क्या भारत में बीजेपी और नरेंद्र मोदी का जादू खत्म हो रहा है?

भारत में मार्च 2018 तक बीजेपी की 21 राज्यों में सरकारें थीं। कुछ राज्यों में बीजेपी अपने दम पर सरकार में थी और कुछ राज्यों में सहयोगी दलों की मदद से सरकार चला रही थी।

2019 में जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में बँटने से पहले भारत में कुल 29 राज्य थे। केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या 7 थी। अब राज्यों की संख्या घटकर 28 हो गई है। केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है।

महाराष्ट्र में एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बीजेपी एक और राज्य में सत्ता से बाहर हो गई है।

2018 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारने के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के लिए ताज़ा झटका है।

किसी एक राजनीतिक पार्टी का भारत में इस संख्या में राज्यों की सरकारों में होना पहली बार नहीं है। 1993 में कांग्रेस पार्टी की भारत के 26 राज्यों में से 16 राज्यों में सरकारें थीं। इनमें से 15 राज्यों में कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में थी।

भारत में 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले भारतीय जनता पार्टी सात राज्यों में सत्ता संभाल रही थी।

मार्च 2018 आते-आते बीजेपी तेज़ी से बढ़ते हुए 21 राज्यों में सरकार बनाने में सफल रही। बीजेपी ने चार साल में तिगुना विस्तार किया।

2015 में जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए बीजेपी ने पीडीपी से हाथ मिलाया था। इन चुनावों में पीडीपी 28, बीजेपी 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस 15 और कांग्रेस 12 सीटें जीत सकी थी। उस समय जम्मू-कश्मीर में कुल 87 विधानसभा सीटें थीं।

ये पहली बार था, जब पंजाब को छोड़कर पूरे उत्तर भारत में बीजेपी अकेले या अपने सहयोगी दलों के साथ सरकार में थी।

लेकिन बीजेपी का विस्तार 2018 से रुकना शुरू हुआ, जब कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बना ली। हालांकि ये सरकार ज़्यादा दिन नहीं चली और कुछ वक़्त बाद बीजेपी ने फिर से राज्य में सरकार बना ली।

महाराष्ट्र के ताजा नतीजों के बाद ये साफ़ है कि बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की राज्यों में पकड़ कम हो रही है।

हालांकि एक साल में बीजेपी जिन राज्यों में सत्ता से बाहर हुई है, उसकी संख्या बहुत ज़्यादा नहीं है। लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बीजेपी भारत के बड़े राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सत्ता से बाहर हो चुकी है जो बीजेपी के लिए बहुत बड़ा झटका है।

ये ऐसे राज्य हैं, जिनमें बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की पकड़ मज़बूत रही है। इन राज्यों की जनसंख्या भी दूसरे कई राज्यों के मुक़ाबले काफ़ी ज़्यादा है।

2011 की जनगणना के आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो 2018 में बीजेपी जिन राज्यों में सरकार में थी, वहां की कुल आबादी क़रीब 84 करोड़ थी। यानी भारत की कुल आबादी का 70 फ़ीसदी हिस्सा पर बीजेपी का शासन था।

हालिया चुनावों में हार के बाद बीजेपी की राज्य सरकारें भारत की कुल 47 फ़ीसदी आबादी पर राज कर रही हैं। यानी 2018 से क़रीब 23 फ़ीसदी की गिरावट आई है।

अब निगाहें दिसंबर में होने वाले झारखंड चुनावों पर हैं, जहां बीजेपी फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश में है।

लेकिन क्या ऐसा हो पायेगा कहना मुश्किल है!