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8 नवंबर की नोटबंदी के बाद पूरा देश लाइन में खड़ा है

मोदी सरकार ने फिर से बेतुका कदम उठाया है। नोटबंदी जैसा बेवकूफीभरा कदम उठाने के बाद फिर हवाई तीर चलाया है जिसका कोई परिणाम नहीं आने वाला है। जैसा कि कांग्रेस वाईस प्रेजिडेंट राहुल गाँधी ने नोटबंदी को मोदी सरकार का मूर्खतापूर्ण कदम कहा। 8 नवंबर की नोटबंदी के बाद पूरा देश लाइन में खड़ा है। इससे बाद भारी तादाद में लोगों ने अपने-अपने खातों में 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम जमा की। अब सरकार की नजर उन खातों पर है जिसमें नोटबंदी के बाद 2 लाख या उससे ज्यादा की रकम जमा की गई है।

इस सिलसिले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को निर्देश जारी किया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि नोटबंदी के बाद जिन खातों में 2 लाख या उससे ज्यादा की रकम जमा की गई है उन खातों को जब तक पैन कार्ड से लिंक न किया जाए या फिर फॉर्म 60 भर कर ना दिया जाए, तब तक उसके लेन-देन पर रोक लगा दिया जाए।

दरअसल मोदी सरकार को आशंका है कि कुछ पैसों के लालच या फिर दवाब में भारी तादाद में लोगों ने अपने खाते में दूसरे लोगों के पैसों को जमा करा दिया है। लिहाजा ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए रिजर्व बैंक ने ये निर्देश जारी किया है।

पैन कार्ड से लिंक करना या फिर फॉर्म 60 भरना कोई मुश्किल काम नहीं है जो दूसरों के अकाउंट में पैसा जमा करा सकते है। अगर ये सच है तो मोदी सरकार के इस कदम को भी बेअसर कर सकते हैं। इसलिए मोदी सरकार और उनके नोटबंदी के सिपहसलारों को हवाई किला खड़ा करने की जगह प्रभावी कदम उठाने चाहिए।

सबसे बड़ा सवाल कि मोदी सरकार के इस कदम से कोई फर्क पड़ेगा या नोटबंदी की तरह टॉय-टॉय फिस्स हो जायेगा ! क्या वाकई ऐसे लोगों पर रिज़र्व बैंक शिकंजा कस पायेगा? क्या दो लाख पर टैक्स लगता है?

दरअसल ये सब मोदी सरकार की लोगों को कैश नहीं देने की कवायद है। इससे नोटबंदी पर मोदी सरकार कुछ दिनों तक अपनी असफलता छिपा सकती है, लेकिन यह लंबे समय तक चलने वाला नहीं है।