सपा में बगावत या ड्रामा: अखिलेश और रामगोपाल का निलंबन वापस
फ़िलहाल समाजवादी पार्टी में अखिलेश की बगावत या कहे कि मुलायम-शिवपाल-अखिलेश-रामगोपाल का हाई वोल्टेज ड्रामा ख़त्म हो गया है। ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के भीतर मचा बवाल अब सुलझता नजर आ रहा है। पार्टी से छह साल के लिए निकाले गए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को 24 घंटे से भी कम समय में वापस ले लिया गया। दोनों को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को निकाले जाने की घोषणा की थी जिसके बाद नेताजी और अखिलेश के समर्थक आमने-सामने आ गए थे।
अखिलेश और रामगोपाल की वापसी की घोषणा खुद सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''नेताजी के आदेशानुसार अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव का निष्कासन तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाता है। सब साथ मिलकर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ेंगे और पुन: उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।''
सपा में अखिलेश और रामगोपाल की वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह के खिलाफ जल्द कोई बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। शिवपाल ने कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर जारी विवाद को भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। सभी से बातचीत के बाद सब कुछ तय कर लिया जाएगा और नई सूची बनाई जाएगी।
इससे पहले अखिलेश ने अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर समर्थक विधायकों व मंत्रियों के साथ बैठक की। बताया जाता है कि इसमें 2oo से अधिक विधायक पहुंचे। अखिलेश यादव बैठक में भावुक हो गए और कहा, मैं अपने पिता से अलग नहीं हूं। मैं यूपी जीत कर उन्हें तोहफे में दूंगा। उन्होंने साफ कहा कि वो नेताजी से दूर नहीं हैं। बैठक में वो विधायकों के सामने रो पड़े और कहा कि कुछ लोग हमें दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
अखिलेश की बैठक में पहुंचे विधायकों ने उनके प्रति अपना समर्थन जताया। इस समर्थन से अखिलेश अभिभूत नज़र आए और विधायकों का आभार जताया। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि वे हंगामा ना करें। उनके समर्थक अपने हाथों में बैनर पोस्टर लेकर आए थे।
समाजवादी पार्टी के लिए आजम खान संकटमोचन बन गए। आजम पिता-पुत्र दोनों के करीबी बताए जाते हैं। उन्होंने पहले मुलायम सिंह से मुलाकात की और उसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को लेकर मुलायम के घर पहुंचे जहां करीब एक घंटे बैठक हुई। इस बैठक के बाद सपा में चल रहा संकट खत्म हो गया। बैठक खत्म होते ही अखिलेश और रामगोपाल का निष्कासन वापस ले लिया गया।
मुलायम से मिलने शिवपाल भी अपने बेटे आदित्य यादव के साथ पहुंचे थे। सपा सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने अखिलेश से कहा, ''मैं कभी तुम्हारे खिलाफ नहीं था। तुम्हारे खिलाफ होता तो तुम्हें मुख्यमंत्री क्यों बनाता?''