विदेश

यूक्रेनी हमलों के बीच रूस के एक और इलाके में इमरजेंसी घोषित

यूक्रेनी हमलों के बीच रूस के एक और इलाके में इमरजेंसी घोषित

बुधवार, 14 अगस्त 2024

रूस के बेलोगोरोद के गवर्नर ने इस इलाक़े में आपातकाल लगाने की घोषणा की है। बीते 10 दिनों के अंदर बेलगोरोद इमरजेंसी लगाने वाला रूस का दूसरा क्षेत्र है।

छह अगस्त 2024 को यूक्रेन ने रूस के इलाक़ों पर अचानक हमले तेज़ कर दिए थे और उसने दावा किया है कि वह रूस की सीमा में कुर्स्क इलाक़े के 1000 वर्ग किलोमीटर अंदर घुस चुका है।

यूक्रेन की कार्रवाई जारी रहने के मद्देनज़र बेलगोरोद के गवर्नर ने इमरजेंसी का ऐलान किया है।

इस बीच यूक्रेन की वायुसेना ने कहा है कि उसने रात भर में रूस की ओर से दागे गए 23 में से 17 ड्रोन मार गिराए हैं। यूक्रेन ने कहा है कि रूसी सेना ने दो गाइडेड मिसाइलें भी छोड़ी थीं।

यूक्रेन की वायुसेना के अनुसार, ये ड्रोन कीएव, ख़ारकिएव, चरकैसी, म्योक्लेव, सुमी, ज़पॉरज़िया, ज़ाइतोमिर इलाके में गिराए गए हैं।

इन ड्रोन्स से कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं लेकिन इससे अधिक नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।

बेलगोरोद के गवर्नर ने कहा है कि यूक्रेन की ओर से रोज़ाना हो रही बमबारी के कारण घर बर्बाद हो रहे हैं और आम लोगों की जान जा रही है।

यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के 74 कस्बों और गांवों पर कब्ज़ा कर लिया है।

ज़ेलेंस्की का दावा- रूस के कुर्स्क में यूक्रेनी सेना कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है

बुधवार, 14 अगस्त 2024

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उनके देश की सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है।

ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में लिखा है, ''कुर्स्क में हमारी सेना कई दिशाओं से एक से दो किलोमीटर तक आगे घुस गई है।''

हालांकि बीबीसी स्वतंत्र तौर पर इसकी पुष्टि नहीं कर पाया है। अभी ये पता नहीं चल पाया है कि यूक्रेनी सेना ने रूसी क्षेत्र की कितनी ज़मीन पर क़ब्ज़ा किया है।

एक्स पर जे़लेंस्की की ओर से शेयर की गई तस्वीर में वो यूक्रेन के शीर्ष कमांडर अलेक्जेंडर सिरस्की से बात करते हुए दिख रहे हैं।

इस वीडियो में अलेक्जेंडर सिरस्की बता रहे हैं कि यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क पर हमले के दौरान 100 रूसी सैनिकों को गिरफ़्तार कर लिया है। इससे हमारे लोगों की वापसी की रफ्तार तेज़ हो जाएगी।

दो दिन पहले रूस ने माना था कि यूक्रेन की सेना उसके कुर्स्क प्रांत में घुस आई है। रूस के कई रिहायशी इलाकों पर यूक्रेन की सेना का नियंत्रण हो गया है।

रूस के कुर्स्क पर यूक्रेनी हमले के बाद भारतीय दूतावास ने एडवाइज़री जारी की

बुधवार, 14 अगस्त 2024

रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी हमले के बाद रूस में भारतीय दूतावास ने ब्रेंस्क, बेलगोरोद और कुर्स्क में रहने वाले भारतीयों को सतर्कता बरतने और अस्थायी तौर पर वहां से बाहर चले जाने को कहा है।

भारतीय दूतावास ने कहा है कि किसी भी भारतीय की मदद के लिए वो पूरी तरह तैयार है। इसके लिए उसने एक ई-मेल एड्रेस - edu1.moscow@mea.gov.in जारी किया है। इसके अलावा एक हेल्पलाइन टेलीफोन नंबर +7 9652773414 भी जारी किया गया है।

दो दिन पहले रूस ने माना था कि यूक्रेन की सेना उसके कुर्स्क प्रांत में घुस आई है। रूस के कई रिहायशी इलाकों पर यूक्रेन की सेना का नियंत्रण हो गया है।

इसके बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदोमीर ज़ेलेंस्की ने दावा किया है कि उनके देश की सेना रूस के कुर्स्क क्षेत्र में कई दिशाओं से आगे बढ़ रही है।

ज़ेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में लिखा है, "कुर्स्क में हमारी सेना कई दिशाओं से एक से दो किलोमीटर तक आगे घुस गई है।''

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री थविसिन को बर्ख़ास्त किया

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री थविसिन को बर्ख़ास्त किया

बुधवार, 14 अगस्त 2024

थाईलैंड की संवैधानिक अदालत ने प्रधानमंत्री स्रेथा थविसिन को बर्ख़ास्त कर दिया है। थविसिन को जेल की सजा काट चुके एक पूर्व वकील को कैबिनेट में शामिल करने के आरोप में बर्ख़ास्त किया गया है।

संवैधानिक अदालत ने कहा कि थविसिन ने नैतिकता के नियमों के उल्लंघन के साथ ही अवज्ञापूर्ण व्यवहार किया है।

67 साल के स्रेथा थविसिन एक साल से भी कम समय तक प्रधानमंत्री रहे।  थविसिन पिछले 16 साल में देश की संवैधानिक अदालत की ओर से हटाए गए तीसरे प्रधानमंत्री हैं।

थविसिन की जगह किसी अंतरिम प्रधानमंत्री को नियुक्त किया जाएगा।  इसके बाद नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए संसद की बैठक आयोजित की जाएगी।

संवैधानिक अदालत के फ़ैसले के बाद थविसिन ने कहा, ''मुझे अपनी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है. मुझे खेद है, लेकिन मैं ये नहीं कह रहा हूं कि मैं अदालत के फ़ैसले से असहमत हूं।''

संवैधानिक अदालत के इस फ़ैसले से थाईलैंड में राजनीतिक अनिश्चितता की आशंका और बढ़ गई है। देश में कई तख्तापलट हो चुके हैं। 2014 में यहां सैनिक शासन कायम हो गया था। 

इसराइल पर ईरान के हमले के ख़तरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने क्या कहा?

इसराइल पर ईरान के हमले के ख़तरे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने क्या कहा?

बुधवार, 14 अगस्त 2024

संयुक्त राष्ट्र संघ में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा है कि अमेरिका मध्य-पूर्व में तनाव को कम करने की योजना पर काम कर रहा है।

दरअसल, ऐसी आशंकाएं हैं कि ईरान इसराइल पर हमले की योजना बना रहा है। इस वजह से मध्य-पूर्व में तनाव भरे हालात बने हुए हैं।

लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मंगलवार, 13 अगस्त 2024 को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि अमेरिका भविष्य में किसी भी हमले को रोकना और उससे बचाव करना चाहता है और किसी भी क्षेत्रीय संघर्ष को टालना चाहता है।

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की ये प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने मध्य-पूर्व का अपना दौरा फिलहाल टाल दिया है।

जुलाई 2024 को ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के शीर्ष राजनीतिक नेता इस्माइल हनिया की एक हमले में मौत हो गई थी।

ईरान ऐसा मानता है कि इस हमले के पीछे इसराइल का हाथ है। हालांकि औपचारिक रूप से इसराइल ने इस पूरे मामले पर अभी तक कुछ भी नहीं कहा है।

लेकिन ईरान ने ये कहा है कि इसराइल को इस हमले के लिए गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसी वजह से ऐसी आशंकाएं पैदा हुई हैं कि ईरान इसराइल पर हमला कर सकता है।

ईरान की ओर से हमले के ख़तरे के बीच इसराइली रक्षा मंत्री ने क्या कहा?

बुधवार, 14 अगस्त 2024

इसराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बताया है कि इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्स और ख़ुफ़िया एजेंसियां लेबनान और ईरान में हो रही घटनाओं पर बारीक़ी से नज़र रख रही हैं।

इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के मुताबिक़, ''इसराइली डिफ़ेस फ़ोर्स और ख़ुफ़िया एजेंसियां किसी भी ख़तरे को दूर रखने के लिए दिन-रात चौबीसों घंटे काम कर रही हैं। साथ ही हमारी सेना हमले के अलग-अलग विकल्पों को तैयार रखे है। ताकि हम जब जहां चाहें हमला कर सकें।''

योआव गैलेंट ने कहा कि हमारी सेनाओं का शुक्रिया क्योंकि वे हमारे नागरिकों के लिए रातों को सुरक्षित बना रहे हैं। इस वजह से इसराइल के नागरिक सामान्य जीवन जी पा रहे हैं। तैयार रहें और अपने कमांडर के निर्देशों का पालन करें।

जुलाई 2024 में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हुए एक हमले में मौत हो गई थी।

ईरान का कहना था कि इस हमले में इसराइल का हाथ है। हालांकि इसराइल ने इस पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की। लेकिन ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली ख़ामेनेई ने कहा था कि हनिया की मौत का बदला लेना ईरान का सर्वोच्च कर्तव्य है।

इसके बाद से ही ऐसी आशंकाएं हैं कि ईरान इसराइल पर हमला कर सकता है। 

आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हुई मौतों के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ बांग्लादेश इंटरनेशनल कोर्ट जाएगा

आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हुई मौतों के ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ बांग्लादेश इंटरनेशनल कोर्ट जाएगा

बुधवार, 14 अगस्त 2024

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार जुलाई 2024 में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान हुई मौतों के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में मुक़दमा चलाएगी।

अंतरिम सरकार के क़ानून, न्याय और संसदीय मामलों के सलाहकार आसिफ़ नज़रुल ने बुधवार, 14 अगस्त 2024 को कहा, ''आरक्षण सुधार आंदोलन के दौरान हुए ‘नरसंहार’ और गोलीबारी की सुनवाई के लिए पहले ही कुछ मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। लेकिन छात्रों, मानवाधिकार संगठन और कई अन्य लोगों का कहना है कि इसकी जांच मानवता के ख़िलाफ़ अपराध के रूप में की जानी चाहिए।''

"हमने पाया कि जुलाई 2024 में हुए 'नरसंहार' के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्रिब्यूनल में मुकदमा चलाया जा सकता है।''

आसिफ नज़रुल ने कहा, ''जांच टीम संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करेगी।  हत्याओं में शामिल पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना समेत किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा।''

बांग्लादेश में जुलाई 2024 में शेख़ हसीना सरकार के ख़िलाफ़ आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी।

इसराइली मंत्री के अल अक़्सा मस्जिद में प्रवेश करने और प्रार्थना के बाद विवाद

इसराइली मंत्री के अल अक़्सा मस्जिद में प्रवेश करने और प्रार्थना के बाद विवाद

बुधवार, 14 अगस्त 2024

इसराइल के धुर-दक्षिणपंथी और नेशनल सिक्योरिटी मामलों के मंत्री इत्तेमार बेन गिविर ने सैकड़ों यहूदियों के साथ यरूशलम के सबसे पवित्र स्थलों में से एक अल-अक़्सा मस्जिद में प्रवेश किया और प्रार्थना की।

अल-अक़्सा मस्जिद के एक हिस्से को टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है जो कि यहूदियों का सबसे पवित्र स्थल भी है।

इसराइली मंत्री के इस क़दम को फ़लस्तीन, अमेरिका, फ़्रांस और सऊदी अरब समेत कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने भी उकसाने वाला बताया है और इसकी निंदा भी की है।

हालांकि इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू के ऑफ़िस ने कहा है कि अल अक़्सा मस्जिद में प्रार्थना की स्थिति पर कोई भी बदलाव नहीं हुआ है। वहां केवल मुस्लिमों को ही प्रार्थना करने की अनुमति है।

इसराइली सरकार ने अल-अक़्सा मस्जिद में किसी भी और धर्म के प्रार्थना करने पर रोक लगाई हुई है।

यरूशलम की अल-अक़्सा मस्जिद यरूशलम के पूर्वी भाग में स्थित है। यह जगह मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र जगह है। वहीं यह यहूदियों के लिए सबसे पवित्र जगह मानी जाती है।

यहूदियों के लिए 'टेंपल माउंट' और मुसलमानों के लिए 'अल-हराम अल शरीफ़' के नाम से मशहूर पवित्र स्थल में 'अल-अक़्सा मस्जिद' और 'डोम ऑफ़ द रॉक' शामिल है।

'डोम ऑफ़ द रॉक' को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल का दर्जा दिया गया है। पैग़ंबर मोहम्मद से जुड़े होने के कारण 'डोम ऑफ़ द रॉक' को मुसलमान भी पवित्र स्थल मानते हैं।

इस धार्मिक स्थल पर ग़ैर-मुसलमानों की प्रार्थना पर पाबंदी लगी हुई है।

शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ मर्डर केस में जांच होगी, अदालत ने दिए आदेश

शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ मर्डर केस में जांच होगी, अदालत ने दिए आदेश

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

बांग्लादेश की एक अदालत ने ढाका के एक राशन दुकानदार की हत्या में बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की कथित भूमिका की जांच के आदेश दिए हैं।

इस मामले में शिकायतकर्ता के वकील ने बताया है कि दुकानदार की हत्या पिछले महीने छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई थी।

शेख़ हसीना और छह अन्य लोगों के ख़िलाफ़ आमिर हमज़ा ने केस दर्ज कराया है, जिसे ढाका के चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने सुनवाई के लिए मंज़ूर कर लिया है।

आमिर हमज़ा के वकील अनवारुल हक़ ने ये जानकारी दी है। अनवारुल हक़ ने बताया कि मजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने शिकायत पर सुनवाई के बाद शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ जांच के आदेश दिए हैं।

बांग्लादेश में जुलाई 2024 में हुए प्रदर्शन और हिंसा के दौरान हुई मौतों के बाद पहली बार शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ कोई मामला दर्ज हुआ है।

इस मामले में शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग के जनरल सेक्रेट्री अब्दुल कादिर और पूर्व गृह मंत्री अब्दुजम्मां ख़ान और कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

आमिर हमज़ा का कहना है कि राशन दुकान के मालिक अबु सईद को 19 जुलाई 2024 को उस समय गोली लगी थी जब पुलिस छात्रों के आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चला रही थी।

मोहम्मद यूनुस ढाकेश्वरी मंदिर गए, कहा- बांग्लादेश को एक परिवार बनाएंगे

मोहम्मद यूनुस ढाकेश्वरी मंदिर गए, कहा- बांग्लादेश को एक परिवार बनाएंगे

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस मंगलवार, 13 अगस्त 2024 को देश के एक प्रमुख हिंदू मंदिर ढाकेश्वरी मंदिर गए।

इसके बाद मोहम्मद यूनुस ने कहा कि वो और उनके साथी देश को एक परिवार की तरह बनाना चाहते हैं।

मोहम्मद यूनुस ने कहा, ''हमें देश में बड़े फ़ासलों के बारे में सुन रहे हैं. लेकिन जब मैं हवाईअड्डे पर उतरा तो कहा कि हम बांग्लादेश को एक परिवार बनाना चाहते हैं। यहां परिवारों के बीच कोई अंतर नहीं होगा। हम बांग्लादेश के लोग हैं। बांग्लादेशी हैं। हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं।''

मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात का हवाला देकर लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि इस समय हर किसी की मदद की ज़रूरत है।

मोहम्मद यूनुस ने कहा, ''आप धैर्य बनाए हुए हैं। इससे हमें मदद मिल रही है। इस बात पर बाद में विचार कीजिएगा कि मैंने क्या किया और क्या नहीं। अगर नहीं किया तो बाद में दोष दीजिएगा। अभी नहीं।''

बांग्लादेश में अशांति और प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के देश छोड़ने के बाद अब हालात सुधरने का दावा किया जा रहा है। सोमवार, 12 अगस्त 2024 को सड़कों पर ट्रैफिक पुलिस दिखी थी। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों ने अपनी हड़ताल ख़त्म कर दी थी।

बांग्लादेश में शेख़ हसीना से सत्ता छिनने में भूमिका के आरोपों पर अमेरिका ने क्या कहा?

बांग्लादेश में शेख़ हसीना से सत्ता छिनने में भूमिका के आरोपों पर अमेरिका ने क्या कहा?

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

अमेरिका ने बांग्लादेश में शेख़ हसीना से सत्ता छिनने के पीछे अपनी भूमिका होने के आरोपों को सिरे से ख़ारिज किया है। अमेरिका ने इसे सिर्फ़ और सिर्फ़ अफ़वाह बताया है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे ने कहा, "हमारी इसमें बिलकुल भी संलिप्तता नहीं है। ऐसी कोई भी रिपोर्ट झूठी है, जिसमें कहा गया है कि हालिया घटनाओं में (बांग्लादेश में सत्ता बदलने) अमेरिकी सरकार का हाथ है। सब अफवाह है।''

करिन जीन-पियरे ने कहा, "ये विकल्प खुद बांग्लादेश के नागरिकों ने अपने लिए चुना है। हमारा मानना है कि बांग्लादेश के लोगों को वहां की सरकार का भविष्य निर्धारित करना चाहिए। जैसा कि मैंने कहा और कहती रहूंगी कि कोई भी आरोप सच नहीं है।''

बांग्लादेश में छात्र कई महीनों से आरक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जो इतना बढ़ा कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को इस्तीफ़ा देना पड़ा। शेख़ हसीना को देश छोड़ कर भागना  पड़ा।

इसके बाद सेना ने अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया।

अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को चुना गया है।

यूक्रेन ने रूस में एक हज़ार किलोमीटर अंदर घुसने का दावा किया, पुतिन ने क्या कहा?

यूक्रेन ने रूस में एक हज़ार किलोमीटर अंदर घुसने का दावा किया, पुतिन ने क्या कहा?

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

यूक्रेन ने दावा किया है कि उसकी सेना रूस में 1000 स्क्वॉयर किलोमीटर भीतर घुस गई है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस हमले को "उकसावे वाला बड़ा कदम" बताया। पुतिन ने रूसी सेना को आदेश दिया कि "दुश्मन को हमारे क्षेत्र से बाहर निकाला" जाए।

इस बीच यूक्रेन के सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में मौजूद हैं। यहां दोनों देशों की सेनाओं के बीच बीते करीब एक हफ्ते से संघर्ष हो रहा है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के वरिष्ठ कमांडर अलेक्ज़ेंडर सिर्स्की ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की को इसकी जानकारी दी।

अलेक्ज़ेंडर सिर्स्की ने एक वीडियो लिंक के ज़रिए ज़ेलेंस्की से कहा कि रूसी ज़मीन पर चढ़ाई अभी जारी है।

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में लोगों को पश्चिमी रूसी क्षेत्र से निकाला जा चुका है। अभी 59 हज़ार और लोगों से क्षेत्र खाली करने को कहा गया।

कुर्स्क के स्थानीय गवर्नर ने कहा कि क्षेत्र में करीब 28 गांव हैं, जहां तक यूक्रेनी सेना पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि 12 नागरिक मारे गए हैं और स्थिति अब भी मुश्किल बनी हुई है।

यूक्रेनी सैनिकों ने मंगलवार, 6 अगस्त 2024 को रूस के भीतर घुसना शुरू किया था।

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस दूसरों तक युद्ध लेकर आया था और अब वही युद्ध उसके पास वापस लौट रहा है।

इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका समेत पांच देशों ने साझा बयान जारी किया

इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका समेत पांच देशों ने साझा बयान जारी किया

मंगलवार, 13 अगस्त 2024

ईरान की धमकियों के बीच इसराइल की रक्षा के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली ने मध्य पूर्व के हालात पर संयुक्त बयान जारी किया है।

इन सभी देशों ने मध्य पूर्व में तनाव कम करने और ग़ज़ा में युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के लिए एक डील तक पहुंचने के लिए अपना पूर्ण समर्थन ज़ाहिर किया।

संयुक्त बयान में कहा गया, "जितना जल्दी संभव हो, हमने एक डील तक पहुंचने के उद्देश्य से इस हफ्ते के अंत में वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन, मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फ़तह अल सीसी और कतर के अमीर तमीम के संयुक्त आह्वान का समर्थन किया है।''

इसमें कहा गया है, "सभी पक्षों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। साथ ही ग़ज़ा तक बिना रुकावट मदद पहुंचाया जाना ज़रूरी है।''

पांचों देशों ने ईरानी आक्रामकता और उसके समर्थन वाले चरमपंथी संगठनों के खिलाफ इसराइल की रक्षा के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

इन्होंने ईरान की तरफ से इसराइल के खिलाफ सैन्य हमलों की लगातार मिल रही धमकियों को रोकने का आह्वान किया गया है।

इसके साथ ही इस तरह के हमले होने पर क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर परिणामों को लेकर भी चर्चा की गई।