जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने समर्थन वापस लिया, महबूबा सरकार अल्पमत में
जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार से भारतीय जनता पार्टी ने अपना समर्थन वापसी का ऐलान किया है। मंगलवार को बीजेपी प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार और आगे चलाना संभव नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ सलाह मशविरा के बाद किया गया है।
बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी है। इसके साथ ही, बीजेपी के मंत्रियों ने भी अपना इस्तीफा भेज दिया है। जिसके बाद राज्य में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन सरकार का गिरना अब तय है। ऐसा माना जा रहा है कि शाम तक महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगी।
राम माधव ने कहा कि सबकी सहमति से इस गठबंधन को खत्म करने का फैसला किया गया। राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए पीडीपी के साथ गठबंधन किया गया था। जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए केन्द्र सरकार ने भरपूर मदद की।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व पीडीपी के पास था। पीडीपी ने अड़चन डालने का काम किया। दायित्व निभाने में महबूबा पूरी तरह से नाकाम रही। जम्मू और लद्दाख के विकास की अनदेखी की गई। ऐसे में बीजेपी के मंत्री ठीक से काम नहीं कर सके।
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रभारी राम माधव ने कहा कि बीजेपी ने यहां पर राष्ट्रपति शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब राष्ट्रपति शासन से ही प्रदेश में हालत सुधरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार से समर्थन वापसी के बावजूद जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के सभी बीजेपी मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्ष को नई दिल्ली बुलाया था। ऐसा माना जा रहा था कि पीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर अमित शाह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
2014 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 87 सीटों में से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को 28, बीजेपी को 25 और नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीट मिली थी। जबकि कांग्रेस को 12 और अन्य को 9 सीटें मिली थी।