नाकामियों को छुपाने की कोशिश में लगी मोदी की अनुभवहीन सरकार: विपक्ष

भारत में विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण में मोदी सरकार के आर्थिक विकास और गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए किए गए कामों और वायदों को झूठ का पुलिंदा करार देते हुए कहा कि यह एक अनुभवहीन सरकार की अपनी नाकामियों को छुपाने की कवायद भर है।

भारत के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया वक्त करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश के लिए रोजगार सृजन सबसे अहम मुद्दा है, लेकिन सरकार इस मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है।

कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा कि सरकार आज जिन नीतियों और समाज कल्याण योजनाओं को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह सब कांग्रेस के शासन काल में शुरू की गई योजनाएं है। भाजपा सरकार ने अपनी ओर से कुछ नहीं किया है सिवाय लोगों से झूठे वादे करने और उन्हें भ्रमजाल में फंसाए रखने के।

रेणुका चौधरी ने कहा किसानों की बात करने वाली मोदी सरकार के काल में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। युवा बेरोजगार हो गए है। नोटबंदी ने हजारों घर तबाह कर दिए। छोटे कारोबार खत्म हो गए। गरीब मर रहे हैं। यह सिर्फ नोटबंदी नहीं, बल्कि गला बंदी और देश बंदी भी है। सबको डरा कर चुप करा दिया गया है। मीडिया भी कुछ बोलने से डर रहा है। राष्ट्रपति भी मजबूर हैं। संवैधानिक मजबूरी है जो सरकार ने लिख कर दिया है उसे पढ़ना पढ़ रहा है।

पश्चिम बंगाल से कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने जो कुछ कहा है वह भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र जैसा है। कोरी बाते हैं जिन पर न तो अमल किया गया है और न ही किया जाएगा।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तारीक अनवर ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में कोई नई नीति, कोई नई बात कुछ नहीं है। न इसमें रोजगार की बात है, न मंहगाई दूर करने की बात है।

रेवल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एन प्रेमचंद्रन ने कहा कि नोटबंदी को लेकर इतना हल्ला मचाया गया, लेकिन अभिभाषण में इसका कहीं कोई जिक्र नहीं था। यह भी नहीं बताया गया कि इसके जरिए कितना काला धन बाहर आया? कितने पुराने नोट जमा हुए? सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। बाकी सब पुरानी नीतियां और बाते हैं। बस एक नयी बात सरकार ने जो की है, वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने से संबंधित है।