एसबीआई ने भारत का आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाया
भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री ने 2022-23 वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 7.5 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। इसकी वजह पहली तिमाही में विकास दर का अनुमान से कम रहना बताया गया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एसबीआई ग्रुप के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने हालांकि 2022-23 वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास दर के बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
इससे पहले बुधवार, 31 अगस्त, 2022 को जारी आंकड़ों में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बताया था कि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के कमज़ोर प्रदर्शन के चलते वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 13.5 प्रतिशत रही। अप्रैल 2022 से जून 2022 के बीच इस सेक्टर की विकास दर केवल 4.8 प्रतिशत ही रही।
सौम्य कांति घोष ने अपने पहले के अनुमान में बताया था कि पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 15.7 प्रतिशत की गति से विकास करेगी। भारतीय रिज़र्व बैंक ने तो सबसे अधिक 16.7 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था।
सौम्य कांति घोष ने कहा है कि जीडीपी के आंकड़े तथ्यों को सामने लाने से ज़्यादा छिपाते हैं। उन्होंने औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई} के आकलन के लिए सर्वेक्षण में शामिल वस्तुओं के समूह की समीक्षा करने की मांग की है।
इससे पहले इसकी समीक्षा 10 साल पहले 2012 में हुई थी। घोष के अनुसार, जीडीपी में हालांकि दहाई अंक में वृद्धि हुई है लेकिन यह बाज़ार की उम्मीदों से कम है। इसका कारण उन्होंने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती को बताया है।