शशिकला का आत्मसमर्पण, नई पहचान कैदी संख्या 3295

बेंगलुरु की परपप्ना अग्रहारा जेल में शशिकला कैदी संख्या 3295 के रूप में जानी जाएंगी। दरअसल जेल प्रशासन ने यही कैदी संख्या उन्हें आवंटित किया है। इसी प्रकार मामले के दो अन्य दोषी इलरवासी और दिनकरण कैदी संख्या 3296 और 3297 के रूप में जाने जाएंगे।

बुधवार की शाम को तीनों आरोपियों की जेल प्रशासन ने मेडिकल परीक्षण कराया और इसके बाद नियमों के मुताबिक प्लेट, गिलास, कंबल आवंटित किया।

सूत्रों की मानें तो शशिकला को जेल में टीवी, टेबल फैन और गद्दा भी मुहैया कराया गया हैं। हालांकि, अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

सूत्रों ने बताया कि शशिकला ने श्रम के रूप में मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम चुना है। इसके लिए उन्हें रोजाना 50 रुपये की मजदूरी मिलेगी और रविवार को भी काम करना होगा।

इससे पहले अन्नाद्रमुक महासचिव शशिकला ने जज से ए श्रेणी की बैरक और 24 घंटे मेडिकल सुविधा की मांग की थी जिसे विशेष अदालत ने खारिज कर दिया। शशिकला को अब दो अन्य महिला कैदियों के साथ एक कोठरी में रहना होगा।

अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मिले चार साल कैद की सजा काटने के लिए बुधवार शाम को बेंगलुरु में आत्मसमर्पण कर दिया।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आत्मसमर्पण के लिए मोहलत देने की याचिका खारिज करते हुए तत्काल जेल जाने का आदेश दिया था।

शशिकला ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सड़कमार्ग से आत्मसमर्पण के लिए बेंगलुरु रवाना हुई। इससे पहले वह जयललिता और अन्नाद्रमुक संस्थापक एमजी रामचंद्रण के स्मारक पर जाकर अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

बेंगलुरु में परपप्ना अग्रहारा जेल में ही बनाई गई विशेष अदालत के समक्ष उन्होंने शाम करीब साढे पांच बजे आत्मसमर्पण किया। मामले में दोषी ठहराए गए इलवरासी और सुधाकरण ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है।

इस बीच उनके वकील ने कहा कि अब शशिकला सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर नहीं करेंगी।

बेंगलुरु की जिस जेल में शशिकला आत्मसमर्पण करने पहुंची, वहां पर कुछ उपद्रवियों ने तमिलनाडु की पंजीकृत गाड़ियों पर हमला कर दिया। अपृष्ट खबर के मुताबिक, शशिकला के वकील के वाहन पर भी हमला किया गया।

बेंगलुरु में चल रहे एयरो शो की वजह से हवाई अड्डा बंद था इसलिए शशिकला चेन्नई से बेंगलुरु सड़क मार्ग से पहुंची।

शशिकला को आत्मसमर्पण करने से दो सप्ताह की छूट देने की गुहार लेकर बुधवार को पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी की सुप्रीम कोर्ट ने कोई दलील नहीं सुनी।

शीर्ष अदालत ने कहा, शशिकला को तत्काल आत्मसमर्पण करना होगा। हम इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं करेंगे। जस्टिस पीसी घोष के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष बुधवार को शशिकला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी पेश हुए। उन्होंने मामले में त्वरित सुनवाई की मांग करते हुए शशिकला को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ मोहलत देने की मांगी की ताकि वह अपने कामकाज की व्यवस्था कर सकें।

तुलसी अपनी बात रख ही रहे थे कि अदालत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, हम इस पर कोई आदेश नहीं देना चाहते। हम फैसले में कोई बदलाव नहीं करने जा रहे। माफ कीजिये। हमने जो इतना लंबा आदेश दिया है उसमें सब कुछ पहले ही लिख दिया गया है और उसमें सभी बातें कही गई है। मैं एक भी शब्द बदलने नहीं जा रहा।

शशिकला की दिनभर की गतिविधि
- 10:41 बजे सुबह शीर्ष अदालत ने शशिकला को सरेंडर के लिए मोहलत देने की याचिका खारिज की
- 11: 48 बजे शशिकला पोएस गार्डन स्थित आवास से निकली, 12 बजे जयललिता की समाधि पर पहुंची
- 12: 56 बजे अन्नाद्रमुक प्रमुख चेन्नई के टीनगर स्थित एमजीआर मेमोरियल हाउस गईं, वहां से बेंगलुरु रवाना
- 5:15 बजे शाम शशिकला बेंगलुरु के परपप्ना अग्रहारा जेल पहुंची, 5: 40 बजे किया आत्मसमर्पण।