जीएन साईबाबा ने जेल से बाहर आने के बाद क्या कहा?

जीएन साईबाबा ने जेल से बाहर आने के बाद क्या कहा?

गुरुवार, 7 मार्च 2024

भारत में स्थित दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफे़सर जीएन साईबाबा ने माओवादियों के साथ कथित संबंधों के मामले में जेल से रिहा होने के बाद मीडियाकर्मियों से बात की।

जीएन साईबाबा ने कहा, "अगर देश का संविधान 50 फ़ीसदी भी लागू हो तो निश्चित तौर पर बदलाव होगा। मुझे इसकी उम्मीद है।"

जीएन साईबाबा से एक रिपोर्टर ने जेल से बाहर निकलने की उम्मीद पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, "देखिए उम्मीद ही ऐसी चीज थी जिसने मेरी मदद की और मैं इन सब चीज़ों से गुजर पाया। ये आश्चर्य है कि मैं जेल से जीवित बाहर निकल पाया।"

माओवादियों से कथित संबंध के मामले में बरी किए गए दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफे़सर जीएन साईबाबा नागपुर की सेंट्रल जेल से गुरुवार, 7 मार्च 2024 को बाहर आ गए।

पाँच मार्च 2024 को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने जीएन साईबाबा, हेम मिश्रा, महेश तिर्की, विजय तिर्की, नारायण सांगलीकर, प्रशांत राही और पांडु नरोट (निधन) को माओवादियों से कथित संबंध के मामले में बरी कर दिया था।

जीएन साईबाबा साल 2017 में भारत के राज्य महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत के फ़ैसले के बाद से जेल में थे।

इससे पहले वह साल 2014 से 2016 के बीच भी जेल में रहे लेकिन उस समय बेल पर बाहर आ गए थे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, जेल से बाहर आने पर जीएन साईबाबा ने मीडियाकर्मियों से कहा, "मेरा स्वास्थ्य बेहद खराब है। मैं बात नहीं कर सकता। पहले मुझे इलाज करवाना होगा, तभी मैं बोलने के लायक हो पाऊंगा।''

नागपुर बेंच ने मंगलवार, 5 मार्च 2024 को ही साईबाबा की उम्रकैद की सज़ा को ये कहते हुए पलट दिया था कि अभियोजन पक्ष उन पर लगे आरोपों को साबित नहीं कर सका।

54 साल के साईबाबा व्हीलचेयर से चलते हैं और 99 फ़ीसदी विकलांग हैं। वह पिछले 11 साल से नागपुर की सेंट्रल जेल में कैद थे।