उत्तर प्रदेश: विदेशी लड़की से छेड़छाड़, विदेशी कपल को लाठी-डंडों से पीटा
फतेहपुर सीकरी में कुछ युवाओं द्वारा रविवार को लगभग एक घंटे तक स्विट्जरलैंड के एक जोड़े क्वेंटिन जेरेमी क्लेर्क और मैरी ड्रोक्स का पीछा करने, उन्हें प्रताड़ित करने और पत्थरों और डंडों से उन पर हमला करने की खबर सामने आई है।
मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। 4 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हमले के बाद पीड़ितों को आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आगरा में स्विट्जरलैंड के एक जोड़े पर रविवार को हुए हमले के संबंध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
सुषमा ने स्विट्जरलैंड के जोड़े पर हमले की खबर को साझा करते हुए ट्वीट कर कहा, ''मैंने इसे अभी देखा। मैने इस संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।''
सुषमा ने एक और ट्वीट कर कहा, ''मेरे मंत्रालय के अधिकारी अस्पताल में जाकर पीड़ित जोड़े से मिलेंगे।''
अधिकारियों ने दोपहर में जोड़े से मुलाकात की।
वहीं इस पूरी घटना पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया है। अखिलेश ने कहा कि विदेशी पर्यटकों को सेल्फी लेने के लिए पीटा जा रहा है। उत्तर प्रदेश का एंटी रोमियो स्क्वॉड कहां है? वह गुरुवार को समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे।
अखिलेश ने कहा, ''एंटी रोमियो स्क्वॉड का क्या हुआ? एक विदेशी युगल को फतेहपुर सिकरी में सेल्फी लेने के लिए पीटा गया। उत्तर प्रदेश में अप्रत्याशित रूप से अपराध और लूट की घटनाओं में इजाफा हुआ है। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।''
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 24 साल के क्वेंटिन जेरेमी क्लार्क अपनी गर्लफ्रेंड मैरी ड्रोज के साथ 30 सितंबर को भारत आए थे। उन्होंने बताया कि आगरा में एक दिन बिताने के बाद वे फतेहपुर सीकरी रेलवे स्टेशन के नजदीक खड़े थे, जब एक समूह ने उनका पीछा करना शुरू किया।
क्लार्क के अनुसार, ''शुरू में उन्होंने कुछ कहा, जो हमारी समझ में नहीं आया और फिर उन्होंने हमें रुकने को कहा ताकि वे मैरी के साथ सेल्फी ले सकें।''
शोषण जल्द ही हमले में बदल आया। दोनों की पिटाई की गई जिसमें क्लार्क के सिर में चोट आई है। डॉक्टर ने कहा कि उसके एक कान पर लगी चोट से सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है। मैरी ड्रोज का हाथ भी टूट गया है और कई जगह चोट के निशान हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, घायल अवस्था में दोनों वहीं पड़े रहे। आस-पास खड़े लोग अपने मोबाइल फोन पर उनकी विडियो उतारते रहे।
भयावह अनुभव को याद करते हुए क्लार्क ने कहा, ''लड़के मना करने के बावजूद हमारे साथ चलते रहे। पूरे रास्ते वह तस्वीरें लेते रहे और मैरी के पास आने की कोशिश करते रहे। जो कुछ भी हम समझ सके, उसके अनुसार वे हमारे नाम और आगरा में हमारे रहने की जगह पूछ रहे थे। उन्होंने हमें किसी जगह ले जाने को कहा, जिसपर हमने मना कर दिया। कुछ देर बाद मेरे ऊपर लाठियां और पत्थर बरसने लगे। जब मैरी ड्रोज ने रोका तो उसे भी नहीं छोड़ा गया।
मैरी ड्रोज ने कहा कि पहले मुझे लगा कि वह एक महिला पर हमला नहीं करेंगे, मगर वह गलत निकलीं। उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं पता उन्होंने क्यों हमला किया? वे हमारा कोई सामान नहीं ले गए।''
मैरी ड्रोज ने इस बात से भी इनकार किया कि वे दोनों 'किस' कर रहे थे। किसी एक स्थानीय पुलिसकर्मी ने 'भीड़ के गुस्से' के पीछे इसी को वजह बताने की कोशिश की थी, जिसे ड्रोज ने 'अफवाह' करार दिया।