बीजेपी समर्थित एमएलसी ने कहा- सैनिक साल भर घर नहीं आते, बच्चा पैदा होने पर मिठाइयां बांटते हैं
महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित विधानपरिषद सदस्य प्रशांत परिचारक ने सैनिकों की पत्नियों को लेकर विवादित बयान दिया है। विभिन्न नगर निकायों और जिला परिषद चुनावों से पहने सोलापुर एमएलसी ने सैनिकों की पत्नियों की वफादारी और चरित्र पर सवाल खड़े किए हैं।
अपने जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए परिचारक ने शनिवार को कहा था, ''सैनिक बच्चा होने के बाद पंजाब बॉर्डर पर मिठाइयां बांटते हैं, जबकि वे पूरे एक साल से घर नहीं आए थे।'' परिचारक के इस बयान की समाज के विभिन्न हिस्सों ने निंदा की जिसके बाद उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उनका इरादा सैनिकों का अपमान करने का नहीं था।
उन्होंने कहा, ''मैं व्यक्तिगत तौर पर सैनिकों और उनके परिवारों का सम्मान करता हूं। अगर उनकी भावनाएं आहत हुईं हों तो मैं क्षमा मांगता हूं। इस तरह की बात करना मेरी गलती थी।''
हालांकि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस बयान को 'पूरी तरह निंदनीय और अपमानजनक'' बताया है। उन्होंने कहा, ''भाजपा को परिचारक के बयान पर अपनी स्थिति साफ करनी चाहिए और यह बताए कि वह ऐसे बयानों का समर्थन करती है या नहीं। सैनिकों का अपमान करना राष्ट्रद्रोह है और बीजेपी को इसपर सफाई देनी ही चाहिए।''
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ ने डेक्क्न क्रॉनिकल से बातचीत में इस बयान को 'भद्दा' बताया है। उन्होंने कहा, ''नेता (परिचारक) ने सेना की बेइज्जती की है। बीजेपी का पर्दाफाश हो गया, उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।''
महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता, माधव भंडारी ने इस मुद्दे पर यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि परिचारक सीधे तौर पर पार्टी से नहीं जुड़े हैं।
हालांकि परिचारक के बयान का बीएमसी चुनावों में भाजपा को नुकसान हो सकता है। यहां 21 फरवरी को मतदान होना है। भाजपा पिछले साल अक्टूबर में सेना द्वारा की गई 'सर्जिकल स्ट्राइक्स' को भुनाने की कोशिश कर रही है क्योंकि सतारा, कोल्हापुर और सांगली जैसे जिलों से बड़ी संख्या में सैनिक आते हैं, जहां मंगलवार को वोटिंग होनी है।
गौरतलब है कि इन बीएमसी चुनावों में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग लड़ रही हैं। शिवसेना अध्यक्ष ने कहा था कि राजग में बने रहने का फैसला चुनाव बाद लिया जाएगा।