अखिलेश के समर्थन में करीब 220 विधायकों का दस्तखत
समाजवादी पार्टी के कुनबे में जारी कलह और सुलह की कोशिशों के बीच सिंबल की लड़ाई चुनाव आयोग के सामने हैं। चुनाव आयोग ने सपा के दोनों गुटों को नोटिस भेजकर समर्थन पर हलफनामा दायर करने को कहा है।
इस बीच सीएम अखिलेश यादव ने समर्थक विधायकों और मंत्रियों के साथ बैठक की। अखिलेश ने समर्थकों से चुनाव में उतरने को कहा और बताया कि पार्टी सिंबल का मामला वे देख लेंगे। अखिलेश के समर्थन में 220 विधायकों के समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कराया गया।
समाजवादी पार्टी में जारी सियासी संकट के बीच अखिलेश यादव की पार्टी विधायकों के साथ बैठक आज सुबह 10 बजे से लखनऊ में उनके आवास पर हो रही है। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। इस बैठक में आजम खान भी पहुंच गए हैं।
बैठक में 90 फीसदी से अधिक विधायक पहुंचे हैं। उनसे हलफनामे पर हस्ताक्षर कराया गया है।
सूत्रों के अनुसार, चुनाव चिह्न पर दावा पेश करने के बाद अखिलेश खेमा आज ही चुनाव आयोग को समर्थक विधायकों की सूची सौंप सकता है।
सुलह न हो पाने पर एमएलसी सुनील यादव साजन ने कहा कि अखिलेश यादव राजधर्म का पालन करने का फैसला कर रहे हैं।
इस बैठक में चुनावी रणनीति पर भी चर्चा होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक सात चरणों में होगा। नतीजे 11 मार्च को आएंगे।
अखिलेश यादव ने अपने लोगों से कह दिया है कि अब वह पूरी तरह चुनाव प्रचार में लग जाएं और किसी तरह के भ्रम में न रहें। सीएम ने अपने विधायकों व बड़े नेताओं की गुरुवार को बैठक बुलाई है। बैठक 10 बजे मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इसमें अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधायकों को चुनावी तैयारियों के संबंध में निर्देश देंगे।
सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश गुट प्रत्याशियों की नई सूची भी जारी कर सकती है। प्रचार अभियान, रथयात्रा कार्यक्रम, रैलियों पर भी चर्चा होगी। साफ है कि अखिलेश खेमा किसी समझौते का इंतजार किए बिना अब अपनी ताकत के बूते चुनाव में उतरना चाहता है। रामगोपाल यादव पहले ही कह चुके हैं कि अब सुलह समझौते का कोई मतलब नहीं है।
समाजवादी पार्टी (अखिलेश गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़ एवं मिर्जापुर जिलों के सभी पूर्व नामित अध्यक्षों क्रमश: राम इकबाल यादव, राम अवध यादव, हवलदार यादव तथा आशीष यादव को बहाल कर दिया है और जिला कमेटियां फिर से काम करती रहेंगी।
नरेश उत्तम ने उक्त सभी अध्यक्षों से तत्काल कार्यभार ग्रहण कर चुनाव तैयारियों में जुट जाने का आग्रह किया है। तीन रोज पहले जब मुख्यमंत्री ने जनेश्वर मिश्र पार्क में राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया था उसी दिन शिवपाल सिंह यादव ने इन चारों जिलाध्यक्षों को हटाकर अपने लोगों को नामित किया था। इस फैसले के बाद इन जिलों में सरगर्मी बढ़ गई है।