ईरान की मुद्रा में गिरावट: एक डॉलर की क़ीमत 2,15,000 रियाल पहुंची
ईरान की मुद्रा रियाल में भारी गिरावट का सिलसिला जारी है। Bonbast.com के अनुसार सोमवार को एक डॉलर की क़ीमत 2,15,000 रियाल थी। ये रियाल की आधिकारिक दर 42,000 रियाल से क़रीब पांच गुना अधिक है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पिछले कुछ हफ़्तों से जारी गिरावट के कारण सेंट्रल बैंक को क़दम उठाने पड़े। बैंक ने लाखों डॉलर बाज़ार में डाले ताकि थोड़ी स्थिरता आए। सेंट्रल बैंक के गवर्नर अब्दुलननसीर हेमत्ती ने इस क़दम को बुद्धिमानी और सही दिशा वाला बताया है।
उन्होंने बिना रक़म की जानकारी दिए बताया कि बैंक के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा का भंडार था। अर्थशास्त्रियों के मुताबिक़ कोरोना वायरस से उपजे आर्थिक संकट के दौर में चालू खाता और राजकोषीय घाटे पर हो रहे असर के कारण उन भंडारों का इस्तेमाल ज़रूरी हो गया है।
इस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल फाइनैंस में मिडिल ईस्ट एंड नॉर्थ अफ्रीका के मुख़्य आर्थिक सलाहकार गैब्रिस इरैडियन के मुताबिक़, ''बाज़ार में निवेश के लिए उनके पास सीमित विदेशी मुद्रा का भंडार है और अमरीका के प्रतिबंधों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग पड़ने के कारण अब आगे होने वाले किसी तरह की गिरावट को रोक पाना मुमकिन नहीं होगा।''
साल 2015 में ईरान ने अमरीका समेत 6 देशों के साथ एक न्यूक्लियर डील साइन की थी, लेकिन साल 2018 में अमरीका ने डील रद्द कर दी और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए। इसके कारण ईरान की मुद्रा का मूल्य लगभग 70 प्रतिशत कम हो गया।
सरकार ने आयातकों के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए कई एक्सचेंज दर तय करने की कोशिश की। लेकिन फ्री मार्केट में सेंट्रल बैंक के दख़ल के बाद भी रियाल की गिरावट जारी रही।
संयुक्त राष्ट्र वॉचडॉग ने ईरान को कहा है कि वो दो संदिग्ध पुराने परमाणु ठिकानों पर जाने की इज़ाजत दे। इसके अलावा कोरोना माहामारी के कारण व्यापक आर्थिक गिरावट से पैदा हुई नकारात्मकता के कारण हाल की गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन ये भी बड़े बदलाव की ओर ले जा सकते हैं।