बाबरी मस्जिद ध्वंस की बरसी और डाॅ. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर वामपंथी पार्टियों का अम्बेडकर प्रतिमा पर धरना
6 दिसंबर को लखनऊ में बाबरी मस्जिद ध्वंस की बरसी और डाॅ. अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर वामपंथी पार्टियों ने अम्बेडकर प्रतिमा पर धरना दिया। पूरे देश के पैमाने पर आज वामपंथी पार्टियों ने धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, संविधान की रक्षा व साम्प्रदायिक फासीवाद के खिलाफ जनअभियान चलाने तथा काला दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
इसी देशव्यापी आह्वान पर लखनऊ में हजरतगंज स्थित डाॅ अम्बेडकर की प्रतिमा पर वामपंथी पार्टियों ने धरना दिया और प्रतिरोध सभा की।
धरने की अध्यक्षता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव मोहम्मद खालिक ने की। इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आर एस एस के नेतृत्व में भगवा बिग्रेड ने 6 दिसम्बर को बाबरी मस्जिद के ध्वंस को इसलिए चुना क्योंकि उनका संविधान और उसको लिखने वाले डाॅ. अम्बेडकर में कोई आस्था नही। वो मनु स्मृति को मानने वाले लोग मुस्लिम और इसाई विरोधी होने के साथ-साथ मूलरूप में दलित विरोधी भी हैं। वर्तमान दौर में इन फासीवादी ताकतों से लड़ना है तो मार्क्स और अम्बेडकर के विचारों को मानने वालों को मिलकर संघर्ष करना होगा। लाल सलाम, जय भीम इस संघर्ष का नारा होगा जिसमें देश की प्रगतिशील ताकतों के साथ दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाओं के आन्दोलनकारी भी शामिल होंगे।
वाम आन्दोलन सर्वहारा का पक्षधर रहा है और देश में सर्वहारा वर्ग का सबसे बड़ा हिस्सा दलित, पिछड़े व आदिवासी वर्ग से आता है, जो भूमिहीन है, कृषि मजदूर है व अनेक तरीके से शोषण का शिकार हैं। आज की जरूरत है कि हम भारत के संविधान की धज्जियां उड़ाने वाले फर्जी राष्ट्रवादियों के खिलाफ किसान, मजदूर, महिलाओं, दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों की बड़ी एकता कायम करें जो मार्क्स और अम्बेडकर के विचारों को आगे बढ़ाते हुए समतामूलक समाज के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ें।
आज के धरने को सीपीआई के जिला सचिव मोहम्मद खालिक, सीपीआई (एमएल) के जिला सचिव रमेश सिंह सेंगर, सीपीआई (एम) जिला सचिव प्रदीप शर्मा, महिला फेडरेशन से आशा मिश्रा, जनवादी महिला समिति से सीमा राना, किसान सभा से प्रवीन सिंह, एपवा से मीना सिंह, एक्टू से सुरेन्द्र कुमार, सीपीआईएमएल से राजीव, सीपीआईएम से प्रेम कुमार, अनुपम यादव, सीपीआई से फूलचन्द्र, ई-रिक्शा चालक यूनियन से मोहम्मद अकरम, कलम से रिषी, जन संस्कृति मंच से कौशल किशोर आदि ने सम्बोधित किया।