'चंद्रशेखर के मृत्यु से एक राजनीतिक युग का अंत हुआ'

'चंद्रशेखर के मृत्यु से एक राजनीतिक युग का अंत हुआ'

सोमवार, 8 जुलाई 2024

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के 17 वें पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवहर की जनता दल यूनाइटेड की सांसद लवली आनंद ने किया।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए लवली आनंद ने चंद्रशेखर को याद करते हुए कहा कि चंद्रशेखर के न रहने से समाजवाद का पौधा सूखता जा रहा है। हमें चंद्रशेखर के वास्तविक उद्देश्यों और उनके समाजवाद को आज की युवा पीढ़ी में एक विचार के रूप में प्रसारित करना चाहिए जिससे चंद्रशेखर के विचार को अमर रखा जा सके।

भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के बस्ती के पूर्व सांसद और बहुजन समाज पार्टी के नेता लालमणि प्रसाद ने चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा स्वच्छ और निःस्वार्थ राजनीति पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, जनता दल यूनाइटेड के नेता और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने श्रद्धांजलि देते हुए चंद्रशेखर के साथ अपने बिताए हुए दिन को याद किया। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर की स्वच्छ राजनीति की परिकल्पना आज के समय में हास्यापद होगा। चंद्रशेखर भारतीय राजनीति के वो पहलू हैं जिन्होंने कभी कोई दल नहीं छोड़ा बल्कि दलों ने उन्हें  छोड़ा है। अपने कार्यकाल में उन्होंने देश को अग्रणी बनाने लिए अहम फैसले लिये।

हरिवंश ने चंद्रशेखर के साथ राजनीति के अनेकों पहलू सीखने का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रशेखर साहस के जीवंत उदाहरण थे। उन्होंने अपने मान्यताओं और उसूलों के साथ कोई समझौता नहीं किया।

बिहार के पूर्व मंत्री अखलाक अहमद ने चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश को आजादी गांधी ने दिलाई मगर समाजवाद को धरातल पर जीवंत चंद्रशेखर ने रखा। अखलाक अहमद ने चंद्रशेखर के द्वारा लिखी गई जेल डायरी के कुछ हिस्से का जिक्र करते हुए कहा कि चंद्रशेखर ने इंदिरा सरकार के सामने झुकने से नकार दिया और कहा कि सत्य के लिए लड़ते रहो, मगर सत्ता के आगे मत झुको।

राजस्थान के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने चंद्रशेखर की तस्वीर को फूल माला से श्रद्धांजलि अर्पित किया। चंद्रशेखर को याद करते हुए राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अपनी उसूलों के प्रति अडिग रहे। उनका स्वभाव युवाओं में समाजवाद की विचारधारा को गढ़ने का था। उन्होंने अपनी मित्रता में सच्चे साथी के तौर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता भैरव सिंह शेखावत की गिरती हुई सरकार को गिरने से बचाया।

नारद राय ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चंद्रशेखर के बारे में बताया कि चंद्रशेखर ने अपनी उसूलों से कभी समझौता नहीं किया। क्या खोया? क्या पाया? इससे उनका कोई लेना-देना नहीं था।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राम बहादुर राय ने चंद्रशेखर की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि चंद्रशेखर अमर है। वह अमर इसलिए है कि उन्होंने देश को ऐसी विचारधारा दी है जो कि उनको हमेशा अमर रखेगा।

राम बहादुर राय ने चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री बनने की घटना को एक दुर्घटना बताते हुए कहा कि चंद्रशेखर कभी भी प्रधानमंत्री बनने के लिए राजनीति नहीं करते थे। चंद्रशेखर को हम इसलिए याद करते हैं क्योंकि उन्होंने अपने उसूलों के साथ कोई भी समझौता नहीं किया।

आनंद मोहन ने चंद्रशेखर को श्रद्धांजलि पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि चंद्रशेखर के मृत्यु से एक राजनीतिक युग का अंत हुआ। चंद्रशेखर समाजवाद के सबसे बड़े पुरोधा थे।