लेबनान पर हिज़्बुल्ला के कई टार्गेट को निशाना बनाया है।

ग़ज़ा पट्टी में तत्काल युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग के दौरान अमेरिका के वीटो पर कई देशों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। ब्रिटेन वोटिंग से अनुपस्थित रहा।

इसराइल का आरोप

इसराइल ने एक बार फिर हमास पर आरोप लगाया है कि वो ''आम इमारतों'' में छिपकर उसकी सेना पर हमले कर रहा है। उसका कहना है कि हमास के लड़ाकों ने उत्तरी ग़ज़ा में संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के स्कूल और बेत हनॉन में एक मस्जिद का इस्तेमाल उस पर हमला करने के लिए किया है।

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः क्या हमास के संगठित पलटवार से इसराइल निराश होगा?

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः इसराइली सेना दो महीनों में सबसे मुश्किल हालात का सामना कर रही

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

इसराइल की सेना का कहना है कि वह दो महीने पहले संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक ग़ज़ा में सबसे मुश्किल लड़ाई का सामना कर रही है।

एक घटना का हवाला देते हुए इसराइली सेना ने बताया है कि एक बंधक को हमास से रिहा कराने की कोशिश में उसके दो सैनिक बुरी तरह घायल हो गए हैं।

इसराइली सेना के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने दावा किया कि इस घटना में कई हमास चरमपंथी मारे गए लेकिन सेना किसी बंधक को रिहा नहीं करा सकी।

हालांकि इसराइली सेना के द्वारा कई हमास चरमपंथी मारे जाने की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है।

इससे पहले हमास ने एक वीडियो जारी करके इसराइल के प्रयास को नाकाम करने का दावा किया था।

इस वीडियो में लड़ाई के बाद का रक्तरंजित माहौल दिख रहा है।

रिपोर्टों के मुताबिक़ दक्षिणी ग़ज़ा के ख़ान यूनुस इलाक़ों में सबसे भीषण लड़ाइयां चल रही हैं।

हमास ने एक वीडियो जारी करके इसराइल के कई टैंकों को तबाह करने का दावा भी किया है। हालांकि इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकती है।

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः घरों, गलियों और सुरंगों में भीषण संघर्ष जारी, क्या हमास के संगठित पलटवार से इसराइल निराश होगा?

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

यरूशलम में मौजूद बीबीसी संवाददाता हूगो बाशेगा के मुताबिक़ ग़ज़ा में इसराइली सेना का अभियान तीव्रता से जारी है।

इसराइल पर सैन्य अभियान के दौरान नागरिकों को कम से कम नुक़सान पहुंचाने का दबाव भी बढ़ रहा है।

हालांकि, नागरिकों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

उत्तरी ग़ज़ा में इसराइल ने फिर से टैंक हमले शुरू किए हैं जबकि दक्षिणी ग़ज़ा में तेज़ लड़ाई चल रही है।

ख़ान यूनिस में हमास के नेता याह्या सिनवार इसराइली सैन्य बलों के निशाने पर हैं। इसराइली अधिकारियों का कहना है कि हमास के नेता ख़ान यूनिस में छुपे हुए हैं।

इसराइल का कहना है कि हमास का नेतृत्व ख़ान यूनिस की सुरंगों में छुपा हो सकता है।

ख़ान यूनिस में लड़ाई गलियों में और घरों के भीतर चल रही है। कई जगहों पर इसराइली सेना के जवान और हमास के लड़ाके आमने सामने हैं।

ब्रिगेडियर जनरल डेन गोल्डफस ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा है कि ख़ान यूनिस में लड़ाई 'घरों और शाप्टों के बीच में चल रही है'। शाफ़्ट से उनका मतलब सुरंगों से था।

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023 की रात हमास ने एक वीडियो जारी किया जिसमें इसराइली सेना के एक बंधक को छुड़ाने के बाद का माहौल दिखाया गया है।

वीडियो के अंत में एक खून से लथपथ शव दिखाई देता है जो बंधक का माना जा रहा है। हालांकि इस वीडियो की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है।

इसराइली सेना ने कहा है कि बंधक के परिवार को सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमास 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' लड़ रहा है।

वहीं बीबीसी के अंतर्राष्ट्रीय संपादक जेरेमी बोवेन के मुताबिक़, हमास की तरफ़ से जारी संगठित लड़ाई इसराइल को निराश कर सकती है।

संयुक्त राष्ट्र परिषद में संघर्षविराम के ख़िलाफ़ अमेरिका के वीटो के बाद अब इसराइल के पास लड़ाई के लिए अधिक वक़्त होगा।

जेरेमी बोवेन का मानना है कि जिस गति से लड़ाई चल रही है, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि इसराइल को अपने सैन्य लक्ष्य हासिल करने में संघर्ष करना पड़ सकता है।

टाइम्स ऑफ़ इसराइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, इसराइली सेना ने एक रिपोर्ट में कहा है कि उसे युद्ध के पहले चरण को पूरा करने में दो और महीनों का वक़्त लग सकता है।

जो भी हो, इसराइल के लिए युद्ध का अंत आसान नहीं होगा। जेरेमी बोवेन मानते हैं कि ऐसा पल नहीं आएगा जब इसराइल ये कह पाए कि लड़ाई पूरी हुई और घर लौटने और पुनर्निर्माण करने का वक़्त आ गया है। इसराइल और हमास के बीच संघर्षों में पहले ऐसा ही होता रहा है।

इस बार युद्ध पिछले सभी युद्धों से भीषण है और कई मामलों में अलग है। इसी वजह से इसमें शामिल कोई भी पक्ष ये नहीं कह सकता कि भविष्य में क्या होगा।

हमास ना सिर्फ़ इसराइली इलाक़ों पर रॉकेट दाग रहा है बल्कि ग़ज़ा की गलियों में इसराइल के सामने लड़ रहा है और इसराइली सैनिकों को नुक़सान पहुंचा रहा है।

इसराइल के पास अपार सैन्य क्षमता है। इसराइल का दावा है कि उसने चौबीस घंटों के अंतराल में ग़ज़ा में 450 ठिकानों पर ज़मीन, हवा और समंदर से निशाने साधे हैं।

ग़ज़ा में भारी तबाही हुई है, लेकिन इसराइल अभी तक ये नहीं दिखा पाया है कि वो हमास को एक सैन्य संगठन के रूप में तोड़ सकता है।

इसराइल जीत के दावे कर सकता है लेकिन अभी भी हमास एक सैन्य संगठन की तरह लड़ रहा है। इससे उन इसराइली लोगों को निराशा हो सकती है जो चाहते हैं कि ये युद्ध जल्द समाप्त हो।

इसराइल ने इस युद्ध में विजय का पैमाना बहुत ऊंचा घोषित कर रखा है। इसराइल के प्रधानमंत्री और अन्य कमांडर ये कह चुके हैं कि इसराइल हमास को ख़त्म करके ही दम लेगा।

इसराइल हमास को सिर्फ़ एक सैन्य शक्ति के रूप में ही नहीं बल्कि राजनीतिक शक्ति के रूप में भी ख़त्म करना चाहता है। लेकिन हमास की विचारधारा अब कुछ फ़लस्तीनी लोगों का हिस्सा भी है, ऐसे में ये उद्देश्य कुछ हद तक असंभव नज़र आता है।

ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम के प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने वीटो किया

ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम के प्रस्ताव पर सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने वीटो किया

शनिवार, 9 दिसंबर 2023

अमेरिका ने ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम के प्रस्ताव पर वीटो कर दिया है।

अमेरिका इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ मतदान करने वाला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एकमात्र स्थायी सदस्य है। हालांकि ब्रिटेन मतदान के दौरान अनुपस्थित रहा। वहीं फ्रांस ने इस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

अमेरिका के वीटो लगाने के साथ ही यह प्रस्ताव विफल हो गया है।

अमेरिका ने इस प्रस्ताव के पीछे की प्रक्रिया को 'जल्दबाज़ी' बताते हुए कहा है कि इसके लिए 'उचित सलाह' नहीं ली गई।

अमेरिका के अनुसार, इसमें इसराइल पर हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले की निंदा नहीं की गई।

अमेरिका के प्रतिनिधि ने सुरक्षा परिषद से कहा, "7 अक्टूबर 2023 को हमास ने जो किया, उसे कोई भी देश बर्दाश्त नहीं कर सकता या बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।''

अमेरिका ने यह भी कहा है कि प्रस्ताव का सबसे अवास्तविक हिस्सा 'बिना शर्त युद्धविराम' करने की अपील है।

अमेरिका के अनुसार, "ऐसा करने से 'हमास फिर से अपनी जगह खड़ा हो जाएगा और फिर से वही दोहराने में सक्षम हो जाएगा जो उसने 7 अक्टूबर 2023 को किया था।''

अमेरिका के प्रतिनिधि ने कहा, "दुर्भाग्य से, हमारी लगभग सभी सिफ़ारिशें नजरअंदाज कर दी गई। इस जल्दबाज़ी का परिणाम एक असंतुलित समाधान रहा, जो वास्तविकता से अलग है।''

ग़ज़ा संघर्ष विराम पर सुरक्षा परिषद में वोटिंग, यूएन प्रमुख ने कहा- ग़ज़ा तबाही के कगार पर पहुंचा

ग़ज़ा संघर्ष विराम पर सुरक्षा परिषद में वोटिंग, यूएन प्रमुख ने कहा- ग़ज़ा तबाही के कगार पर पहुंचा

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

ग़ज़ा में तत्काल संघर्ष विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि ग़ज़ा में 'हम ब्रेकिंग पॉइंट' (तबाही के कगार) पर पहुंच गए हैं।

उन्होंने कहा कि मानवीय त्रासदी ने ग़ज़ा की समूची आबादी को अपने जद में ले लिया है।

उन्होंने कहा कि ग़ज़ा में सार्वजनिक व्यवस्था के पूरी तरह तहस नहस होने और मानवीय सहायता पूरी तरह ठप होने का ख़तरा पैदा हो गया है और इसीलिए उन्होंने यूएन के आर्टिकल 99 का इस्तेमाल किया।

उन्होंने मिस्र में सामूहिक पलायन के ख़तरे के प्रति अगाह किया और कहा कि ग़ज़ा युद्ध अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के लिए भी ख़तरा बन गया है।

गुटेरेस ने कहा, ''ग़ज़ा में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की सुरक्षा को अभूतपूर्व ख़तरा है। हमारे 130 कर्मचारी पहले ही मारे जा चुके हैं, जिनमें कई तो अपने पूरे परिवार के साथ मारे गए।''

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में किसी एक संघर्ष के दौरान कभी इतने कर्मचारी नहीं मारे गए।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि हमास के हमले के लिए फ़लस्तीनी लोगों के ऊपर सामूहिक सज़ा थोपने को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता।

उन्होंने कहा कि बिना सुरक्षा के लोगों को यहां से वहां जाने को कहा जा रहा है जबकि ग़ज़ा में कोई ऐसी जगह नहीं है जो सुरक्षित हो।

यूएन आर्टिकिल 99 लागू किए जाने को अभूतपूर्व माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ दशकों में किसी भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया था।

अमेरिका ने इसराइल की आलोचना की, कहा- ग़ज़ा में वादाख़िलाफ़ी हुई है

अमेरिका ने इसराइल की आलोचना की, कहा- ग़ज़ा में वादाख़िलाफ़ी हुई है

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

अमेरिका ने ग़ज़ा युद्ध में इसराइल के तौर तरीकों की आलोचना की है।  अमेरिका ने इस बात की भी शिकायत की है कि आम लोगों की सुरक्षा के लिए इसराइल ने जो वादे किए थे और ग़ज़ा में ज़मीन पर जो कुछ हो रहा है, उसमें काफी अंतर है।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने वाशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सुरक्षित इलाकों के बारे में आम लोगों को स्पष्ट रूप से सूचित किया जाना चाहिए।

एंटनी ब्लिंकन ने ये भी कहा कि इन लोगों को खाने-पीने और दवाओं जैसी ज़रूरत की बुनियादी चीज़ों की सप्लाई करनी चाहिए। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन ने इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर हुई बातचीत में आम लोगों की जान बचाए जाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है।

इसराइल का अभी तक ये कहना रहा है कि वो आम लोगों के जानोमाल को हो रहे नुक़सान को कम करने के लिए हर ज़रूरी कदम उठा रहा है।

उधर, हमास का ये कहना है कि पिछले दो महीने में ग़ज़ा में इसराइल की सैन्य कार्रवाई के कारण 17 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हुई है जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं।

मशहूर फ़लस्तीनी लेखक और साहित्यकार रेफ़ात अलारीर की इसराइली बमबारी में मौत

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

ग़ज़ा में रहने वाले फ़लस्तीनी लेखक और साहित्यकार रेफ़ात अलारीर की इसराइली हवाई हमले में मौत हो गयी है।

उनकी मौत के बाद फ़लस्तीनियों और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के बीच शोक फैल गया है।

रेफ़ात अलारीर के पिता ने बताया है कि उनके साथ-साथ उनके भाई, एक बहन और बहन के चार बच्चों की भी मौत हो गयी है।

रेफ़ात अलारीर ग़ज़ा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में साहित्य पढ़ाया करते थे, ये विश्वविद्यालय 11 अक्टूबर 2023 को एक इसराइली हवाई हमले में नष्ट हो गया था।

इसराइल का दावा था कि ये "विश्वविद्यालय हमास के सैन्य और राजनीतिक संचालन का अड्डा था।''

इसराइल पर हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद बीबीसी के साथ एक इंटरव्यू में रेफ़ात अलारीर ने हमले को "वैध और नैतिक" ठहराया था और कहा था कि ये "बिल्कुल वारसॉ घेटो अपराइज़" की तरह है।

वारसॉ घेटो अपराइज़ यानी 'वारसॉ यहूदी बस्ती विद्रोह' दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुआ था।

जहां यहूदियों ने नाजियों के खिलाफ़ बस्ती में बंकर बनाने शुरू कर दिए थे और अपनी सुरक्षा के लिए विस्फोटक रखते थे। दरअसल इस बस्ती से ही बड़ी संख्या में यहूदियों को नाज़ी गैस चैंबर ले गए थे और उनकी हत्या कर दी गयी थी। इसके बाद बस्ती में जो यहूदी बचे रह गए उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए बंकर बनाए और विद्रोह किया।

हमास पर प्रतिबंध के सवाल पर भारत की मोदी सरकार ने लोकसभा में क्या कहा?

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

फ़लस्तीन की ग़ज़ा पट्टी में सक्रिय संगठन हमास को भारत में प्रतिबंधित किए जाने को लेकर भारतीय संसद के निम्न सदन लोकसभा में मोदी सरकार से सवाल पूछा गया।

लोकसभा में कांग्रेस सांसद कुंबाकुडी सुधाकरन ने विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा कि क्या हमास को भारत में एक आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव आया है?

कांग्रेस सांसद कुंबाकुडी सुधाकरन ने ये भी पूछा कि क्या इसराइल ने भारत सरकार से हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की है?

इसका जवाब लोकसभा में भारत की विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने दिया।

मीनाक्षी लेखी की ओर से जवाब में कहा गया कि किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना ग़ैरकानूनी गतिविधि निरोधक क़ानून (यूएपीए) के तहत आता है और संबंधित सरकारी विभागों द्वारा इस क़ानून के प्रावधानों के अनुरूप किसी संगठन को आतंकी घोषित किया जाता है।

ग़ज़ा संघर्ष विराम पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोट, अमेरिका के रुख़ पर सबकी निगाह

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

इसराइल-ग़ज़ा युद्ध में तत्काल संघर्ष विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023 को वोटिंग होने वाली है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा संयुक्त राष्ट्र चार्टर की धारा 99 लागू किए जाने के दो दिन बाद ये वोटिंग होगी।

इसे अभूतपूर्व माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ दशकों में किसी भी संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया था।

यह कदम महासचिव को ये अधिकार देता है कि वो परिषद के संज्ञान में ऐसा कोई मुद्दा उठाएं, जिसे वो समझते हैं कि वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए ख़तरा है।

संयुक्त अरब अमीरात ने एक ड्राफ़्ट प्रस्ताव तैयार किया है जिसे वोट के लिए सदन के सामने रखा जाएगा। इस पर कम से कम 9 वोट पक्ष में चाहिए और अमेरिका, रूस, चीन, फ़्रांस या ब्रिटेन की ओर से कोई वीटो नहीं होना चाहिए।

न्यूयॉर्क में बीबीसी संवाददाता नाडा तौफ़ीक का कहना है कि सुरक्षा परिषद के इतिहास में यह बहुत अहम पल है।

महसचिव एंटोनियो गुटेरेस शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023 को परिषद में राजनयिकों को संबोधित करेंगे। सुरक्षा परिषद में अधिकांश सदस्यों ने तत्काल संघर्ष विराम का पहले भी समर्थन किया है।

इसलिए सबकी नज़र इसराइल के सहयोगी अमेरिका पर होगी। हालांकि अमेरिका ने अभी स्पष्ट नहीं किया है कि वो वीटो करेगा या नहीं। अमेरिका का मानना है कि इस वक़्त यह प्रस्ताव उपयोगी नहीं है।

इसराइल-ग़ज़ा युद्धः हिरासत में फ़लस्तीनी पुरुषों को निर्वस्त्र किए जाने के वीडियो पर इसराइल ने क्या कहा?

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

ख़ान यूनिस और उत्तरी ग़ज़ा में ज़बरदस्त लड़ाई के बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें इसराइल द्वारा हिरासत में लिए गए दर्जनों फ़लस्तीनी पुरुष दिख रहे हैं।

बीबीसी ने इस वीडियो फ़ुटेज को सत्यापित किया है, इसमें हिरासत में लिए गए फ़लस्तीनी निर्वस्त्र और कई सिर्फ अंडरवियर में दिख रहे हैं।

उन्हें ज़मीन पर बैठाया गया है और इसराइली सैनिक उनको घेरे हुए हैं।

माना जा रहा है कि इन लोगों को उत्तरी ग़ज़ा के बेत लाहिया से हिरासत में लिया गया है।

हिरासत में लिए गए लोगों में एक जाने माने पत्रकार भी शामिल हैं।

उनके मीडिया संगठन ने इसराइल पर आक्रामक सर्च ऑपरेशन और नागरिकों के साथ अपमानजनक व्यवहार करने के आरोप लगाए हैं।

इसराइल की सेना ने क्या कहा?

इसराइली सेना के प्रवक्ता एइलोन लेवी ने कहा कि इन लोगों को जबालिया और शेजैया से हिरासत में लिया गया और उनका दावा है कि ये हमास का गढ़ है।

इसराइली सेना के प्रवक्ता ने कहा कि सैन्य सेवा में जाने की उम्र वाले ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया है जो उन इलाकों में पाए गए जहां से माना जाता है कि अधिकांश नागरिक जा चुके हैं।

प्रवक्ता का दावा है कि इन लोगों को उन जगहों से हिरासत में लिया गया जहां हमास के साथ भीषण लड़ाई हो रही है।

बीबीसी को बताया गया है कि इनमें से कुछ लोगों को रिहा कर दिया गया है।

इसराइली कैबिनेट मंत्री के बेटे की उत्तरी ग़ज़ा की लड़ाई में मौत

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

इसराइल के पूर्व सैन्य प्रमुख गाडी आइसेनकोट के बेटे की ग़ज़ा में ज़मीनी अभियान के दौरान मौत हो गई।

गाडी आइसेनकोट इस समय इसराइल की वॉर कैबिनेट में मंत्री हैं।

इसराइली सेना ने कहा कि 25 साल के मेजर गाल आइसेनकोट की गुरुवार, 7 दिसंबर 2023 को उत्तरी ग़ज़ा में मौत हो गई।

एक सुरंग में हुए विस्फ़ोट के कारण वो बुरी तरह घायल हो गए थे और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई।

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023 को इसराइली शहर हेर्जलिया में मेजर गाल आइसेनकोट के अंतिम संस्कार में इसराइली पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू और नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता बेन्नी गैंट्ज़ के अलावा अन्य कई लोग शामिल हुए।