भारत के आर्थिक सर्वेक्षण में इंडस्ट्री ग्रोथ रेट घटने का अनुमान
भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट संसद में पेश की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जारी वैश्विक मंदी के बावजूद यह मजबूती बनी रही है।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में इंडस्ट्री सेक्टर में ग्रोथ रेट घटकर 5.2 प्रतिशत पर आने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष में यह 7.4 प्रतिशत थी।
आर्थिक सर्वेक्षण में इंडस्ट्री सेक्टर के नेगेटिव एक्सपोर्ट ग्रोथ रेट का रुझान 2016-17 (अप्रैल-दिसम्बर) के दौरान कुछ हद तक बदली है और निर्यात 0.7 प्रतिशत बढ़कर 198.8 बिलियन तक पहुंच गया। निर्यात में दर्ज की जा रही नेगेटिव ग्रोथ का रुख कुछ हद तक वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) में सुधार के लक्षण दर्शाने लगा क्योंकि निर्यात 0.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 198.8 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। वहीं वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान आयात 7.4 प्रतिशत घटकर 275.4 अरब अमेरिकी डॉलर के स्तर पर आ गया।
वर्ष 2016-17 (अप्रैल-दिसंबर) के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 76.5 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान यह 100.1 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया था। बहरहाल, व्यापार घाटा में कमी तो आई है, लेकिन व्यापार घाटा अभी भी हो रहा है।
साल 2016-17 की प्रथम छमाही में चालू खाता घाटा (सीएडी) कम होकर जीडीपी के 0.3 प्रतिशत पर आ गया, जबकि वित्त वर्ष 2015-16 की प्रथम छमाही में यह 1.5 प्रतिशत और 2015-16 के पूरे वित्त वर्ष में यह 1.1 प्रतिशत रहा था।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की तेज आवक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की शुद्ध आवक सीएडी के वित्त पोषण के लिहाज से पर्याप्त रहीं जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि का रुख रहा।
वित्त वर्ष 2016-17 की प्रथम छमाही में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बीओपी के आधार पर 15.5 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई।
वर्ष 2016-17 के दौरान रुपये का प्रदर्शन अन्य उभरती बाजार की अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले बेहतर रहा है।