सपा में विद्रोह: अखिलेश ने 235 समर्थक उम्मीदवारों की सूची जारी की

समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे के बाद उपजी नाराजगी को दूर करने की कोशिशें गुरुवार को दिनभर चली बैठकों के बावजूद बेनतीजा रहीं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद करते हुए देर शाम खत्म हुई विधायकों की बैठक के बाद 235 विधायकों की अपनी सूची जारी कर दी। इसमें मौजूदा सपा विधायकों में से 171 और जहां सपा के विधायक नहीं हैं, वहां के लिए 64 विधायकों के नाम घोषित किए गए हैं। अखिलेश ने मुलायम के खिलाफ खुल्ल्म- खुल्ला विद्रोह कर दिया है। देखना है कि मुलायम अब अखिलेश के खिलाफ क्या एक्शन लेते है?

माना जा रहा है कि यह विधायक या तो निर्दलीय या फिर किसी अन्य चुनाव निशान पर मैदान में उतरेंगे। इस संबंध में अखिलेश के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की है। बची 168 सीटों पर भी जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी किए जाने की संभावना है।

मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को ही पार्टी की सूची जारी की, लेकिन उसमें अखिलेश समर्थकों के नाम नहीं थे।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ सुबह 80 से ज्यादा समर्थक विधायक जुटे। बाद में अखिलेश की सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के साथ डेढ़ घंटे तक बैठक चली, लेकिन कोई कारगर फार्मूला सामने नहीं आया। अखिलेश ने विधायकों के बीच घोषणा कर दी कि वे क्षेत्र में जाएं और चुनाव लड़ने की तैयारी करें। अखिलेश के इस बयान के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। संभव है वे अपने समर्थक विधायकों को निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में उतारें।

गुरुवार को सुबह 11 बजते ही अखिलेश यादव के सैकड़ों समर्थकों की भीड़ उनके आवास पर जुट गई। नारों का दौर शुरू हो गया। अखिलेश-मुलायम जिंदाबाद के नारे बुलंद किए जाने लगे। एक-एक कर वहां पार्टी विधायकों के आने का सिलसिला चलता रहा..। पहले मुख्यमंत्री पहुंचे फिर मंत्री अरिवंद सिंह गोप, अभिषेक मिश्र, पवन पाण्डेय, राम गोविंद चौधरी समेत कई कद्दावर विधायक व मंत्री पहुंच गए। 12 बजते-बजते माहौल गरमा गया। सीएम आवास में भीतर केवल उन विधायकों और मंत्रियों को जाने की अनुमति दी गई जिन्हें मुख्यमंत्री ने बुलाया था। विधायकों का दावा है कि करीब 80 विधायक-मंत्री जुटे। इनमें अधिकांश वे थे, जिनके या तो टिकट काटे गए हैं या फिर उनके टिकटों की अभी कोई घोषणा हुई ही नहीं है।

इस दौरान मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई और उनके बहनोई भी सीएम आवास पर मौजूद रहे। फिर करीब 1.45 बजे अखिलेश यादव, अपने चाचा और फूफा के साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे। इससे पहले बैठक में सीएम ने एक-एक विधायक से अलग से बात की। उनका दुख-दर्द सुना और कहा कि जिसने काम किया है उसे टिकट मिलना ही चाहिए था। मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करने जा रहा हूं फिर लौट कर पूरी बात बताता हूं। कई विधायकों ने कहा कि मैं अब आपके लिए ही जी-जान से लड़ूंगा।

अखिलेश के मुलायम सिंह के घर पहुंचने के कुछ ही देर बाद प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को बुलाया गया। मुलायम के आवास पर करीब 3.11 बजे तक बैठक हुई। सूत्रों का दावा है कि कुछेक टिकट को बदलने पर सहमति बनती दिखी, लेकिन बाद में सभी को समाहित करने के मुद्दे पर कोई नतीजा नहीं निकला। सपा प्रमुख ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चहेतों के टिकट वापस करने के संबंध में कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया।

इसके बाद मुख्यमंत्री फिर अपने आ‌वास लौटे और विधायकों के साथ बैठक की। शाम 5 बजे जब बैठक खत्म हुई तो बाहर आए विधायकों ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने नेताजी के सामने पूरी बात रखी है। कहा है कि कौन सा सर्वे हुआ बताया जाए? किसने किया? यह जानकारी सामने रखी जाए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वे क्षेत्र में जाएं और चुनाव की तैयारी करें। वे उनके टिकट का इंतजाम करेंगे। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।