महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा किया, राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी

जम्मू-कश्मीर में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किया गया। इसके कुछ देर बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार की रात विधानसभा को भंग कर दिया। राज्यपाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गयी है।

इससे कुछ समय पहले ही जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के समर्थन से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

मुफ्ती ने आज राज्यपाल सत्यपाल मलिक को लिखे पत्र में कहा था कि राज्य विधानसभा में पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी है जिसके 29 सदस्य हैं। उन्होंने लिखा, ''आपको मीडिया की खबरों में पता चला होगा कि कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस ने भी राज्य में सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है। नेशनल कान्फ्रेंस के सदस्यों की संख्या 15 है और कांग्रेस के 12 विधायक हैं। अत: हमारी सामूहिक संख्या 56 हो जाती है।''

महबूबा ने अपने पत्र में कहा, ''चूंकि इस समय मैं श्रीनगर में हूँ। इसलिए मेरा आपसे तत्काल मुलाकात करना संभव नहीं होगा और यह आपको इस बाबत सूचित करने के लिए है कि हम जल्द ही राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आपकी सुविधानुसार मिलना चाहेंगे।''

इससे पहले मार्च 2015 में पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन सरकार बनाई थी। मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने। उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। लेकिन जून 2018 में पीडीपी और भाजपा में गठबंधन टूट गया। इस वक्त जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन है। राज्यपाल शासन के छह माह 19 दिसंबर को पूरे हो रहे है।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 87 सीटें हैं। राजनीतिक पार्टियों की सीटें इस प्रकार है :
पीडीपी - 28
बीजेपी - 25
नेशनल कॉन्फ्रेंस - 15
कांग्रेस - 12
जेकेपीसी - 2
निर्दलीय - 3
सीपीएम - 1
जेकेपीडीएफ़ - 1