पश्चिम बंगाल / उड़ीसा

ओडिशा: भुवनेश्वर में फ्लाईओवर गिरा, एक शख्स की मौत

भारत में ओड़िशा की राजधानी भुवनेश्वर के बोमीखल के पास एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा गिर जाने से कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि करीब तीन से चार व्यक्तियों के मलबे में फंसे होने का संदेह है। दोपहर में जब फ्लाईओवर का हिस्सा धराशायी हुआ तो करीब 15 मजदूर काम कर रहे थे जो उसके नीचे दब गए।

ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटना पर दुख व्यक्त किया और मृतक के परिजनों के लिए पांच लाख रूपये की अनुग्रह राशि और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की।

उन्होंने कहा, ''दोषी पाये गए व्यक्तियों को कड़ी सजा मिलेगी।''

राजस्व मंडल आयुक्त, केंद्रीय डिविजन ए बी ओत्ता ने संवाददाताओं को बताया कि 39 वर्षीय उद्यमी सत्य पटनायक की मृत्यु हो गई। जब फ्लाईओवर धराशायी हुआ तो वह अपनी पुत्री शीतल के साथ उसके नीचे थे।

राजस्व मंडल आयुक्त ने कहा कि पटनायक की पुत्री गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे एम्स, भुवनेश्वर में भर्ती कराया गया है।

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू बरकरार

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू बरकरार है। हाल ही में हुए सात नगर निकाय चुनावों में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने सभी पर जीत हासिल की है।

गुरुवार (17 अगस्त) को जारी चुनाव परिणामों में टीएमसी ने सबसे बड़ी नगरपालिका दुर्गापुर के साथ-साथ हल्दिया और कूपर्स कैम्प नोटिफाइड एरिया में क्लीन स्विप हासिल कर लिया। इन तीनों नगर निकायों में विपक्षी पार्टी बीजेपी अपनी मौजूदगी भी दर्ज नहीं करा सकी।

काफी जोर आजमाइश करने के बाद भी विपक्षी बीजेपी को धुपगुरी नगरपालिका में 16 में से चार सीटें मिलीं। इसके अलावा बीजेपी को पंसकुड़ा और बुनियादपुर नगरपालिका में भी एक-एक सीट से ही संतोष करना पड़ा।

उधर, सीपीएम की अगुवाई वाले लेफ्ट फ्रंट ने नलहट्टी नगरपालिका में जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है।

सभी सात नगरपालिका की कुल 148 सीटों में से 140 पर तृणमूल कांग्रेस और 6 पर बीजेपी जबकि एक-एक सीट पर लेफ्ट फ्रंट और निर्दलीय उम्मीदवार की जीत हुई है।

टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ''राज्य में विपक्ष ने कोई सकारात्मक और सृजनात्मक भूमिका नहीं निभाई। वे सिर्फ नकारात्मक राजनीति के जरिए सत्तारूढ़ दल पर सिर्फ राजनीतिक आक्रमण और ममता सरकार की निंदा करते रहे। वे लोगों को सरकार के खिलाफ उकसाते रहे, मगर नतीजा सब के सामने है। हमारी पार्टी ने सभी नगरपालिकाओं में जीत दर्ज की है क्योंकि हमलोग विकास की बात करते हैं और सब जगह विकास करते हैं।''

दुर्गापुर नगर निगम चुनावों में टीएमसी ने 43 वार्डों में जीत दर्ज की है। यहां के चुनाव प्रभारी और ममता सरकार में खेल मंत्री अरूप विश्वास ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिमी बर्दवान में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए उसे अलग जिला बनाने का ऐलान किया है। यहां के जनमानस ने मुख्यमंत्री पर भरोसा जताया है।

उन्होंने कहा कि वो इस जीत के लिए वहां के लोगों का आभार प्रकट करते हैं। मंत्री ने कहा कि लोगों ने बीजेपी की नकारात्मक राजनीति और दंगे की कोशिशों को खारिज कर दिया है और बिहार-झारखंड से भाड़े पर लाए गए लोगों के प्रयासों को कुचल दिया है।

दार्जिलिंग में जीजेएम का आंदोलन बेकाबू हुआ, प्रशासन ने बुलाई सेना

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गुरुवार (8 जून) को सेना बुलानी पड़ गई। पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में ये हालत तब पैदा हो गई जब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के आंदोलनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।

इसके अलावा, आंदोलन को रोकने के लिए आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करने वाले पुलिस कर्मियों पर पथराव भी किया। जीजेएम के आंदोलनकारियों ने पुलिस के खिलाफ बोतलों और पत्थरों से हमला कर दिया। हजारों आंदोलनकारियों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन को सेना बुलानी पड़ गई।

यह हिंसा भानु भवन के पास भड़की, जहां जीजेएम के समर्थकों ने गोरखाओं के लिए एक अलग राज्य की मांग के लिए दबाव बनाने हेतु रैली का आयोजन किया था।

खास बात ये है कि जहां ये हिंसा भड़की वहां से मात्र 500 मीटर की दूर पर सीएम ममता बनर्जी अपने दो दर्जन मंत्रियों के साथ कैबिनेट मीटिंग कर रहीं थी। ममता बनर्जी ने 45 साल के बाद दार्जिलिंग में पहली बार कैबिनेट की बैठक की है।

पश्चिम बंगाल में साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार ममता बनर्जी को किसी घटना को काबू में करने के लिए सशस्त्र सेनाओं को बुलाना पड़ा है। जीजेएम कार्यकर्ताओं ने इस आंदोलन की घोषणा तब की थी जब पिछले सप्ताह सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के स्कूलों में दसवीं तक बंगाली भाषा को अनिवार्य रुप से पढ़ाने की घोषणा की थी।

ममता बनर्जी की इस घोषणा का जबर्दस्त विरोध हुआ था। गुरुवार को ममता बनर्जी जैसे ही दार्जिलिंग में कैबिनेट की बैठक खत्म कर बाहर आईं, प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी और सीएम का पुतला जलाना चाहा, लेकिन जब पुलिस ने लोगों को रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारी उग्र हो गये और पत्थरबाजी करने लगे, पुलिस ने इन लोगों को रोकने के लिए लाठियां चलाई और आंसू गैस के गोले छोड़े।

घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने स्थानीय चैनलों का प्रसारण बंद कर दिया है। इधर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने बंगाली भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा कर दी है। सीएम ममता बनर्जी ने भी हालात को देखते हुए एक मीटिंग बुलाई है।