वाराणसी पुल हादसा: 18 लोगों की दर्दनाक की मौत, चार अधिकारी सस्पेंड
भारत में उत्तर प्रदेश के कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा मंगलवार शाम करीब 5: 20 बजे गिर पड़ा। उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने वाराणसी में निर्माणाधीन पुल ढहने से अभी तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है। एक महिला समेत 12 के शव निकाले जा चुके हैं। पुल की शटरिंग के लिए बने पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गये।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने बताया कि आठ से 10 मोटरसाइकिल भी इसकी चपेट में आए हैं। अधिकारियों ने मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है। एक दर्जन से अधिक घायलों को मंडलीय अस्पताल एवं बी एच यू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। राहत कार्य में सेना के जवान व एन डी आर एफ की टीम लगी है।
प्रशासन ने पुल गिरने के कुछ घंटे बाद ही कार्रवाई करके चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एच सी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर के आर सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह और अवर अभियंता लालचंद शामिल हैं।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुल हादसे पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात की और घायलों को हरसंभव मदद मुहैया कराने का निर्देश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने हादसे में मृत लोगों के परिजनों को पांच लाख रुपये जबकि घायलों को दो-दो लाख रुपये की मदद देने का निर्देश दिया है। वहीं निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने के कारणों की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष कृषि उत्पादन आयुक्त आर पी सिंह होंगे। समिति में जल निगम और सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने समिति से 48 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है।
पहले से बने चौकाघाट फ्लाईओवर के विस्तारीकरण के तहत पिछले कई माह से कैंट-लहरतारा के बीच काम चल रहा है। फ्लाईओवर की सर्विस लेन से ही बनारस से इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र एवं भदोही जिलों के लिए बसों और सामान्य ट्रैफिक का आवागमन होता है। इससे पुल का निर्माण भी धीमा है। हादसे के समय जाम भी लगा था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ घटनास्थल पर देर रात पहुंचे। सी एम ने पहले घटनास्थल पर जाकर चल रहे बचावकार्य का जायजा लिया। इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों से मिलने गए।
योगी आदित्य नाथ ने वाराणसी में पुल गिरने के मामले में सेतु निगम के चीफ़ प्रोजेक्ट मैंनेजर एच सी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर राजेन्द्र सिंह और के आर सूडान को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही एक अन्य कर्मचारी लालचंद को भी सस्पेंड किया गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्विट कर के दी। इन अधिकारियों पर आरोप हैं कि निर्माण के दौरान उन्होंने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। सभी अधिकारियों को जल्द ही आरोप पत्र दिये जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन को युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य का निर्देश दिया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के अलावा राज्यमंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी को तत्काल मौके पर भेजा है।
राहत और बचाव कार्यों में एन डी आर एफ, पुलिस की कई टीमें जुटीं हैं। पुल की शटरिंग हटाने के लिए आधा दर्जन क्रेन भी पहुंच गईं हैं, लेकिन वजनी पिलर टस से मस नहीं हो पा रहे हैं। मौके पर जमा भारी भीड़ के कारण भी राहत और बचाव कार्य में बाधा आई। कैंट और लहरतारा की ओर जाने वाले सभी रास्तों पर यातायात रोक दिये जाने के बाद भी सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गये हैं।
मंगलवार शाम कैंट रेलवे स्टेशन के पास जिस रोड पर निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिरा है, वह कई जिलों को बनारस से जोड़ती है। इस रोड से ही भदोही, इलाहाबाद के अलावा मिर्जापुर, सोनभद्र होते मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के लिए वाहनों का आवागमन होता है। इनमें यात्री वाहनों के अलावा व्यावसायिक वाहन भी होते हैं।
वहीं राजघाट पुल से भारी वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित होने के बाद गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़ से चंदौली, बिहार और झारखंड जाने वाले बड़े वाहन भी कैंट-लहरतारा रोड से हाईवे पहुंचते हैं। इस नाते इस रोड पर छोटे व बड़े वाहनों का हमेशा दबाव रहता है। यहां अमूमन जाम की स्थिति रहती है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चौकाघाट फ्लाईओवर हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने इस घटना की सूचना मिलते ही ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि ''मैं यहां योगी आदित्यनाथ सरकार सरकार से यह अपेक्षा करता हूँ कि वाराणसी के इस हादसे में वह केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भागेगी। इस मामले में सरकार से पूरी ईमानदारी से जांच की भी अपेक्षा है। उम्मीद है कि सरकार ईमानदारी से इस हादसे की जांच करवायेगी।'' उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे लोग घटनास्थल पर बचाव दल का हर संभव सहयोग करें।
निर्माणाधीन लहरतारा फ्लाईओवर का बीम गिरते ही कैंट स्टेशन से लहरतारा तक अफरातफरी मच गई। हादसा करीब पांच बजे हुआ। डेढ़ घंटे बाद क्रेन पहुंची। क्रेन के सहारे बीम को हल्का सा उठाया गया। जानकारी के मुताबिक, बीम के नीचे दो ऑटो भी दब गये लेकिन उसमें बैठे लोग बाल-बाल बच गए। उन्हें मामूली चोट लगी थी। दो बाइक भी दब गईं लेकिन बाइक सवार बच गए। मामूली रूप से घायल व्यक्तियों का लहरतारा स्थित रेलवे के मंडलीय अस्पताल में इंलाज कराया गया है।